तलाकशुदा मुस्लिम महिलाओं को लेकर सुप्रीम कोर्ट का फैसला, शादी के समय पति को दिए गए नकद और सोने के गहने वापस लेने का दिया अधिकार

तलाकशुदा मुस्लिम महिलाओं को लेकर सुप्रीम कोर्ट का फैसला, शादी के समय पति को दिए गए नकद और सोने के गहने वापस लेने का दिया अधिकार

नई दिल्ली : तलाकशुदा मुस्लिम महिलाओं को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया है. सुप्रीम कोर्ट ने तलाकशुदा मुस्लिम महिला को शादी के समय पति को दिए गए नकद और सोने के गहने वापस लेने का अधिकार दिया है. दरअसल, यह अधिकार मुस्लिम महिला कानून 1986 की धारा 3 के तहत सुरक्षित माना गया है.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि विवाह के समय दी गई संपत्ति महिला की भविष्य की सुरक्षा और आर्थिक सम्मान के लिए होती है. सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया कि तलाकशुदा मुस्लिम महिला को उसकी शादी के समय पिता द्वारा पति को दिए गए नकद और सोने के गहने वापस लेने का अधिकार है.

साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले को पलटा है. सुप्रीम कोर्ट ने अपील को मंजूरी देते हुए आदेश दिया कि पति सीधे महिला के बैंक खाते में राशि जमा करें और यदि ऐसा न किया गया तो 9% वार्षिक ब्याज लगेगा. जस्टिस संजय करोल और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की पीठ का फैसला है.

दरअसल, हाईकोर्ट ने तलाकशुदा महिला के उस दावे को खारिज कर दिया था. जिसमें उसने शादी के समय पति को पिता द्वारा दिए गए 7 लाख रुपये और सोने के गहनों की मांग की थी. रौशनारा बेगम का निकाह 2005 में हुआ था और 2011 में उनका तलाक हो गया था. 2009 में अलगाव और 2011 में तलाक के बाद उसने 1986 अधिनियम की धारा 3 के तहत  17.67 लाख रुपए की वसूली की मांग की थी, जिसमें नकद और सोने के गहने शामिल थे.