जयपुर : प्रदेश के प्रगतिशील किसानों को भजनलाल सरकार दिवाली से पहले विदेश यात्रा का तोहफा दे रही है. डेनमार्क की नवीन कृषि पद्धतियों के अध्ययन के लिए किसानों का पहला दल कल तड़के रवाना होगा. बड़ी बात यह है कि चार मंत्री, तीन आईएएस सहित कृषि विभाग के सात अधिकारी भी दौरे में शामिल रहेंगे. डेनमार्क में राजस्थान के किसान क्या कुछ सीखेंगे और क्या कुछ सिखाएंगे.
सूबे की भजनलाल सरकार ने किसानों की या दोगुना करने के लिए बजट में किसानों को विदेश यात्रा का वादा किया था, जिसे पूरा भी किया जा रहा है. प्रगतिशील किसानों सहित मंत्रियों का दल 8 से 13 अक्टूबर तक डेनमार्क यात्रा पर रहेगा. इस छह दिवसीय यात्रा के दौरान किसानों को आधुनिक डेयरी फार्मिंग, जैविक खेती और आधुनिक नर्सरी, बीज उत्पादन और बागवानी सहित अन्य जानकारियां दी जाएंगी. यात्रा के पहले दिन डेनिश कृष पर एक ब्रीफिंग होगी, जिसमें डेयरी फार्मिंग, जैविक खेती और बागवानी की जानकारी दी जाएगी.
यह जानकारी हमारे किसानों से होगी सांझा
- डेनिश डेयरी फार्मिंग पद्धतियों, गौ प्रजनन और दूध उत्पादन के बारे में जानने के लिए एक आधुनिक डेयरी फार्म (जैसे, डेनिश क्राउन का डेयरी फार्म का अवलोकन करवाया जाएगा
- दूध प्रसंस्करण, पैकेजिंग और विपणन के बारे में जानने के लिए एक डेयरी प्रसंस्करण संयंत्र का अध्ययन करवाया जाएगा
- टिकाऊ कृषि पद्धतियों, मृदा प्रबंधन और फसल चक्र की विस्तृत जानकारी दी जाएगी. इसके लिए कई जगह का भ्रमण करवाया जाएगा
- नवीन नर्सरी पद्धतियों, पौध उत्पादन और पौध प्रजनन के बारे में जानने के लिए एक आधुनिक और स्वचालित नर्सरी का भ्रमण करवाया जाएगा
- बीज प्रजनन, उत्पादन और अनुसंधान के बारे में जानने के लिए किसी प्रमुख बीज उत्पादन कंपनी का दौरा करवाया जाएगा
- नवीन बागवानी पद्धतियों, फसल प्रबंधन और विपणन की जानकारी के लिए बागवानी फार्म या ग्रीनहाउस का अवलोकन करवाया जाएगा
- बागवानी फसलों के विपणन और व्यापार की जानकारी के लिए कोपेनहेगन थोक बाज़ार का भ्रमण करवाया जाएगा
- हमारे किसान डेनिश किसानों, शोधकर्ताओं और उद्योग विशेषज्ञों के साथ एक नेटवर्किंग कार्यक्रम में भाग लेंगे
प्रदेश के प्रगतिशील किसान डेनमार्क में छह दिन तक विभिन्न तकनीक की जानकारी लेने के बाद राजस्थान लौटेंगे और अपने-अपने जिलों के किसानों की कार्यशाला लेकर उन्हें भी विदेशी तकनीकों की जानकारी देंगे. देखने वाली बात यह रहेगी कि विदेशी खेती की जानकारी के बाद राजस्थान के किसानों को कितना लाभ मिल पाता है.