राजस्थान विधानसभा का मानसून सत्र रहेगा हंगामेदार, विपक्ष कई मुद्दों पर सरकार के खिलाफ रहेगा हमलावर, देखिए खास रिपोर्ट

जयपुरः राजस्थान विधानसभा का मानसून सत्र बेहद हंगामेदार रह सकता है. कांग्रेस  जनहित के कईं मुद्दों पर सरकार को सदन में घेरेगी. कांग्रेस कानून व्यवस्था,स्कूलों में हुए हादसे,टूटी सड़कें और किसानों से जुड़े मुद्दों पर सरकार से सदन में जवाब मांगेंगी.

राजस्थान विधानसभा के मॉनसून सत्र का एक सितम्बर से आगाज होने जा रहा है. सत्र में एक तरफ जहां सरकार कईं बिल पारित कराने की तैयारी में है तो वहीं विपक्ष सरकार को घेरने की रणनीति बनाने में जुटा हुआ है. ऐसे में यह सत्र भी बेहद हंगामेदार रह सकता है. नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली जनहित और अन्य मुद्दों की सूची तैयार करने में जुटे हुए हैं.

विधानसभा का मानसून सत्र रह सकता है बेहद हंगामेदार
कईं मुद्दों पर कांग्रेस सदन में घेरेगी सरकार को
जनहित के मुद्दों पर सदन में कांग्रेस मांगेगी सरकार से जवाब
कानून व्यवस्था को लेकर कांग्रेस रहेगी हमलावर
टूटी सड़कें और झालावाड़ स्कूल हादसे को लेकर कांग्रेस मांगेगी सरकार से जवाब
किसानों से जुड़े बिजली सप्लाई और खाद के मुद्दे भी उठाएगी कांग्रेस
राइजिंग राजस्थान के एमओयू को लेकर भी पूछेंगे सवाल
शिक्षा विभाग से जुड़े कईं मुद्दे भी उठाएगी कांग्रेस

इन मुद्दों के अलावा कांग्रेस निकाय और पंचायत चुनाव नहीं कराने के मुद्दे पर भी सरकार को घेरेगी. इस दौरान जवाब नहीं मिलने या फिर जवाब से संतुष्ट नहीं होने पर विपक्ष नारेबाजी करने,वैल में आने और बहिर्गमन करने जैसे कदम भी उठा सकता है. नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली विधायकों से चर्चा करते हुए सरकार को घेरने की रणनीति फिलहाल बना रहे है. जूली ने कहा कि हमारे विधायकों ने सारे सवाल लगा दिए हैं. जनता से जुड़े मुद्दों पर हम जवाब लेकर रहेंगे.

हालांकि विधानसभा का मानसून सत्र बताया जा रहा है काफी छोटा होगा. सात से दस दिन तक यह सत्र चल सकता है. लेकिन कांग्रेस का दावा है कि सत्र कितने दिन ही चले लेकिन हम मजबूती से जनता के मुद्दे उठाएंगे. अब देखना है कि सत्ता पक्ष किस तरह फ्लोर मैनेजमेंट के जरिए विपक्ष को जवाब देता है.    

राजस्थान विधानसभा का मानसून सत्र रहेगा हंगामेदार
विपक्ष कईं मुद्दों पर सरकार के खिलाफ रहेगा हमलावर
कानून व्यवस्था औऱ खराब सड़कों के मुद्दे पर घेरेंगे सरकार को
झालावाड़ स्कूल हादसे को लेकर भी मांगेंगे जवाब
निकाय और पंचायत चुनाव नहीं कराने का भी उठाएंगे मुद्दा