सड़क हादसों को सीमित-नियंत्रित करने का प्रयास, सड़क सुरक्षा टास्क फोर्स का होगा गठन

जयपुरः सड़क हादसों को नियंत्रित करने के लिए अब सभी संभाग मुख्यालय जिलों पर सड़क सुरक्षा टास्क फोर्स बनाई जाएगी. यह टास्क फोर्स सड़क हादसों को सीमित करने के लिए काम करेगी. प्रदेश में बीते कुछ महीनों में सड़क हादसों की संख्या में बेतहाशा बढ़ोतरी हुई है. सड़क हादसों में जान गवाने वाले लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है. बीते एक महीने में ही प्रदेश में 50 से अधिक लोग अपनी जान गवा चुके हैं. परिवहन एवं सड़क सुरक्षा विभाग के तमाम दावों के बाद भी सड़क हादसे कम नहीं हो पा रहे हैं. 

प्रदेश में सड़क हादसे बढ़ने का बड़ा कारण है आवश्यक प्रवर्तन कार्रवाई ना होना. अभी भी प्रदेश के हर इलाके में बड़ी संख्या में डग्गेमार वाहन चल रहे हैं लेकिन पुलिस और परिवहन विभाग आवश्यक कार्रवाई करने में विफल साबित हो रहे हैं. परिवहन एवं सड़क सुरक्षा विभाग भी अपनी जिम्मेदारी नहीं निभा पा रहा है, पिछली सरकार में परिवहन विभाग के साथ सड़क सुरक्षा विभाग इसलिए जोड़ा गया था कि यह विभाग सड़क हादसों को कम करने के लिए काम करेगा लेकिन पिछली सरकार की यह मंशा सिर्फ़ नाम बदलने तक ही सीमित रह गई. परिवहन विभाग की सड़क  सुरक्षा शाखा के पास 100 करोड़ का वार्षिक बजट है लेकिन अभी तक इस बजट का प्रयोग सही दिशा में नहीं हो रहा है 

सड़क हादसों को समिति और नियंत्रित करने के लिए अब सभी संभाग मुख्यालय जिलों पर सड़क सुरक्षा टास्क फोर्स बनाई जाएगी. बजट में वित्त मंत्री ने इसका ऐलान किया था जिसकी पालना में परिवहन विभाग ने आदेश जारी कर दिए हैं सभी कलेक्टरों को 30 नवंबर तक टास्क फोर्स बना कर परिवहन विभाग को सूचना देनी होगी. परिवहन विभाग ने टास्क फोर्स में शामिल होने वाले लोगों की योग्यता और वेतन तय कर दिया है, टास्क फोर्स में टीम लीडर सहित 5 लोग शामिल होंगे. 

टीम लीडर- योग्यता- रिटायर्ड उप परिवहन आयुक्त या अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक 

सह टीम लीडर- रिटायर्ड DTO, ARTO, DSP, में से कोई एक 

सलाहकार- किसी भी संकाय में स्नातक या स्नातकोत्तर के साथ सड़क सुरक्षा संबंधी विशेष सर्टिफिकेट कोर्स 

इंटर्न्स- किसी भी आईआईटी NIT या राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज से स्नातक या 
स्नातकोत्तर

मल्टी टास्क वर्कर- जरूरत के अनुसार जिला कलेक्टर कार्यालय से प्रतिनियुक्ति ली जा सकेगी.