बरसाती पानी के भराव की समस्या से मिलेगी निजात, सीकर रोड पर होगा ड्रेनेज का निर्माण

जयपुरः राजधानी के सीकर रोड और इसके दोनों तरफ के एक करोड़ वर्गमीटर से अधिक कैचमेंट एरिया को बरसाती पानी के भराव की समस्या से निजात मिलने वाली है. साठ करोड़ रुपए से अधिक लागत के जेडीए के इस प्रोजेक्ट के प्रथम चरण में इसी महीने के अंत में मौके पर काम शुरू हो जाएगा. क्या है यह प्रोजेक्ट और किस तरह से समस्या का होगा समाधान.

राजधानी के सीकर रोड पर हर बार तेज बारिश के कारण पानी भराव की समस्या रहती है. तेज बारिश में बरसाती पानी दिल्ली बाईपास से लेकर चौमूं पुलिया तक चार से पांच फीट तक पानी भर जाता है. इस समस्या से निजात दिलाने के उद्देश्य से पिछली कांग्रेस सरकार के समय जेडीए ने विस्तृत परियोजना रिपोर्ट बनाने के लिए पीडीकौर को पिछले वर्ष 31 जुलाई को वर्क आर्डर दिया था. प्रोजेक्ट की डीपीआर तैयार कर ली गई. उप मुख्यमंत्री दीया कुमारी ने झोटवाड़ा एलिवेटेड रोड प्रोजेक्ट के मौका मुआयना के दौरान जेडीए अधिकारियों को इस प्रोजेक्ट पर जल्द काम करने के निर्देश दिए थे. जेडीए आयुक्त मंजू राजपाल की अध्यक्षता में हाल ही कार्यकारी समिति की बैठक में प्रथम चरण की निविदा को मंजूरी दी गई. चयनित फर्म इस महीने के अंत तक मौके पर काम शुरू कर देगी. इस प्रोजेक्ट से सीकर रोड के दोनों तरफ विद्याधर नगर और मुरलीपुरा सहित तीन सौ कॉलोनियों के लोगों को जल भराव की समस्या छुटकारा मिलेगा. साथ ही इस सड़क से रोजाना गुजरने वाले लाखों वाहन चालकों को भी राहत मिलेगी. आपको सबसे पहले बताते हैं कि इस प्रोजेक्ट में किस तरह से काम होगा.

-यह प्रोजेक्ट तीन चरणों में पूरा किया जाएगा
-इन तीन चरणों में कुल नौ पैकेज के तहत काम शुरू किया जाएगा
-इस प्रोजेक्ट में सीकर रोड के दोनों तरफ ड्रेनेज का निर्माण किया जाएगा
-इस ड्रेनेज से सारा बरसाती पानी सीधे द्रव्यवती नदी में छोड़ा जाएगा 
-इसके लिए अंबाबाड़ी रोड पर भूमिगत नाले का निर्माण किया जाएगा
-प्रथम चरण में पैकेज एक व दो शामिल किया गया है
-द्वितीय चरण में पैकेज तीन व चार को शामिल किया गया है
-तृतीय चरण में पैकेज पांच,छह व सात के काम को शामिल किया है
-सबसे पहले प्रथम चरण का काम इस महीने के अंत में शुरू होगा
-पहले चरण का काम अगले मानसून से पहले पूरा होने की उम्मीद है
-पहला चरण पूरा होने के बाद सीकर रोड पर पानी भराव की समस्या नहीं रहेगी
-दूसरा व तीसरा चरण पूरा होने के बाद सीकर रोड के दोनों तरफ मुरलीपुरा
-और विद्याधर नगर व आस-पास की कॉलोनियों में बारिश के पानी भरने की समस्या से निजात मिलेगी
-जेडीए अभियंताओं के अनुसार बहुत तेज बार

60 करोड़ रुपए से अधिक की लागत के इस प्रोजेक्ट में कुल सात पैकेज प्रस्तावित है. इन अलग-अलग पैकेज में मुख्य सीकर रोड और सीकर रोड के दोनों तरफ के इलाके में बरसाती पानी के जल भराव की समस्या से निपटने के लिए ड्रैनेज का निर्माण किया जाएगा. तीन चरणों में क्रियान्वित किए जाने वाले इस प्राेजेक्ट में हर चरण की अलग निविदा होगी. पहले चरण की निविदा को जेडीए ने मंजूरी दे दी है. पहले चरण में पूरे पैकेज एक व दो में मुख्य सीकर रोड पर ड्रेनेज का काम किया जाएगा. आपको बताते हैं कि किस पैकेज में क्या काम होगा.

-पैकेज वन ए में सीकर रोड विद्याधर नगर की तरफ बाइपास से खेतान अस्पताल तक से ड्रेनेज का निर्माण होगा
-पैकेज वन बी में सीकर रोड विद्याधर नगर की तरफ खेतान अस्पताल से द्रव्यवती नदी तक ड्रेनेज निर्मित होगा
-पैकेज 2 ए में सीकर रोड मुरलीपुरा की तरफ बाइपास से खेतान अस्पताल तक ड्रेनेज बनेगा
-पैकेज 2 बी में सीकर रोड मुरलीपुरा की तरफ खेतान अस्पताल से द्रव्यवती नदी तक ड्रेनेज का निर्माण होगा
-पहले चरण में शामिल इन दोनों पैकेज के लिए निविदा जेडीए की अनुमानित लागत से करीब 23 फीसदी कम आई है
-ऐसे में जेडीए पहले चरण में 26.52 करोड़ रुपए खर्च करेगा
-पैकेज 3 में वीकेआई से बड़ी खेड़ा तक वाया सेन्ट्रल स्पाइन 9.57 करोड़ रुपए की लागत से ड्रेनेज का निर्माण होगा
-पैकेज 4 में सेन्ट्रल स्पाइन से बड़ी खेड़ा तक 2.89 करोड़ रुपए की लागत से ड्रेनेज का निर्माण होगा
-पैकेज 5 में मुरलीपुरा क्षेत्र में 6.77 करोड़ रुपए की लागत से ड्रेनेज का निर्माण होगा
-पैकेज 6 में अजमेर-दिल्ली बायपास क्षेत्र में 10.81 करोड़ रुपए की लागत से ड्रेनेज का निर्माण होगा
-पैकेज 7 बी में खेतान अस्पताल के पीछे के क्षेत्र में 2.48 करोड़ रुपए की लागत से ड्रेनेज का निर्माण होगा. 

प्रोजेक्ट से जुड़े जेडीए के अभियंताओं के अनुसार इस प्रोजेक्ट को इस प्रकार डिजाइन किया गया है कि बहुत तेज बारिश आने के बाद भी क्षेत्र में बारिश के पानी एक या डेढ़ घंटे में द्रव्यवती नदी में चला जाए. पहले चरण का काम पूरा होने के बाद अगले मानसून से पहले सीकर रोड पर तो बारिश के पानी के भराव से निजात मिल जाएगी. लेकिन तय समय में शेष दो चरणों का भी काम शुरू कर उसे पूरा किया जाए. ताकि आस-पास का इलाका भी इस समस्या से मुक्त हो.