जातिगत जनगणना को लेकर बोले अशोक गहलोत, कहा- अगर रेवड़ी या फ्रीबीज बन्द करनी है तो जल्द करवाएं जातिगत जनगणना

जातिगत जनगणना को लेकर बोले अशोक गहलोत, कहा- अगर रेवड़ी या फ्रीबीज बन्द करनी है तो जल्द करवाएं जातिगत जनगणना

जयपुर: जातिगत जनगणना को लेकर अशोक गहलोत ने कहा कि अगर रेवड़ी या फ्रीबीज बन्द करनी है तो जल्द सामाजिक, आर्थिक एवं जातिगत जनगणना करवाएं.  यह सभी गरीब एवं मध्यमवर्गीय परिवारों के साथ न्याय सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है. आज की तारीख में सरकारों के पास ऐसा कोई डाटा उपलब्ध नहीं है.

जो परिवारों की सामाजिक, आर्थिक और जातिगत स्थिति को बता सके. इस कारण ऐसी योजनाएं नहीं बनाई जा सकती हैं. जो अलग-अलग वर्ग की अपनी आवश्यकताओं के अनुरूप हो. अपना जीवन चलाने के लिए धन अर्जित करना बेहद आवश्यक है. परन्तु कई परिवारों में ऐसी विकट परिस्थितियां होती है.

चाहकर भी एक सामान्य रहन-सहन के लिए आवश्यक धन अर्जित कर सके. इसका कारण बीमारी, गरीबी, स्किल की कमी, रोजगार के अवसरों की कमी आदि है. कई देशों में साप्ताहिक और मासिक तौर पर एक निश्चित राशि दी जाती है. क्योंकि वहां अलग-अलग वर्ग का बेहतर डाटा उपलब्ध है. इससे वहां चुनावी लाभ के लिए फ्रीबीज की घोषणा भी नहीं करनी पड़ती है.

 

पूरे देश में एक जैसी सामाजिक सुरक्षा योजना हो. इससे अलग-अलग राज्यों पर अनावश्यक दबाव भी नहीं पड़ेगा. राजस्थान में न्यूनतम इनकम गारंटी एक्ट से इस दिशा में एक कदम बढ़ाया गया था. सरकार ने इस कानून को ठीक से लागू नहीं रखा. हमारे समय भी सही डाटा की व्यापक तौर पर उपलब्धता इसमें भी एक चुनौती थी. अब वक्त सामाजिक सुरक्षा कानून का है. अमीर-गरीब की खाई कम होनी चाहिए. देश में फ्रीबीज के नाम पर हर राजनीतिक पार्टी द्वारा की जा रही घोषणाएं भी रुक सके.

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