नई दिल्ली : भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती समारोह पर जनजातीय गौरव दिवस कार्यक्रम में पीएम नरेंद्र मोदी ने शिरकत की. पीएम मोदी ने भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती पर उन्हें नमन किया. इससे पहले पीएम मोदी ने गुजरात के देवमोगरा मंदिर में पूजा-अर्चना की, आदिवासी पोशाक पहनी, 4 किमी लंबा रोड शो किया और 9700 करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट्स की सौगात दी.
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सभी को जनजातीय गौरव दिवस की शुभकामनाएं. हमने जनजातीय गौरव दिवस मनाने की शुरुआत की थी. देश के स्वाभिमान के लिए जनजातीय मोर्चा हमेशा अग्रणी पायदान पर खड़ा रहा, मां नर्मदा की पावन धरती ऐतिहासिक आयोजन की गवाह बन रही है.
आदिवासी समाज ने देश का मान बढ़ाया:
पीएम मोदी ने कहा कि आदिवासी समाज ने देश का मान बढ़ाया है. मैं तो बनारस का सांसद हूं, वो संत कबीर की धरती है. उनका मेरे जीवन में अलग स्थान है. यहां एक लाख परिवारों को पक्के घर दिए गए हैं. एकलव्य मॉडल स्कूलों का शिलान्यास किया गया है. कल्याणकारी योजनाओं के लिए जनजातीय परिवारों को बहुत बधाई.
आजादी के बाद आदिवासी वीरों को उचित सम्मान नहीं दिया गया:
उन्होंने आगे कहा कि आदिवासी समाज का स्वतंत्रता संग्राम में योगदान भुलाया नहीं जा सकता. आजादी के बाद आदिवासी वीरों को उचित सम्मान नहीं दिया गया. कुछ परिवारों को क्रेडिट देने में आदिवासियों के बलिदान को भुलाया गया. बिरसा मुंडा को लंबे समय तक याद नहीं किया गया. नई पीढ़ी को बताना जरूरी कि बिरसा मुंडा ने देश के लिए क्या किया.
कांग्रेस ने आदिवासियों को उनके हाल पर छोड़ दिया:
देशभर में ट्राइबल म्यूजियम बनाए जा रहे हैं. छत्तीसगढ़ में शहीद वीर नारायण सिंह म्यूजियम का शिलान्यास किया. कांग्रेस ने आदिवासियों को उनके हाल पर छोड़ दिया. छह दशक के शासन में आदिवासी क्षेत्रों की अनदेखी हुई. कुपोषण, स्वास्थ्य और शिक्षा का भारी अभाव रहा. आदिवासी इलाकों में कनेक्टिविटी ना होना पहचान बन गया था.
नई पीढ़ी को आदिवासी भाषा-संस्कृति से जोड़ने का प्रयास:
सरकार अब इन क्षेत्रों में तेज गति से विकास कर रही है. आज गोविंद गुरु के नाम से जनजातीय भाषा संवर्धन केंद्र स्थापित किया गया है. केंद्र में भील, बसावा, गरासिया, कोंकणी बोलियों का संरक्षण होगा. जनजातीय गीतों और परंपराओं को संरक्षित करने की बड़ी पहल है. नई पीढ़ी को आदिवासी भाषा-संस्कृति से जोड़ने का प्रयास किया. आदिवासी समाज को सम्मान और अवसर देने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है.