जयपुर: पर्यटन, कला एवं संस्कृति विभाग ने राज्य में पर्यटन को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने के लिए अपनी सभी संबद्ध शाखाओं को ठोस और समयबद्ध कार्ययोजना के साथ आगे बढ़ने के निर्देश दिए हैं. प्रमुख शासन सचिव राजेश यादव की अध्यक्षता में हुई उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में विभाग की विभिन्न इकाइयों द्वारा प्रपत्रों में प्रस्तुत बिंदुओं पर गंभीर मंथन हुआ और उनकी कार्यान्वयन योजना पर चर्चा की गई.
आज पर्यटन निदेशक रुक्मणि रियार व अन्य अधिकारियों की मौजूदगी में बैठक में मेला एवं उत्सव शाखा, पर्यटक सुरक्षा बल, लेखा शाखा, विकास शाखा, निवेश शाखा, राजस्थान पर्यटन सूचना केंद्र (जयपुर), आरटीडीसी, राजस्थान धरोहर प्राधिकरण, पुरातत्व विभाग, आमेर विकास एवं प्रबंधन प्राधिकरण, रविंद्र मंच, तथा जवाहर कला केंद्र की कार्ययोजनाओं की समीक्षा की गई.
- मेला-उत्सव शाखा को निर्देश दिए गए कि राज्यभर में आयोजित होने वाले प्रमुख मेलों एवं उत्सवों की सूची पूर्व निर्धारित की जाए और उसकी व्यापक ब्रांडिंग की जाए, ताकि राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय पर्यटक आकर्षित हों.
- पर्यटक सुरक्षा बल (Tourist Police) को अधिक सक्रिय बनाने और संवेदनशील स्थानों पर तैनाती बढ़ाने की कार्ययोजना प्रस्तुत की गई. इसके अंतर्गत विशेष रूप से जयपुर, जोधपुर, उदयपुर जैसे पर्यटन शहरों को प्राथमिकता दी जाएगी.
- लेखा शाखा को वित्तीय प्रक्रियाओं के डिजिटलीकरण और समयबद्ध ऑडिट सुनिश्चित करने हेतु स्पष्ट निर्देश दिए गए.
- विकास शाखा से अपेक्षा की गई कि पर्यटन स्थलों के अधोसंरचना विकास हेतु प्रस्तावित परियोजनाओं को 2025-26 की समयावधि में पूरा किया जाए.
- निवेश शाखा द्वारा पर्यटन निवेश नीति के अंतर्गत निजी निवेश आकर्षित करने की दिशा में किए गए प्रयासों की रिपोर्ट साझा की गई. विभाग ने निर्देश दिए कि PPP मोड में नए प्रोजेक्ट्स को चिन्हित कर उन्हें निवेश के लिए शीघ्र प्रस्तुत किया जाए.
- RTDC को अपने होटलों, मोटलों एवं कैफेटेरिया की सेवाओं को पर्यटन सीजन से पहले अपग्रेड करने की योजना प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए.
- राजस्थान धरोहर प्राधिकरण और पुरातत्व विभाग को राज्य की विरासत संपत्तियों का डिजिटाइजेशन, रख-रखाव, एवं संरचनात्मक पुनरुद्धार की संयुक्त कार्य योजना तैयार करने को कहा गया.
- आमेर विकास एवं प्रबंधन प्राधिकरण से आमेर महल क्षेत्र में भीड़ नियंत्रण, ई-गाइडिंग सिस्टम और पर्यटक सुविधाओं में नवाचार के प्रस्ताव मांगे गए.
- रविंद्र मंच और जवाहर कला केंद्र को सांस्कृतिक गतिविधियों की सघन श्रृंखला तैयार करने, स्थानीय कलाकारों को मंच देने और दर्शकों को आकर्षित करने के लिए डिजिटल प्रचार रणनीति पर कार्य करने को कहा गया.
प्रमुख सचिव राजेश यादव ने कहा कि "राजस्थान की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत हमारी सबसे बड़ी पूंजी है. हमें इसे सिर्फ संजोना नहीं, बल्कि इसे वैश्विक स्तर पर प्रोजेक्ट करने की जरूरत है. सभी विभागों को अपनी कार्ययोजना में पारदर्शिता, समयबद्धता और नवाचार सुनिश्चित करना होगा." आगामी तिमाही में इन कार्ययोजनाओं की पुनः समीक्षा की जाएगी, जिससे राज्य के पर्यटन क्षेत्र को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाया जा सके. यह बैठक राज्य में पर्यटन, संस्कृति और धरोहर के समेकित विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखी जा रही है.