VIDEO: धूमिल होती मरुधरा और गुलाबी नगरी की छवि ! सड़क पर बेतरतीब चल रहीं व्यावसायिक गतिविधियां, देखिए ये खास रिपोर्ट

जयपुर: विशाल किलों और हवेलियों के लिए मशहूर राजस्थान या गुलाबी नगर की जो छवि मन में लेकर सांगानेर एयरपोर्ट पर  कोई देशी या विदेशी पर्यटक उतरता है, वह छवि उसके शहर में प्रवेश करते ही धूमिल हो जाती है. शहर में प्रवेश की इस सड़क पर बेतरतीब चलती व्यावसायिक गतिविधियां और आवारा घूमते जानवर तो दिखाई देते हैं,लेकिन विश्वभर में अपनी स्थापत्य कला के लिए मशहूर गुलाबी नगर या राजस्थान की कोई भी झलक दिखाई नहीं देती. इस पूरे मामले में क्या है हालात और किस तरह हो सकता है इसमें सुधार? 

राजधानी के सांगानेर एयरपोर्ट के टर्मिनल 2 की शुरूआत वर्ष 2009 में हुई थी. एयरपोर्ट के इस टर्मिनल 2 से निकलकर यात्री शहर में आने के लिए जवाहर सर्किल की तरफ जाने वाली सड़क का रुख करते हैं. अपनी स्थापत्य कला,नगर नियोजन और खूबसूरती के लिए दुनिया भर में मशहूर जयपुर या गुलाबी नगर और मरू प्रदेश राजस्थान के राजधानी की एक छवि अपने मन में लेकर देशी या विदेशी पर्यटक सांगानेर एयरपोर्ट पर उतरता है. लेकिन जैसे ही वह पर्यटक सांगानेर एयरपोर्ट के टर्मिनल 2 से बाहर निकलते हुए जवाहर सर्किल जाने वाली इस सड़क पर आता है तो इस सड़क के हालात देखकर उसके दिलो-दिमाग से गुलाबी नगर वाली छवि पूरी तरह से गायब हो जाती है. आपको सबसे पहले बताते हैं कि इस सड़क पर आखिर ऐसे क्या हैं हालात?

-एयरपोर्ट के टर्मिनल 2 से जवाहर सर्किल जाने वाली सड़क पर व्यावसायिक गतिविधियां बेतरतीब तरीके से बढ़ रही हैं
-इस सड़क के दोनों तरफ की नजर डालें तो कुछ निर्माण तो जेडीए की स्वीकृति से चल रहे हैं
-एयरपोर्ट से निकलकर इस सड़क के कोने पर ही दोनों तरफ विशाल निर्माण चल रहे हैं
-एक तरफ बड़ा क्लब और दूसरी आवासीय गतिविधियां शुरू करने की तैयारी है
-जब ये गतिविधियां शुरू हो जाएंगी तो इनमें आने वाले लोगों के वाहनों का भारी दबाव इसी सड़क पर आएगा
-मौके पर चल रहे अधिकतर निर्माण या व्यावसायिक गतिविधियों को लेकर जेडीए की कोई स्वीकृति नहीं हैं
-सड़क के दोनों तरफ कहीं डेयरी बूथ लगी हुई तो कहीं रेस्टोरेंट या कैफे चल रहे हैं
-एयरपोर्ट के टर्मिनल 2 से जवाहर सर्किल की तरफ जाने वाली इस सड़क पर आवारा जानवर भी अक्सर घूमते दिखाई देते हैं
-एयरपोर्ट परिसर के बाहर कई बार बेतरतीब पार्किंग के कारण भी वाहनों का आवागमन अवरुद्ध होता है
-जेडीए या किसी भी जिम्मेदार एजेंसी की ओर से इस महत्वपूर्ण सड़क के लिए ऐसे कोई प्रयास नहीं किए गए हैं 
-जिनसे यहां आने बाहरी व्यक्ति को यह लगे कि वह गुलाबी नगर या राजस्थान के किसी बड़े शहर में आया है
-जेडीए की ओर से 33 करोड़ रुपए की लागत से इस सड़क के ठीक सामने जवाहर सर्किल पर वेलकम गेट बनाया गया है
-सफेद संगमरमर से बने इस पांच मंजिला वेलकम गेट को लेकर भी विशेषज्ञों के अपने सवाल हैं
-विशेषज्ञों का मानना है कि जवाहर सर्किल में विशाल पार्क है,इस ग्रीन एनवायरमेंट की कन्फॉर्मिटी में यहां कुछ अलग बनना चाहिए था

सांगानेर एयरपोर्ट के टर्मिनल 2 से जवाहर सर्किल की तरफ जाने वाली इस सड़क के महत्व को देखते हुए यहां नियोजित और आवश्यक विकास के लिए प्रयास तो किए गए, लेकिन ये प्रयास अंजाम तक नहीं पहुंच पाए. इन प्रयासों का मकसद यहां तेजी से बेरोकटोक बढ़ रही व्यावसायिक गतिविधियों पर अंकुश लगाते हुए इसे एक ऐसी सड़क के रूप में विकसित करना था,जिस पर गुजरने वाला पर्यटक शहर या इस प्रदेश की पहचान से रूबरू हो सके. आपको बताते हैं कि ये प्रयास क्या है और आखिर क्यों ये अंजाम तक पहुंच नहीं पाए.

