जयपुर : बिहार चुनाव प्रचार से कांग्रेस के दिग्गज नेताओं के फ्री होने के बाद अब संगठन में बड़े बदलावों की कवायद फिर से शुरु होगी. जिसके तहत जल्द कईं राज्यों के पीसीसी चीफ बदले जाएंगे. संगठन सृजन अभियान के तहत पांच राज्यों में जिला अध्यक्षों की भी नियुक्ति होगी. वहीं कईं प्रकोष्ठों औऱ अग्रिम संगठन में भी फेरबदल होगा.
कईं दिनों से चल रही बिहार चुनाव प्रचार की जंग के कल ब्रेक लग चुके है. ऐसे में पिछले कईं दिनों से बिहार के चुनावी रण में प्रचार कर रहे कांग्रेस के दिग्गज नेता अब फ्री हो चुके है. लिहाजा बिहार चुनाव के चलते कांग्रेस संगठन के पेंडिंग कामकाज बदलावों को अब अंजाम दिया जाएगा. इसको लेकर कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे, राहुल गांधी औऱ संगठ महासचिव वेणुगोपाल के बीच पहले लंबी मंत्रणा होगी. उसके बाद हाईकमान की हरी झंडी के बाद नियुक्तियों की सूचियां जारी की जाएगी.
-बिहार चुनाव के बाद अब होंगे कांग्रेस संगठन में अहम बदलाव
-कईं राज्यों के बदले जाएंगे पीसीसी चीफ
-गोवा और उत्तराखंड को मिलेंगे नए प्रदेश अध्यक्ष
-हिमाचल प्रदेश के पीसीसी चीफ को लेकर भी होगा जल्द फैसला
-संगठन सृजन अभियान के तहत 5 राज्यों में होगी जिलाध्यक्षों की नियुक्ति
-पंजाब,उत्तराखंड,राजस्थान,छत्तीसगढ़, और तेलंगाना में होंगे जिलाध्यक्ष नियुक्त
-कईं राज्यों में अग्रिम संगठनों के प्रमुखों में भी होगा बदलाव
-NSUI के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए होगी चयन प्रक्रिया शुरु
-नए प्रवक्ता और पैनेलिस्ट के चयन के लिए होगा टैलेंट हंट प्रोग्राम शुरु
कांग्रेस पार्टी में जो बदलाव लंबित है,उसमें अधिकतर में कवायद और डिस्कशन हाईकमान के स्तर पर हो चुका है. लेकिन बिहार चुनाव के चलते सूची जारी करने की प्रक्रिया को होल्ड कर लिया गया था. ऐसे में बिहार में कल दूसरे चरण के चुनाव का मतदान होने के बाद नियुक्ति लिस्ट जारी कर दी जाएगी. वहीं संगठन सृजन अभियान के तहत कुछ राज्यों में अभी राहुल गांधी के स्तर पर चर्चा होना शेष है. सामने आ रहा है कि इसी माह अधिकतर बदलाव की सूची सामने आ सकती है.
आपको बता दे कि लगातार लोकसभा चुनाव औऱ कईं राज्यों में हार के बाद कांग्रेस हाईकमान ने साल 2025 को संगठन मजबूती पर्व के रुप में मनाने का फैसला किया था. जिसके तहत संगठन में खाली पदों को भरने और अन्य बदलाव करने काे कदम उठाए गए. AICC से बदलाव की शुरुआत हुई और फिर राज्यों से लेकर कईं जगह बदलाव किए गए. अब शेष बदलाव इस साल के आखिर तक निपटाने का टारगेट हाईकमान ने तय किया है.