जयपुरः उप मुख्यमंत्री एवं सार्वजनिक निर्माण विभाग मंत्री दीया कुमारी ने आर.एस.आर.डी.सी बोर्ड मीटिंग की अध्यक्षता करते हुए अधिकारीयों को प्रदेश के सभी टोल बूथों पर टोल कलेक्शन फास्टैग से करवाने तथा सभी स्थानों पर रेट बोर्ड लगवाने के निर्देश दिये. उन्होने कहा कि टोल बूथों पर फास्टैग लागू होने से आमजन को राहत मिलेगी.
उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी ने आर.एस.आर.डी.सी बोर्ड मीटिंग की अध्यक्षता करते हुए टोल निति में सुधार के महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मंजूरी दी. उपमुख्यमंत्री ने कहा है कि टोल नियमों में किये गये इन महत्वपूर्ण परिवर्तनों से टोल संवेदको में प्रतिस्पर्धा बढेगी तथा टोल टैक्स एकत्रण की प्रक्रिया नियमित एवं सुचारू होने से राजस्व में वृद्धि होगी. वर्तमान में लागू टोल पालिसी के कुछ बिन्दुओं को समय की आवश्यकता के अनुरूप संशोधित किया गया है. वर्तमान में लागू संवेदक का रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया समाप्त कर दी गई जिससे अधिक संख्या में संवेदक निविदा प्रक्रिया में भाग ले सकेगें. टोल की कान्ट्रेक्ट की अवधि 2 वर्ष से घटाकर 1 वर्ष कर दी गयी है. जिसे अधिकतम 3 माह बढ़ाया जा सकेगा. नियमों की पालना नही करने पर रू 1 लाख प्रति त्रुटि की पेनेल्टी का प्रावधान रखा गया है. यह दस्तावेज एन.एच.आई के नियमों के अनुरूप तैयार किया गया है. टोल रोड पर टोल टैक्स एकत्र करने हेतु नयी आर.एफ.क्यू कम आर.एफ.पी दस्तावेज तैयार किये गये हैं. इसके तहत् संवेदक की नेट वर्थ निविदा लागत की 20 प्रतिशत होना आवश्यक है. किसी कारण टोल का रेगुलर कान्ट्रेक्ट नही होने पर मैन पावर ऐजेन्सी के द्वारा टोल टैक्स एकत्र करने का आर.एफ.क्यू कम आर.एफ.पी तैयार किया गया है. जिन सडकों पर निविदाएं सफल नही हो रही है अथवा टोल वसूली कार्य एक्सटेंशन पर चल रहे हैं उन पर यह प्रक्रिया तत्काल प्रभाव से लागू कर फास्टैग के आधार पर टोल टैक्स एकत्र करने का कार्य सुचारू किया जायेगा.
रिडकोर विभाग में 50 प्रतिशत से अधिक टोल प्लाजा पर मैन पावर कान्ट्रेक्ट के द्वारा टोल एकत्र किया जा रहा है. उसी के अनुरूप दस्तावेज तैयार किया गया है. उपमुख्यमंत्री ने बोर्ड मिटिंग में निर्देश दिये की प्रदेश के स्टेट हाईवे महत्वपूर्ण स्थानों को कनेक्टीविटी प्रदान करते है और इन पर लाखों लोग गुजरते है. इनकी सुविधा के लिये इन स्टेट हाईवेज पर वे-साईड सुविधाएं जैसे रेस्टोरेन्ट, सुविधाऐं आदि विकसित करने का तत्काल परिक्षण किया जाए. फास्टैग कमाण्ड सेंटर का निरीक्षण किया. उपमुख्यमंत्री ने आरएसआरडीसी भवन में स्थापित फास्टैग कमाण्ड सेंटर का निरीक्षण किया. इस सेन्टर के माध्यम से प्रदेश के सभी फास्टैग आधारित संचालित टोल प्लाजाओं की लाइव मॉनिटरिंग की जा सकती है. इन सभी टोल प्लाजा पर लगे सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से कमाण्ड सेंटर में लगी स्क्रीन्स पर टोल्स का लाइव व्यू उपलब्ध होता है. कमाण्ड सेंटर में लगे डैशबोर्ड पर ये देखा जा सकता है कि किस प्रकार के ओर कितने वाहन टोल से गुजर रहे है. वहा एकत्र होने वाले रेवेन्यू को रियल टाइम वॉच किया जा सकता है. उपमुख्यमंत्री ने इसकी सराहना करते हुये कहा की इससे सिस्टम में पारदर्शिता आयेगी. टोल कर्मियों के नागरिको के साथ व्यवहार पर भी इसके माध्यम से नजर रखी जा सकती है तथा आवश्यकता पड़ने पर टैफिक मेनेजमेंट में भी उपयोग किया जा सकता है. उन्होने सभी टोलो पर फास्टैग तत्काल चालू करके फास्टैग कमाण्ड सेंटर से जोडने के निर्देश दिये. बैठक में प्रमुख सचिव प्रवीण गुप्ता, सचिव आयोजना नवीन जैन, परिवहन आयुक्त मनीषा अरोडा, सचिव सानिवि डीआर मेघवाल तथा प्रबन्ध निदेशक आरएसआरडीसी सुनील जय सिंह सहित अन्य सदस्य मौजूद रहे.