- 9 मार्च 2017 को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई उच्च स्तरीय बैठक में स्टेट हैंगर पर वीआईपी सुरक्षा को लेकर बड़ा फैसला किया गया था
-इस बैठक में स्टेट हैंगर के नजदीक बनी तीनों बहुमंजिला इमारतों को अवाप्त करने का फैसला किया गया था
- अप्रेल 2017 को इन इमारतों की अवाप्ति की प्रक्रिया शुरू की गई
-नगरीय विकास विभाग ने इमारतों की अवाप्ति के लिए प्रस्ताव जिला कलक्टर को भेजा
-जिला कलक्टर ने एसडीएम को भूमि अवाप्ति अधिकारी नियुक्त कर दिया
-अवाप्ति के मुआवजे की लागत करीब 495 करोड़ रुपए आंकी गई
-यह लागत कौन सा सरकारी विभाग भुगते,इसको लेकर कशमकश चलती रही
-पिछली भाजपा सरकार में ही 8 मार्च 2018 को एक आदेश जारी किया गया
-इस आदेश के तहत स्टेट हैंगर की 500 मीटर की परिधि में इमारतों की ऊंचाई सीमित की गई
-इस आदेश के अनुसार 200 मीटर तक 10 फीट,250 मीटर तक 14 फीट,300 मीटर तक 18 फीट,
-350 मीटर तक 22 फीट,400 मीटर तक 26 फीट,450 मीटर तक 30 फीट
-और 500 मीटर तक 34 फीट ऊंचाई तक ही बिल्डिंग बनाई जा सकती थी
-पिछली कांग्रेस सरकार के समय जेडीए के तत्कालीन आयुक्त टी रविकांत की अध्यक्षता में भवन मानचित्र समिति ले आउट प्लान की बैठक हुई
-9 अगस्त 2019 को हुई बैठक में एयरपोर्ट के नजदीक इमारतों की ऊंचाई की स्वीकृति देने को लेकर चर्चा हुई
-बैठक में यह चिंता जताई गई कि एयरपोर्ट की सड़क पर बहुतायत में व्यावसायिक गतिविधियों की अगर स्वीकृति दी गई
-तो इस सड़क पर वाहनों का दबाव बढ़ जाएगा
-बैठक में फैसला किया गया कि एयरपोर्ट के टर्मिनल 2 व स्टेट हैंगर को जाने वाली सड़क पर 30 मीटर अथवा
-यूडीएच के 8 मार्च 2018 को जारी आदेश में देय ऊंचाई या नागरिक उड्डयन विभाग से प्राप्त ऊंचाई
-इनमें से जो भी कम हो उतनी ऊचाई में इमारतों की ऊंचाई स्वीकृत की जाए
-बैठक में यह भी तय किया गया कि एयरपोर्ट की परिधि में होटल या सर्विस अपार्टमेंट आदि की स्वीकृति दी जाए
-इस नीतिगत फैसले को स्वीकृति के लिए जेडीए ने राज्य सरकार को भेजा
-लेकिन अगस्त 2020 में स्टेट हैंगर की परिधि में इमारतों की ऊंचाई को लेकर लगे प्रतिबंध हटा दिए गए
-इसके लिए जयपुर विकास प्राधिकरण की ओर से अधिसूचना जारी की गई
-तत्कालीन यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल के संयोजन में गठित कैबिनेट एम्पावर्ड कमेटी की बैठक में यह फैसला किया गया था
-इसी फैसले के आधार पर जारी इस अधिसूचना के अनुसार तय किया गया कि एयरपोर्ट ऑथोरिटी की एनओसी के आधार पर इमारतों की ऊंचाई तय होगी

एयरपोर्ट के टर्मिनल 2 से जवाहर सर्किल जाने वाली सड़क के मौके के हालात आपको बताए. साथ ही यह भी बताया कि इस महत्वपूर्ण सड़क पर बढ़ते वाहनों के दबाव और बेतरतीब बसावट रोकने के लिए क्या प्रयास किए गए और क्या उनका हश्र हुआ. इस सड़क के हालात सुधारने और इसे गुलाबी नगर या जयपुर के प्रतिबिंब के तौर पर विकसित करने के लिए फर्स्ट इंडिया न्यूज ने विषय विशेषज्ञों से चर्चा की. आपको बताते हैं कि विशेषज्ञों के अनुसार इस महत्वपूर्ण सड़क को किस तरह से संवारा जा सकता है?

