अजमेर: 1993 सिलसिलेवार बम धमाका प्रकरण में फैसला, अब्दुल करीम टुंडा को किया बरी

अजमेर: अजमेर से इस वक्त की बड़ी खबर मिल रही है. 1993 सिलसिलेवार बम धमाका प्रकरण में टाडा कोर्ट ने फैसला सुनाया है. अब्दुल करीम टुंडा को बरी किया. अब्दुल करीम टुंडा किसी भी मामले में दोषी नहीं पाए गए. इरफान और हम्मीदुद्दीन को दोषी करार किया. वहीं दो अन्य दोषियों इरफान और हम्मीदुद्दीन को उम्रकैद की सजा सुनाई. 31 साल बाद टाडा कोर्ट ने फैसला सुनाया. 

1993 सिलसिलेवार बम धमाकों के प्रकरण में 31 साल बाद न्यायालय से अंतिम फैसला सुनाया है. बाबरी मस्जिद ढहाने की वर्षगांठ पर बम धमाके हुए थे. मुंबई, लखनऊ, कानपुर, हैदराबाद और सूरत की ट्रेनों में सिलसिलेवार बम धमाके हुए थे. अब्दुल करीम उर्फ़ टुंडा को कोर्ट ने बरी ​कर दिया है. इरफ़ान और हमीमुद्दीन को दोषी करार दिया है.

अब्दुल करीम साल 2013 में नेपाल बॉर्डर से पकड़ा गया था. टुंडा 24 सितंबर 2023 से अजमेर जेल मे बंद है. अब्दुल करीम टुंडा सहित तीन आरोपियों के खिलाफ फैसला कोर्ट ने सुनाया है. इससे पहले टुंडा के वकील ने मीडिया से बातचीत में कहा कि टुंडा के खिलाफ चार्जशीट पेश नहीं हो पाई. टुंडा के खिलाफ कोई भी डायरेक्ट एविडेंस नहीं आया. टुंडा को गिरफ्तार करने वाले अफसर भी कोर्ट में पेश नहीं हुए.