जयपुर: हरियाणा और जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव के चलते एक बार फिर राजस्थान कांग्रेस और अग्रिम संगठन में फेरबदल औऱ नियुक्तियों की प्रक्रिया पर ब्रेक लग गए है. ऐसे में केवल ब्लॉक औऱ मंडल लेवल पर ही अभी तक बदलाव हो पाया. ऐसे में अब बदलाव दोनों राज्यों के चुनाव बाद या फिर सात सीटों के विधानसभा सीटों के उपचुनाव के बाद ही होने की संभावना है.
कांग्रेस हाईकमान का फिलहाल अब पूरा फोकस हरियाणा औऱ जम्मू कश्मीर के विधानसभा चुनावों पर है. लिहाजा पार्टी के संगठन में बदलावों पर अभी एक बार ब्रेक लग चुके है. ऐसे में राजस्थान कांग्रेस संगठन में पिछले दिनों जोरशोर से शुरु हुई बदलाव की प्रक्रिया भी पहिए थम गए हैं. ऐसे में ब्ल़ॉक औऱ मंडल जैसे नीचले स्तर तक ही अभी तक बदलाव हो पाया है. जिला और प्रदेश कांग्रेस कमेटी में अब बदलाव लगता है दोनों राज्यों के चुनाव या फिर विधानसभा उपचुनाव संपन्न होने के बाद ही होगा.
- करीब 50 निष्क्रिय पीसीसी पदाधिकारियों को हटाने का मामला गया ठंडे बस्ते में
- एनएसयूआई की प्रदेश कार्यकारिणी और जिलाध्यक्षों की नियुक्ति भी अटकी
- प्रदेश महिला कांग्रेस अध्यक्ष और स्टेट कार्याकारिणी गठन पर भी लगे ब्रेक
- अन्य विभागों और प्रकोष्ठों के गठन की प्रक्रिया भी थमी
प्रदेश नेतृत्व ने अपने स्तर पर तमाम बदलावों को लेकर सारी कवायद भी पूरी कर ली है. स्टेट लीडरशिप के बाकायदा लिखित में सारी रिपोर्ट भी बनाकर तैयार कर रखी है. वहीं .इसको लेकर पिछले दिनों बाकायदा पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा की प्रभारी सुखजिंद्र सिंह रंधावा से लंबी मंत्रणा भी हुई. लेकिन अध्यक्ष खड़गे और संगठन महासचिव वेणुगोपाल के दोनों राज्यों के प्रचार औऱ रणनीति में व्यस्तता के चलते सारा मामला फिलहाल ठंडा पड़ गया है.
दोनों राज्यों के चुनाव समाप्त होने के बाद फिर महाराष्ट्र औऱ झारखंड का चुनावी कार्यक्रम जारी हो सकता है. साथ ही राजस्थान में भी सात विधानसभा सीटों का उपचुनाव की तारीखों का भी ऐलान हो जाएगा. ऐसे में अब उपचुनाव होने के बाद नवम्बर के आखिरी में ही राजस्थान कांग्रेस में बदलाव की प्रक्रिया को अंजाम दिए जाने के आसार है.