नई दिल्ली: राज्यसभा में आज एक गरमागरम बहस देखने को मिली, जब सभापति जगदीप धनखड़ और विपक्षी नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के बीच तीखी नोक-झोंक हुई. यह बहस अविश्वास प्रस्ताव पर चल रहे हंगामे के दौरान हुई. सभापति जगदीप धनखड़ ने अपनी बात रखते हुए कहा कि मैं किसान का बेटा हूं और विपक्ष ने संविधान की धज्जियां उड़ाई हैं. मैंने बहुत कुछ सहा है, लेकिन मैं कभी झुका नहीं हूं. मैं देश के लिए मर सकता हूं, मिट सकता हूं.
उन्होंने आगे कहा कि वह मल्लिकार्जुन खड़गे की इज्जत करते हैं, लेकिन उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि विपक्षी सांसदों ने सदन की गरिमा को गिराया है. मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस पर पलटवार करते हुए कहा कि आप किसान के बेटे हैं, तो मैं मजदूर का बेटा हूं. आप विपक्षी सांसदों को अपमानित करते हैं. सदन चलाना सभापति की जिम्मेदारी है, और हम यहां आपकी तारीफ सुनने नहीं आए हैं.
इस विवाद ने राज्यसभा में तगड़ी बहस को जन्म दिया, जिससे पूरे सदन में तनावपूर्ण माहौल बन गया. खड़गे ने यह भी कहा कि सभापति को सदन की कार्यवाही में निष्पक्ष रहना चाहिए और विपक्ष की आवाज़ को दबाना नहीं चाहिए. यह घटनाक्रम संसद के कामकाजी माहौल और सदन की कार्यवाही के प्रति गंभीर सवाल खड़ा करता है, खासकर जब विपक्षी दलों ने इस बहस को अपनी आवाज़ दबाने का आरोप लगाया है.