जयपुर: ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक ग्रह निरंतर अपनी राशि में परिवर्तन करते हैं. एक विशेष अवधि और चाल के अनुसार ये ग्रह एक राशि से दूसरी राशि में जाते हैं. इन ग्रहों की हलचल से ही सभी राशियां प्रभावित होती हैं. इसी कड़ी में सितंबर माह में 3 ग्रह अपनी राशि बदलेंगे. इन ग्रहों में बुध, सूर्य और शुक्र ग्रह शामिल हैं. पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर - जोधपुर के निदेशक ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास ने बताया कि सितंबर माह की शुरुआत बुद्धि और वाणी के ग्रह बुध से होगी. बुध 4 सितंबर से कर्क राशि से निकलकर सिंह राशि में प्रवेश करेंगे. फिर इसके बाद ग्रहों के राजा सूर्य 16 सितंबर से कन्या राशि में प्रवेश करेंगे. सूर्य के राशि परिवर्तन करने से कन्या राशि में सूर्य और शुक्र की युति बनेगी. 16 सितंबर के बाद 18 सितंबर को सुख, वैभव और भोगविलास का कारक शुक्र तुला राशि में प्रवेश कर जाएंगे. बुध फिर 23 सिंतबर को सिंह राशि से निकलकर कन्या राशि में प्रवेश कर जाएंगे. इस तरह के सितंबर माह में ग्रहों के राशि परिवर्तन करने से कुछ राशि वालों को विशेष लाभ मिल सकता है.
ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास ने बताया कि ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ग्रहों की चाल का असर व्यक्ति के जीवन पर पड़ता है. ज्योतिष के नजरिए से भी ये माह बेहद महत्वपूर्ण रहने वाला है. इस माह में 3 ग्रह राशि परिवर्तन करेंगे. वैदिक ज्योतिष के सिद्धांत के अनुसार मनुष्य के जीवन में जो भी घटनाएं घटित होती हैं. उनका कारण ग्रहीय दशा, गोचर, उनकी चाल है. सौरमंडल में बैठे ग्रह ही यह निर्धारित करते हैं कि आने वाला समय कैसा होगा और मनुष्य जीवन पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा.
बुध का सिंह राशि में गोचर
ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि बुध ग्रह को ग्रहों का राजकुमार कहा गया है. यह सूर्य के सबसे नजदीक रहने वाले ग्रह हैं. सितंबर के महीने में ग्रहों के राजुकमार 04 सितंबर को सिंह राशि में गोचर करेंगे. बुध देव 23 सितंबर को कन्या राशि में गोचर करेंगे.
शुभ - वृष, सिंह, कन्या, तुला, , वृश्चिक और मकर
अशुभ - मेष, मिथुन, कर्क, धनु, कुंभ और मीन
सूर्य का कन्या राशि में गोचर
भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि सूर्य हर माह अपनी राशि बदलते हैं, जिसको सूर्य संक्रांति के नाम से जाना जाता है. ग्रहों के राजा सूर्य 16 सितंबर को कन्या राशि में गोचर करेंगे. इसके साथ ही 26 सितंबर को हस्त नक्षत्र और 10 अक्टूबर को चित्रा नक्षत्र में चले जाएंगे. 17 अक्तूबर को तुला राशि में गोचर करेंगे.
शुभ - वृष, मिथुन, कर्क, सिंह, कन्या, तुला और कुंभ
अशुभ - मेष, वृश्चिक, धनु, मकर और मीन
शुक्र का तुला राशि में गोचर
भविष्यवक्ता डा. अनीष व्यास ने बताया कि सुख, भोग-विलास के कारक ग्रह शुक्र 18 सितंबर को कन्या राशि से निकलकर तुला राशि में गोचर कर जाएंगे. शुक्र देव के राशि परिवर्तन से कुछ राशि के जातक को बहुत ही लाभ मिलेगा.
शुभ - मेष, वृष, मिथुन, कन्या, तुला, धनु और मकर
अशुभ - कर्क, सिंह, वृश्चिक, कुंभ और मीन
मंगल का नक्षत्र परिवर्तन
भविष्यवक्ता डा. अनीष व्यास ने बताया कि मंगल देव 06 सितंबर को सुबह 09:09 मिनट पर आर्द्रा नक्षत्र में चले जाएंगे. वहीं 20 अक्तूबर को मंगल कर्क राशि में गोचर करेंगे.
ग्रहों के गोचर का प्रभाव
भविष्यवक्ता डा. अनीष व्यास ने बताया कि व्यापार में तेजी आएगी. देश में कई जगह ज्यादा बारिश होगी. प्राकृतिक घटनाएं होगी. भूकंप आने की संभावना है. तूफान, बाढ़, भूस्खलन, पहाड़ टूटने, सड़के और पुल भी टूटने की घटनाएं हो सकती हैं. बस और रेलवे यातायात से जुड़ी बड़ी दुर्घटना होने की भी आशंका है. बीमारियों का संक्रमण बढ़ सकता है. शासन-प्रशासन और राजनैतिक दलों में तेज संघर्ष होंगे. सामुद्रिक तूफान और जहाज-यान दुर्घटनाएं भी हो सकती हैं. खदानों में दुर्घटना और भूकंपन से जन-धन हानि होने की आशंका बन रही है. रोजगार के अवसर बढ़ेंगे. आय में इजाफा होगा. राजनीति में बड़े स्तर पर परिवर्तन देखने को मिलेगा.
क्या करें उपाय
भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि हं हनुमते नमः, ऊॅ नमः शिवाय, हं पवननंदनाय स्वाहा का जाप करें. प्रतिदिन सुबह और शाम हनुमान जी के समक्ष सरसों के तेल का दीपक जलाएं. लाल मसूर की दाल शाम 7:00 बजे के बाद हनुमान मंदिर में चढ़ाएं. हनुमान जी को पान का भोग और दो बूंदी के लड्डू का भोग लगाएं. ईश्वर की आराधना संपूर्ण दोषों को नष्ट एवं दूर करती है. महामृत्युंजय मंत्र और दुर्गा सप्तशती पाठ करना चाहिए. माता दुर्गा, भगवान शिव और हनुमानजी की आराधना करनी चाहिए.