जयपुर: RSS प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि दुनियाभर की बुरी ताकतों का भारत में अंतिम संस्कार होता है. संघ प्रमुख मोहन भागवत एक समारोह में शामिल हुए. भागवत ने अमेरिका से लेकर अरब तक कई देशों का जिक्र किया. बांग्लादेश को लेकर कहा-'वहां की बर्बादी कोई पहला मामला नहीं है. संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि शिक्षित वर्ग में अनास्था और अश्रद्धा खासकर बढ़ रही है. हिंदू शास्त्रों में छूआछूत के लिए कोई जगह नहीं है. लेकिन व्यवहार में यह मौजूद है. यदि इसके कारण कोई हिंदू धर्म छोड़कर चला जाता है, तो इसके लिए किसे दोष दिया जा सकता है.
अयोध्या ‘अनुष्ठान’ में भाग लेने वाले 200 गुरुओं का वेदसेवक सम्मान समारोह का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि बुरी ताकतें हमेशा सक्रिय और एकजुट रहती हैं. उन्हें किसी कोचिंग की जरूरत नहीं होती है. अच्छे लोगों के उलट,जिन्हें मार्गदर्शन और समर्थन की जरूरत होती है. बुरी ताकतें दुनियाभर में मौजूद हैं,उनके बुरे कृत्य हर जगह होते हैं.बांग्लादेश पहला मामला नहीं है,पहला मामला अमेरिका है.
संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि हमें बिना किसी डर के इन प्रवृत्तियों पर नजर रखने की जरूरत है. जो प्रवृत्तियां नाश और राष्ट्रों के पतन की वजह बनती हैं. इतिहास बताता है कि जब यह प्रवृत्तियां बढ़ती हैं और भारत तक पहुंचती हैं, तो यहां उनका अंतिम संस्कार करते समय वह कम हो जाती हैं. यह मुमकिन है क्योंकि हमारे पास उन्हें काबू करने का ज्ञान है. आदर्श मौजूद हैं लेकिन अगर किसी शख्स को बदलना है. तो उसके मार्गदर्शन देने के लिए आसपास कोई होना चाहिए. उन्होंने आगे सवालिया लहजे में कहा कि अस्पृश्यता का शास्त्रों में कोई आधार नहीं है. फिर भी यह कायम है.
संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि मैंने एक अमेरिकी राइटर की कल्चरल डेवलपमेंट ऑफ अमेरिका नाम की एक किताब पढ़ी है. जिसमें पिछले कुछ समय लगभग 100 सालों में अमेरिका में सांस्कृतिक पतन पर चर्चा की गई है. पहले यह पतन पोलैंड में दोहराया गया. फिर अरब वसंत के दौरान अरब देशों में फैला और हाल ही में यह बांग्लादेश में हुआ. जो दुनिया पर अपनी पकड़ मजबूत करना चाहते हैं और मानते हैं कि वह ही सही हैं और बाकी गलत हैं. वह लोग हैं जो अपने फायदे के लिए इन विभाजनकारी प्रवृत्तियों को बढ़ावा देते हैं.