जयपुर: बिहार में महागठबंधन के साथ चुनावी जंग जीतने के लिए कांग्रेस ने राजस्थान के कईं नेताओं को इस बार अहम जिम्मेदारी दी है. अशोक गहलोत जहां सीनियर पर्यवेक्षक की कमान संभाल रहे है तो वहीं सचिन पायलट को स्टार प्रचारक बनाया गया है. साथ ही राजस्थान के करीब दस पार्टी नेताओं को बिहार में पर्यवेक्षक लगाया है.
बिहार विधानसभा चुनाव की जंग अब परवान पर है. एनडीए और इंडिया दोनों गठबंधनों के नेता जमकर बिहार में प्रचार कर रहे हैं. बात कांग्रेस की करें तो पार्टी ने अपने अनुभवी और एक्सपर्ट नेताओं को बिहार के चुनावी दंगल में उतारा है. कांग्रेस हाईकमान ने लगभग हर राज्य से चुनावी कौशल में माहिर नेताओं को बिहार के चुनावी रण में उतारा है. राजस्थान से भी करीब दस नेताओं को बिहार चुनाव में अहम जिम्मेदारी दी गई है.
बिहार विधानसभा चुनाव की जंग
-कांग्रेस ने हर राज्य से अनुभवी नेताओं को उतारा मैदान में
-राजस्थान के कईं नेताओं को मिली बिहार चुनाव की जिम्मेदारी
-अशोक गहलोत को बनाया सीनियर पर्यवेक्षक
-गहलोत ने महागठबंधन में आई दरार को अपने अनुभव से किया दूर
-तेजस्वी यादव को सीएम फेस बनाने की घोषणा भी अशोक गहलोत से कराई
-सचिन पायलट को बनाया बिहार चुनाव में कांग्रेस ने स्टार प्रचारक
-राजस्थान के कईं नेताओं को बनाया बिहार में पर्यवेक्षक
-रफीक खान,हरीश चौधरी,रामलाल जाट,अभिमन्यु पूनिया,अनिल चौपड़ा
-मनीष यादव,रामलाल जाट,दिनेश गुर्जर औऱ करण सिंह उचियाड़ा को बनाया पर्यवेक्षक
राजस्थान के नेताओं को जिला वाइज और विधानसभा वार पर्यवेक्षक की जिम्मेदारी दी गई है. खास तौर से राजस्थानी मतदाताओं को लुभाने का टास्क भी इन्हें दिया गया है. बताया जा रहा है कि राजस्थानी मतदाताओं की संख्या बिहार में करीब 3 लाख से ज्यादा बताई जा रही है. वहीं करीब 15 लाख प्रवासी बिहारी मतदाताओं को भी इन्हें मैनेज करने की जिम्मेदारी दी गई है. संबंधित पर्यवेक्षक हर दिन गहलोत,बघेल औऱ अधीर रंजन चौधरी तीनों सीनियर पर्येवक्षकों को अपनी रिपोर्ट भी भेजते है.
दरअसल बिहार में कांग्रेस का संगठन और कार्यकर्ता अन्य राज्यों की तरह मजबूत नहीं है. क्योंकि कांग्रेस यहां आरजेडी की सरपरस्ती में चुनाव लड़ रही है. ऐसे में इलेक्श मैनेजमेंट के लिए बाहरी राज्यों के नेताओं का कांग्रेस को सहारा लेना पड़ रहा है. लिहाजा पार्टी ने चुनावी रणनीति और कौशल में माहिर नेताओं को बिहार चुनाव में बागडोर सौंपी है.