नई दिल्लीः दिल्ली में आयोजित नीति आयोग की बैठक बीच में छोड़कर ममता बनर्जी बहार निकल गई. उन्होंने कहा कि केंद्र भेदभाव ना करें. मेरा माइक बंद किया गया. जिसपर अब सूत्रों के मुताबिक केंद्र सरकार ने जवाब देते हुए कहा कि माइक बंद करने के आरोप गलत है.
घड़ी में सिर्फ़ यही दिखा कि उनका बोलने का समय खत्म हो गया है. यहां तक कि घंटी भी नहीं बजाई गई. वर्णमाला के हिसाब से, उनकी बारी लंच के बाद आती है. पश्चिम बंगाल सरकार के आधिकारिक अनुरोध पर उन्हें 7वें वक्ता के रूप में शामिल किया गया, क्योंकि उन्हें जल्दी लौटना था.
ममता के आरोपों पर केंद्र सरकार का जवाब
— First India News (@1stIndiaNews) July 27, 2024
माइक बंद करने के आरोप गलत हैं- सूत्र, घड़ी में सिर्फ़ यही दिखा कि उनका बोलने का समय खत्म हो गया है- सूत्र, यहां तक कि घंटी भी...#FirstIndiaNews @MamataOfficial pic.twitter.com/h9iXglGRu7
इससे पहले ममता ने कहा था कि केंद्र भेदभाव ना करें. मेरा माइक बंद किया गया, मुझे बोलने नहीं दिया गया. मैं बोलना चाहती थी लेकिन मुझे केवल 5 मिनट बोलने की अनुमति दी गई. मुझसे पहले लोगों ने 10-20 मिनट तक बोला. मैं विपक्ष की ओर से भाग लेने वाली एकमात्र व्यक्ति थी लेकिन फिर भी मुझे बोलने की अनुमति नहीं दी गई. यह अपमानजनक है. केंद्र सरकार बंगाल के साथ भेदभाव कर रही है.