जयपुर: जेडीए की ओर से कराए गए कार्यों की गुणवत्ता पर खुद जिला कलक्टर ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं. इन कार्यों की गुणवत्ता को लेकर जिला कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित इस कदर हुए नाराज कि उन्होंने इन कार्यों को बीच में ही रोकने की जेडीए को हिदायत दी.
जिला कलेक्ट्रेट में रिनोवेशन कार्य कराए जाने थे. इसके लिए कलेक्ट्रेट की ओर से जेडीए को जिम्मेदारी दी गई थी. जेडीए की ओर से अनुबंधित फर्म ने मौके पर काम भी शुरू कर दिया था. लेकिन जिला कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित ने इस काम को गुणवत्तापूर्ण नहीं माना. काम की रफ्तार भी कम रही. इन कार्यों की गुणवत्ता की जांच के लिए जिला कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित ने मालवीय राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (MNIT) को पत्र लिख दिया.
आपको बताते हैं कि यह मामला किस तरह चला
-कलेक्ट्रेट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कक्ष,मीटिंग हॉल,एकल खिड़की,स्वागत कक्ष,
-अधिकारियों व कर्मचारियों के कक्ष व पार्किंग स्टैंड का रिनोवेशन कराया जाना था
-इस रिनोवेशन कार्य की जिम्मेदारी कलेक्ट्रेट ने जयपुर विकास प्राधिकरण को दी
-इसके लिए कलेक्ट्रेट की ओर से करीब 2.74 करोड़ रुपए की राशि जेडीए को हस्तांतरित की गई
-जेडीए ने 20 फरवरी 2023 को पार्किंग स्टैण्ड के रिनोवेशन वर्क का वर्क ऑर्डर जारी किया
-इसके बाद 4 अप्रेल 2023 को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कक्ष,मीटिंग हॉल,एकल खिड़की,
-स्वागत कक्ष,अधिकारी व कर्मचारियों के कक्षों के रिनोवेशन वर्क का वर्क ऑर्डर जारी किया
-ये वर्क ऑर्डर फर्म गोयल सावित्री इण्डस्ट्रीज को जारी किए गए
-इस अनुबंधित फर्म की ओर से मौके पर काम भी शुरू कर दिए गए
-लेकिन फर्म की ओर से कराए जा रहे कार्य गुणवत्तापूर्ण और अपेक्षित गति के अनुरूप व संतोषप्रद नहीं रहे
-इसके चलते काम को बीच में रोकने के लिए कलेक्टर की ओर से जेडीए को पत्र लिखा गया
-इस पत्र पर जेडीए ने काम रोकते हुए शेष राशि कलेक्ट्रेट को वापस लौटे दिए
-फर्म की ओर से कलेक्ट्रेट में करीब 1 करोड़ 20 लाख रुपए के काम किए गए
-कार्य की घटिया गुणवत्ता के चलते कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित ने MNIT को पत्र लिखा
-पत्र लिखकर कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित ने इन कार्यों की गुणवत्ता की जांच करने को कहा
-उधर जेडीए ने इन कार्यों की गुणवत्ता की जांच थर्ड पार्टी को सौंपी है