Rajasthan Politics: आखिर क्या देखा चंद्र प्रकाश जोशी में बीजेपी आलाकमान ने ? समझिए सियासी मायने

जयपुर: राजस्थान विधानसभा चुनावों को लेकर बीजेपी ने प्रदेश संगठन में बड़ा बदलाव करते हुए सतीश पूनिया की जगह चितौड़गढ़ से लोकसभा सांसद सीपी जोशी को नया अध्यक्ष बनाया है. ऐसे में अब एक बड़ा सवाल खड़ा हो रहा है कि आखिर चंद्र प्रकाश जोशी में बीजेपी आलाकमान ने क्या देखा है ? राजनीतिक जानकारों की माने तो पीएम मोदी और जेपी नड्डा को सीपी जोशी की साफगोई पंसद थी. 

इसके साथ ही अमित शाह की पसंद के तौर पर सदैव चर्चा में रहे. जब वल्लभनगर उप चुनाव में "सीपी" पर आरोप लगे थे तब आलाकमान को सीपी जोशी ने पूरी हकीकत बताई थी. उसके बाद आरोप पूरी तरह बेबुनियाद साबित हुए. सीपी जोशी काजल की कोठरी से बेदाग होकर निकले. यही से उनके सियासी करियर का टर्निंग प्वॉइंट शुरू हुआ. गुलाबचंद कटारिया को जब असम का राज्यपाल बनना तय हुआ उस समय ही सीपी जोशी को बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष पद लाया जाना तय हो गया था. सीपी को गुटबाजी के बीच एक कॉमन फेस के तौर पर लाया गया है. 

उनकी तरफ से कार्यकर्ताओं को माला नहीं पहनाने का सख्त निर्देश:
अब मेवाड़ को चंद्र प्रकाश जोशी साधने का काम करेंगे. जोशी का सियासी इतिहास कुछ भी रहा हो लेकिन आज उनकी गिनती बीजेपी के खांटी नेताओं में होती है. राजस्थान में चित्तौड़ आरएसएस के तीन प्रांतों में एक है. मातृ संगठन की रिपोर्ट भी उनके नाम पर पॉजिटिव थी. पीएम मोदी को सीपी के स्वभाव की एक बात अच्छी लगी कि वो सूर्यास्त के बाद भोजन नहीं करते. इसके साथ ही उनकी तरफ से कार्यकर्ताओं को माला नहीं पहनाने का सख्त निर्देश है. अब "ब्रह्रा शक्ति" के भरोसे बीजेपी ने सीपी दांव चला है ! लेकिन उनके सामने बंटी बीजेपी को चुनाव से पहले एकता का संदेश देना है.