जयपुर: सिक्किम के राज्यपाल ओम माथुर का नागरिक अभिनंदन कार्यक्रम बिड़ला सभागार में आयोजित हुआ. कार्यक्रम में सिक्किम राज्यपाल ओम माथुर ने अपने संबोधन कहा कि यह अभिनंदन कार्यक्रम नहीं, स्नेह कार्यक्रम है. इसे आपके अपार स्नेह का कार्यक्रम मानता हूं. मेरी संघ की प्रार्थना घोड़े पर बैठने से हुई. मेरे संघ में आने से जीवन टर्न हो गया. 10 साल तक गैरेज में रहकर संघ को खड़ा किया. 1984 में जीरा आंदोलन में किसान संघ चमका. मेरी फोटो इंडियन एक्सप्रेस में छपी.सिक्किम राज्यपाल ओम माथुर ने कहा कि मेहनती परिश्रम की पराकाष्ठा करने वाला मेरा छोटा भाई राजेन्द्र राठौड़ है. ओम माथुर ने मदन राठौड़ पर चुटकी लेते हुए कहा कि आज रास्ते में कह रह थे, मेरे साथ गाड़ी में थे. भाईसाहब मैं जिले से नहीं निकल पा रहा. लग नहीं रहा प्रदेश अध्यक्ष हूं. उल्लेखनीय है माथुर और मदन राठौड़ दोनों पाली जिले से हैं.
ओमजी माथुर करते थे मोटरसाइकिल से यात्राएं:
इस मौके पर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि आप सभी का वंदन नमन अभिनंदन. ओमजी भाईसाहब का पुनः अभिनंदन और स्वागत है. आपका सानिध्य मुझे तब मिला जब में ABVP में था. आप किसान संघ में काम करते थे. ओमजी माथुर मोटरसाइकिल से यात्राएं करते थे. मेरी पहली मुलाकात उसी वक्त हुई थी. 1990 में जब युवा मोर्चा के मंडल अध्यक्ष बना तो भाईसाहब संगठन महामंत्री थे. आप जहां जहां प्रभारी रहे मुझे आमंत्रित किया. राम मंदिर आंदोलन में ओमजी भाईसाहब का सानिध्य मिला. 1993 में जब UP चुनाव थे तो एटा और इटावा का जिम्मा मिला. पश्चिमी उत्तरप्रदेश के प्रभारी बने ओमजी, तब मैं वहां उनके साथ था. युवा मोर्चा जिलाध्यक्ष बना तो ओमजी के नेतृत्व में काम किया. जिला अध्यक्ष था तो सानिध्य मिलता था.
क्योंकि उस वक्त नक्सलवाद चरम पर था:
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि ओमजी भाईसाहब पहली बार जयपुर आये हैं. आप सभी जोरदार तालियों से स्वागत करें. मैं ओमजी भाईसाहब ही कहा करता था. बड़ी संख्या में ऐसे कार्यकर्ता हैं जिन्हें आगे बढ़ाने का काम ओमजी माथुर ने किया. भजनलाल शर्मा ने कहा कि जब कोई जयपुर आता, कार्यालय आता, तो बिना ओमजी भाईसाहब से मिले नहीं जाता था.मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि सिक्किम में भी आपको निश्चित रूप से कोई न कोई टास्क मिला है. जैसे हमेशा मिलता रहा है. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने किस्सा सुनाते हुए कहा कि भाईसाहब ने मुझे डांट लगाई थी. जब मैं झारखंड में प्रचार में देर रात तक लौटता था. क्योंकि उस वक्त नक्सलवाद चरम पर था.
भारी भरकम आदमी है, बहुत सख्त है:
अभिनंदन कार्यक्रम में वसुंधरा राजे ने अपने संबोधन में कहा कि जब मैं मुख्यमंत्री थी,तब बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ओम जी थे. मुझे किसी ने कहा भारी भरकम आदमी है, बहुत सख्त है, लेकिन जब साथ काम किया तो पता चला अंदर से नरम और बाहर से सख्त है. ओम जी ने किसके लिए क्या किया ये भी यहां भी बताया. राजेंद्र जी ने बताया उन्हें भैरोंसिंह शेखावत की सरकार में ओम जी ने मंत्री बनवाया.
राजे ने राजेंद्र राठौड़ पर ली चुटकी:
ओम जी जिसका साथ देते है तो पूरा देते हैं. राजेंद्र जी साथ देने वाले का साथ छोड़ते नहीं है. राजे ने राजेंद्र राठौड़ पर चुटकी लेते हुए कहा कि कैसे उन्होंने काम किया,राज्यपाल बन जाता है तो ये कहा जाता है रबर स्टैंप. वसुंधरा राजे ने राजेंद्र राठौड़ पर भी चुटकी लेते हुए कहा कि राजेंद्र जी ने तो बता दिया कि उन्हें पहली बार मंत्री कैसे बनाया गया. ये कहते ही बिड़ला सभागार में तालियां बजने लगी और खुद राजेंद्र राठौड़ भी हंसने लगे. राजे ने घोड़े का उदाहरण देते हुए कहा कि लगाम खींचना जानते हैं चाबुक लगाना भी जानते हैं. ओम प्रकाश माथुर रबर स्टैंप बनकर काम नहीं करेंगे.
मेरा और इनका संबंध आम रस जैसा:
घनश्याम तिवाड़ी ने वसुंधरा राजे पर चुटकी लेते हुए कहा कि मेरा और इनका संबंध आम रस जैसा है. खट्टा होता है मीठा होता है, लेकिन लाभकारी होता है. इस मौके पर घनश्याम तिवाड़ी ने कहा कि कई लोगों ने कहा ओम जी चीज क्या हैं. तब मैंने उनसे कहा,सौ बाला,एक लाला. वहीं घनश्याम तिवाड़ी ने राजेन्द्र राठौड़ की भी चुटकी ली. प्रदेशाध्यक्ष का नाम मदन राठौड़ न कहकर प्रदेशाध्यक्ष राजेन्द्र राठौड़ बोल गए. बाद में नाम में परिवर्तन करके बोला मदन राठौड़ और कहा कई लोग राजेन्द्र राठौड़ साहब को भी बधाई देने पहुंच गए थे. लंबे अरसे बाद हर एक खेमे के माने जाने वाले कार्यकर्ता एक साथ बिड़ला ऑडिटोरियम में दिखे. घनश्याम तिवाड़ी ने कहा कि मैं इनके साथ हिमाचल प्रदेश चला गया. पहाड़ पर से उतरती गाड़ी तेजी से नीचे आती है. मैंने ओम जी से कहा मैं तो नहीं चल पाऊंगा आपके साथ. आपके तो कोई है नहीं आगे पीछे, मेरे तो पीछे काचो पड़ो है.