नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि आजादी के करीब 77 साल बाद हमारी आपराधिक न्याय प्रणाली पूरी तरह से 'स्वदेशी' हो रही है. यह भारतीय लोकाचार पर कार्य करेगा. 75 साल बाद इन कानूनों पर विचार किया गया और आज से जब ये कानून लागू हुए हैं तो अंग्रेज के कानून निरस्त होकर और भारतीय संसद में बने कानूनों को व्यवहार में लाया जा रहा है.
'दंड' की जगह अब 'न्याय' होगा. देरी के बजाय स्पीडी ट्रायल और त्वरित न्याय मिलेगा. पहले, केवल पुलिस के अधिकारों की रक्षा की जाती थी, लेकिन अब, पीड़ितों और शिकायतकर्ताओं के अधिकारों की भी रक्षा की जाएगी. मैं विश्वास के साथ कहता हूं कि ये तीनों कानून के लागू होने के बाद सबसे आधुनिक न्याय प्रणाली का सृजन करेगी.
नाबालिग से रेप पर मौत की सजा:
गृह मंत्री अमित शाह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा कि 75 साल बाद इस कानून पर विचार हुआ. अंग्रेजों के बनाए हुए कानून खत्म हुए. ये भारत की संसद के बनाए हुए कानून है. अब पीड़ितों के अधिकारों की रक्षा का काम. अमित शाह ने कहा कि देश की जनता को बहुत-बहुत बधाई. देश में आज से भारतीय न्याय संहिता लागू हो गया. देश में अब IPC की जगह BNS लागू हुआ. नाबालिग से रेप पर मौत की सजा मिलेगी. देश विरोधी गतिविधियों के लिए कानून. मॉब लिंचिंग को परिभाषित किया गया. आधुनिक न्याय प्रणाली का सृजन होगा.राजद्रोह को जड़ से समाप्त किया.