VIDEO: राजस्थान में सड़क हादसों को कम करने के लिए परिवहन विभाग की बड़ी पहल, देखिए ये खास रिपोर्ट

जयपुर: राजस्थान में सड़क हादसों को कम करने के लिए परिवहन विभाग ने बड़ी पहल की है. अब प्रदेश के राष्ट्रीय राजमार्गों पर ट्रक और बस चालकों के लिए अत्याधुनिक विश्राम स्थल बनाए जाएंगे. इसका फ़ायदा यह होगा कि लंबी दूरी तय करने वाले ट्रक और बस चालक यहाँ आराम कर सकेंगे. इससे चालक को नींद आने के कारण होने वाले सड़क हादसों में काफ़ी कमी आएगी और चालकों का जीवन स्तर भी बेहतर होगा. 

राष्ट्रीय राजमार्गों पर चलने वाले ट्रक चालक कई घंटे तक लगातार ड्राइविंग करते हैं पर्याप्त नींद और रेस्ट नहीं मिल पाने के कारण अधिकतर सड़क हादसे होते है, लेकिन अब रेस्ट रूम बनने के बाद ऐसे सड़क हादसों के कमी आने का अनुमान है. परिवहन विभाग की ओर से प्रदेश के जयपुर-दिल्ली, जयपुर-कोटा और जयपुर-आगरा राष्ट्रीय राजमार्गों पर अत्याधुनिक सुविधा युक्त विश्राम घर बनाएं जाएंगे. जहां पर चालकों को मुफ्त में हर सुविधा मिल सकेगी. परिवहन विभाग ने इस योजना के पहले चरण में जयपुर, अलवर, खैरथल, कोटपुतली, दौसा, डीग, भरतपुर, टोंक, बूंदी और कोटा जिलों के कलक्टरों को पत्र भेजकर 5 से 7 बीघा भूमि आवंटित करने का अनुरोध किया है. इन विश्राम घरों को खासतौर पर चालकों की जरूरतों को ध्यान में रखकर डिजाइन किया जाएगा.

क्या होगा इन विश्राम घरों में?
-साफ-सुथरे शौचालय और स्नानघर
-पीने के पानी की सुरक्षित व्यवस्था
-प्राथमिक चिकित्सा कक्ष
-भोजनालय व जलपान केंद्र
-मोबाइल और उपकरणों के लिए चार्जिंग प्वाइंट
-वाहन पार्किंग की समुचित जगह
-और आराम करने के लिए शांत, सुरक्षित वातावरण

इसके अलावा सरकार की योजना है कि इन स्थलों पर समय-समय पर स्वास्थ्य जांच शिविर, जागरूकता अभियान और ड्राइवरों के लिए स्वास्थ्य व प्रशिक्षण कार्यशालाएं भी आयोजित की जाएं. ये सभी सुविधाएं चालकों को मुफ्त में मुहैया करवाई जाएगी. विशेषज्ञों की मानें ये एक अभिनव पहल है, क्योंकि लगातार वाहन चलाने से ड्राइवरों में थकान, माइग्रेन, नींद की कमी और चिड़चिड़ापन जैसे लक्षण आम हैं. कई बार नींद की झपकी ही बड़े हादसों का कारण बनती है. ऐसे में यह पहल सीधे तौर पर सड़क सुरक्षा को मजबूत करेगी.

परिवहन विभाग के अनुसार जैसे ही संबंधित जिलों से भूमि आवंटन की प्रक्रिया पूरी होगी, निर्माण कार्य तुरंत शुरू किया जाएगा. भविष्य में इसे पूरे प्रदेश के राष्ट्रीय और राज्यीय राजमार्गों पर चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा. सरकार को उम्मीद है कि यह कदम न केवल चालकों को थकान से राहत देगा, बल्कि राजस्थान के लॉजिस्टिक इंफ्रास्ट्रक्चर को नया आयाम देगा. ड्राइवरों को विश्राम मिलने से उनकी कार्यक्षमता बढ़ेगी. दुर्घटनाओं में कमी आएगी और यातायात व्यवस्था ज्यादा सुरक्षित और सुचारु हो सकेगी.