-विदेशों में टोक्यो व सिंगापुर आदि बड़े शहरों के एयरपोर्ट, देश में नॉर्थ गोआ का मनोहर इंटरनेशनल एयरपोर्ट,
-बंगलौर का नया एयरपोर्ट व अहमदाबाद के एयरपोर्ट के बाहरी इलाके को थीम बेस्ड तरीके से विकसित किया गया है
-इन एयरपोर्ट्स पर उतरते ही पर्यटक को पता चल जाता है कि वह किस शहर में उतरा है और उस शहर की पहचान क्या है
-विश्व विख्यात स्थापत्य कला, नगर नियोजन, आर्ट व क्राफ्ट जयपुर शहर की पहचान है
-जयपुर के परकोटा क्षेत्र को जुलाई 2019 में यूनेस्को की वर्ल्ड हैरिटेज साइट्स की सूची में शामिल किया गया है
-वहीं मरू प्रदेश राजस्थान अपने किलों और हवेलियों की करीगरी के लिए विश्वभर में जाना जाता है 
-विशेषज्ञों के अनुसार सांगानेर एयरपोर्ट से इस सड़क पर आने वाले पर्यटक को शहर और प्रदेश की इसी पहचान से रूबरू कराया जाना चाहिए
-ताकि देश-विदेश के बड़े शहरों के एयरपोर्ट की तरह यहां उतरने वाले पर्यटक भी को यह अहसास हो कि जिस शहर या प्रदेश में वह आया है उसकी आखिर पहचान क्या है
-इसके लिए जरूरी है कि जेडीए की ओर से इस सड़क का एक विशेष मास्टर प्लान तैयार किया जाए
-वर्ष 2047 तक के लिए बनने वाले शहर के नए मास्टर प्लान में इस विशेष मास्टर प्लान को शामिल किया जाए
-इस प्लान को सख्ती से लागू करने के लिए सड़क के दोनों तरफ निर्धारित चौड़ाई में जमीन को अवाप्त किया जाए
-दोनों तरफ अवाप्त इस भू पट्टी पर एयरपोर्ट से संबंधित गतिविधियों विकसित की जाएं
-इनमें एयरपोर्ट के लिए वेटिंग एरिया,लांज,रिक्रिएशनल एक्टिविटी,कैफे,रेस्तरां,पार्किंग आदि गतिविधियां विकसित की जा सकती हैं
-इस प्लान के तहत सड़क के दोनों तरफ बनने वाली इमारतों के फ्रंट एलिवेशन का टाइप डिजाइन निर्धारित किया जाए
-यह टाइप डिजाइन गुलाबी नगर और राजस्थान की स्थापत्य कला, नगर नियोजन और यहां की कला व संस्कृति  मिलता-जुलता होना चाहिए
-परकोटे की तर्ज पर इन भवनों के मुख्य द्वार सीधे इस सड़क पर नहीं प्रस्तावित किए जाएं
-इस सड़क के दोनों तरफ बनने वाली इमारतों की ऊंचाई के समान मापदंड तय किए जाएं
-सड़क के दोनों तरफ इमारतों का भू उपयोग इस तरह तय किया जाए कि भविष्य में यहां यातायात दबाव नहीं बढ़े
-संभावित यातायात दबाव को ध्यान में रखना इसलिए भी जरूरी है कि एयरपोर्ट से शहर जाने वाली यह सबसे महत्वपूर्ण सड़क है
-इस क्षेत्र को पूरी तरह आवारा जानवरों से मुक्त रखने की व्यवस्था की जाए

सांगानेर के एयरपोर्ट टर्मिनल से जवाहर सर्किल की तरफ जाने वाली इस सड़क को लेकर जेडीए और अन्य जिम्मेदार एजेंसियों को एक ठोस प्लान तैयार करना चाहिए. यह प्लान कैसा हो, इसको लेकर फर्स्ट इंडिया न्यूज ने अपना सामाजिक सरोकर निभाते हुए विशेषज्ञों से चर्चा कर सुझाव दिए हैं. इस सड़क को लेकर जल्द ही इस दिशा में कोई कवायद शुरू नहीं की गई तो वो दिन दूर नहीं जब एयरपोर्ट और शहर के बीच आवागमन करने वाले वाहन जांम में फंसे रहेंगे और यहां हो रही बेतरतीब बसावट एक नासूर बन जाएगी.