राजस्थान में करीब 153 स्कूल चल रहे मंदिरों में, जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों की रिपोर्ट में हुआ खुलासा

राजस्थान में करीब 153 स्कूल चल रहे मंदिरों में, जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों की रिपोर्ट में हुआ खुलासा

जयपुर : राजस्थान में करीब 153 स्कूल मंदिरों में चल रहे हैं. इस बात का खुलासा जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों की रिपोर्ट में हुआ है. झालावाड़ में स्कूल हादसे से जुड़ा प्रकरण पर हाईकोर्ट ने स्वप्रेरित प्रसंज्ञान लेकर सुनवाई के दौरान रोक लगाई थी. हाईकोर्ट ने ऐसे सभी स्कूलों में पढ़ाई रोकने और वैकल्पिक व्यवस्था करने के आदेश दिए थे. 

जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों की कोर्ट में पेश की गई निरीक्षण रिपोर्ट में तथ्य सामने आए हैं. डालसा रिपोर्ट में करीब 153 स्कूल मंदिरों, खुले मैदानों और निजी मकानों में संचालित पाए गए हैं. 10 स्कूल पेड़ों के नीचे और 17 स्कूल टीनशेड में संचालित हो रहे हैं. 6 स्कूल अब भी पुराने जर्जर भवनों में चल रहे हैं. 14 स्कूलों में सभी बच्चों को एक ही हॉल में पढ़ाया जा रहा है. कई स्कूलों में जगह की कमी से कक्षाएं बंद होने की नौबत पर है. 

कोटा के एमजीईएमएस स्कूल में बच्चे खुले आसमान और नाले के पास बैठे मिले. डालसा ने फर्नीचर और साफ वातावरण की सुविधा देने के आदेश दिए हैं. बानसूर में पार्वती का मंदिर स्कूल की कक्षाएं अब हनुमान मंदिर में लग रही हैं. आंगनबाड़ी केंद्र में भी छत टपकने की समस्या है. बांदीकुई में बिशनपुरा स्कूल की कक्षाएं पेड़ के नीचे चल रही हैं.

बाद में गांव वालों के निजी मकान में चलाई जा रही हैं. जोधपुर के प्रतापनगर स्कूल में भवनों की स्थिति खराब है. अभिभावक बच्चों की टीसी ले जा रहे हैं. रिपोर्ट के अनुसार बांसवाड़ा में 605, झालावाड़ में 448 सहित उदयपुर जिले में सबसे अधिक जर्जर स्कूल हैं. 1,579 भवनों की मरम्मत अब तक प्रारंभ भी नहीं हुई है. 17,109 स्कूल शौचालय पूरी तरह जर्जर स्थिति में हैं. 

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के निरीक्षण में यह भी सामने आया कि वैकल्पिक भवनों में न पानी की सुविधा, न शौचालय, न बिजली है. सरकार ने कोर्ट के निर्देश के बाद बजट प्लान पेश किया. 1,624.29 करोड़ का मरम्मत और निर्माण बजट प्लान सरकार ने कोर्ट में पेश किया. 2,000 जर्जर स्कूलों की मरम्मत के लिए 174 करोड़ जारी किए हैं. मार्च 2026 तक लक्ष्य पूरा करने का दावा किया गया है. कुल 104 नए स्कूलों के निर्माण के लिए 98.91 करोड़ का बजट है. नवंबर 2026 तय डेडलाइन है.