जयपुर: बस सारथी भले ही रोडवेज को नुकसान पहुंचा रहे हैं लेकिन रोडवेज़ प्रबंधन बस सारथियों पर पूरी तरह से मेहरबान है.रोडवेज़ प्रबंधन ने ब्लैकलिस्टेड हो चुके 289 बस सारथियों को फिर से बहाल कर दिया है.
राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम में ब्लैक लिस्ट किए गए करीब 289 बस सारथियों को बहाल कर दिया गया है. अब इन बस सारथियों को वापस बसों के संचालन की कमान मिलेगी. बिना टिकट यात्रा कराने सहित अन्य अनियमितताओं में लिप्त पाए जाने पर इन बस सारथियों को ब्लैक लिस्ट किया गया जाता है. रोडवेज में कई बसें निजी फर्म की ओर से चलाई जाती है. इन बसों के संचालन के लिए बस सारथी लगाए जाते हैं. इन्हें प्रति माह 15 हजार रुपए तक दिए जाते हैं. लेकिन अमूमन ये बस सारथी बिना टिकट यात्रा कराते पाए जाते हैं. इधर, सवाल है कि घाटे जूझने के बाद भी बस सारथियों पर सख्ती नहीं की जा रही है.
इधर, रोडवेज ने बस सारथियों के लिए पॉलिसी भी संशोधित की है. इसके बाद भी बिना टिकट यात्रा कराने के मामले सामने आ रहे हैं. ताकि ज्यादा यात्रियों का रिकॉर्ड नहीं आए दरअसल, रोडवेज की ओर से बस सारथियों को टारगेट दिया जाता है. ऐसे में बस सारथी टारगेट पूरा करने के बाद बस में अतिरिक्त यात्रियों को बिना टिकट यात्रा कराते हैं. उनसे टिकट का पैसा तो लिया जाता है लेकिन टिकट नहीं दिया जाता. बस में घाटा दिखाया जाता है. रोडवेज की उड़नदस्तों की जांच में ये बस सारथी पकड़े जाते हैं और ब्लैक लिस्ट कर दिए जाते हैं.
सुनवाई में देखते पिछला रिकॉर्ड, माह बाद हिदायत देकर छोड़ देते ब्लैक लिस्ट करने के तीन माह बस सारथी को सुनवाई के बाद छोड़ दिया जाता है. सुनवाई में बस सारथी का बैकग्रांउड देखा जाता है. बस सारथी कितनी बार ब्लैक लिस्ट हुआ है. कितने यात्रियों को बिना टिकट यात्रा करते पकड़ा गया है. सभी रिकॉर्ड जानने के बाद हिदायत देकर छोड़ दिया जाता है. बस सारथी से पुन: आवेदन करवाया जाता है. हालांकि रोडवेज की ओर से बस सारथियों की प्रतिभूति राशि ली गई है.
यह है बस सारथियों के लिए नियम
-एक से चार यात्री बिना टिकट के तीन प्रकरण पाए जाने पर बस सारथी को ब्लैक लिस्टेड करते हैं
-निगम में जमा प्रतिभूति राशि जब्त होती है
-तीन माह के लिए कार्य करने के लिए बस सारथी अपात्र होता है
-तीन माह बाद पूर्व में जमा कराई गई धरोहर राशि को दाेगुना राशि निगम में जमा कराने पर ही पुन: आवेदन कर सकते हैं
-5 से 9 यात्री बिना टिकट पाए जाने पर बस सारथी को ब्लैक लिस्ट कर पूरी प्रतिभूति राशि जब्त की जाएगी
-छह माह तक काम नहीं करने के लिए अपात्र होगा
-छह माह बाद पूर्व में जमा कराई प्रतिभूति राशि दोगुना राशि जमा कराने पर पुन: आवेदन कर सकते हैं
-10 या इससे अधिक यात्री बिना टिकट करने पर निगम में जमा कराई प्रतिभूति राशि जब्त होगी
-एक साल के लिए बस सारथी अपात्र होगा
-एक साल बाद पूर्व में जमा कराई राशि की दोगुनी राशि जमा कराकर पुन: आवेदन कर सकते हैं
रोडवेज़ के अधिकारी यह तर्क दे कर ख़ुद का बचाव कर रहे हैं कि बहाल किए गये बस सारथियों की प्रतिभूति राशि ज़ब्त कर ली गई है. लेकिन यह बस सारथीयों को लगातार बिना टिकिट यात्रा करा रोडवेज़ को काफ़ी आर्थिक नुक़सान पहुँचा चुके हैं. इतना ही नहीं रोडवेज़ के पास अच्छी संख्या में परिचालक मौजूद है लेकिन परिचालको को अलग अलग डिपो में दूसरे कामों में लगा रखा है. बस सारथियों को इस तरह से बहाल करने के बाद रोडवेज़ के कार्मिकों में काफ़ी नाराज़गी है लेकिन रोडवेज़ प्रबंधन ने नाराज़गी को दरकिनार कर दिया है.