जयपुरः राजस्थान सरकार ने राज्य में खनिज संसाधनों के दोहन को गति देने और पारदर्शी प्रक्रिया के तहत खनन पट्टों के आवंटन हेतु 12 प्रमुख खनिज ब्लॉकों की ई-नीलामी की प्रक्रिया आरंभ कर दी है. खान एवं भूविज्ञान विभाग द्वारा जारी नोटिस इन्वाइटिंग बिड (NIB) के अनुसार ये ब्लॉक फ्लोराइट, तांबा, लेड-जिंक, मैंगनीज, लाइमस्टोन, आयरन ओर और एमराल्ड जैसे मूल्यवान खनिजों से भरपूर हैं.
खान विभाग द्वारा नीलाम किए जाने वाले ब्लॉक्स में से 7 ब्लॉक पहले भी नीलामी प्रक्रिया में प्रस्तुत किए जा चुके हैं, जिनकी यह दूसरी कोशिश है, जबकि शेष 5 ब्लॉक पहली बार ई-नीलामी में शामिल किए जा रहे हैं. विभाग ने सभी ब्लॉकों की नीलामी 25 जून 2025 से MSTC पोर्टल पर टेंडर बिक्री के साथ आरंभ कर दी है, जिसकी अंतिम तिथि 10 जुलाई 2025 रात 12 बजे निर्धारित की गई है. नीलामी के लिए बोली जमा कराने की अंतिम तिथि 30 जुलाई दोपहर 1 बजे तक रखी गई है.
क्या है खास इन ब्लॉकों में?
जालोर जिले का चटवारा ब्लॉक फ्लोराइट खनिज के लिए जाना जाता है और पूर्व में रद्द की गई लीज के स्थान पर फिर से नीलामी में लाया गया है. वहीं भीलवाड़ा जिले के समोदी वेस्ट व बांसवाड़ा के गररिया ब्लॉक में बहुमूल्य खनिज जैसे कॉपर-लेड-जिंक और मैंगनीज की दूसरी बार नीलामी हो रही है. सवाई माधोपुर का चौथ का बरवाड़ा ब्लॉक लीड-जिंक का बड़ा स्रोत माना जा रहा है, जबकि ब्यावर जिले के शाहपुरा और कुराटिया ब्लॉक में कॉपर एवं गोल्ड की संभावनाओं ने निवेशकों का ध्यान आकर्षित किया है. लाइमस्टोन के लिए जैसलमेर के तीन ब्लॉक – खाभिया, खाभिया ईस्ट और पारेवार (SN-IV) – को सूचीबद्ध किया गया है. लाइमस्टोन सीमेंट उद्योग की रीढ़ माना जाता है और इन ब्लॉकों की नीलामी से राज्य में निर्माण उद्योग को मजबूती मिलेगी.
विशेष रुचि का विषय बने हैं दो नए ब्लॉक:
भीलवाड़ा जिले के कजलोडिया-सुल्तानगढ़ ब्लॉक में पहली बार आयरन ओर की नीलामी हो रही है, जो स्टील उद्योग के लिए बेहद उपयोगी खनिज है. वहीं कोटपुतली-बहरोड़ जिले का बगवास ब्लॉक, जो पहले जयपुर जिले में था, उसमें भी आयरन ओर की पहली नीलामी हो रही है. सबसे अहम है राजसमंद जिले का मोजावतो का गुढ़ा ब्लॉक, जहां पहली बार कीमती रत्न एमराल्ड की ई-नीलामी की जाएगी. इससे प्रदेश को जेम्स एंड ज्वैलरी सेक्टर में नई पहचान मिल सकती है.
निवेशकों के लिए सुनहरा अवसर
राज्य सरकार का उद्देश्य पारदर्शी, प्रतिस्पर्धात्मक और न्यायोचित तरीके से खनन पट्टों का आवंटन करना है. MSTC पोर्टल के माध्यम से प्रक्रिया को पूरी तरह डिजिटल रखा गया है, जिससे बोलीदाताओं को सुविधा मिलेगी और राज्य सरकार को बेहतर राजस्व प्राप्त हो सकेगा. प्रमुख सचिव खान विभाग टी. रविकांत और निदेशक दीपक तंवर के मार्गदर्शन में यह नीलामी प्रक्रिया हो रही है. अधिकारियों के अनुसार इन 12 ब्लॉकों की सफल नीलामी से राज्य को हजारों करोड़ रुपये के निवेश, नवीन रोजगार के अवसर और स्थानीय विकास की दिशा में सकारात्मक परिणाम मिलेंगे.राजस्थान देश के खनिज मानचित्र पर एक महत्वपूर्ण राज्य रहा है. इन 12 ब्लॉकों की ई-नीलामी से न सिर्फ़ खनिज क्षेत्र में पारदर्शिता और प्रतिस्पर्धा को बल मिलेगा, बल्कि प्रदेश की आर्थिक प्रगति और औद्योगिक आधार को भी मज़बूती प्राप्त होगी.