जयपुर: चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर SMS ट्रोमा सेंटर पहुंचे. SMS ट्रोमा सेंटर स्थित घटनास्थल का मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने दौरा किया. घटना को लेकर मीडिया से बात की. पूरी घटना को लेकर विस्तार से चर्चा की. 6 लोगों की कमेटी बनाकर जांच कराने की गारंटी दी. उन्होंने कहा कि जांच के बाद किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा. सात दिनों में कारणों का पता लगाया जाएगा.
आपको बता दें किे चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर मीडिया से रूबरू हुए. बहुत ही दुखद घटना हुई,इसको लेकर सरकार गंभीर है. 6 लोगों की हाईलेवल जांच कमेटी बैठा दी गई है. जिम्मेदार और दोषियों को नहीं बख्शा जाएगा. जांच कमेटी पूरे निष्पक्ष तरीके से जांच करेगी. मृतकों के परिजनों और घायलों को सरकार मुआवजा देगी. दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी. हादसे को लेकर खुद मुख्यमंत्री भी गंभीर हैं. केबल के सैंपल ले लिए गए हैं.
उच्च स्तरीय जांच समिति गठित:
SMS के ट्रॉमा सेंटर दुखांतिका को लेकर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के आदेश पर उच्च स्तरीय जांच समिति गठित हुई. चिकित्सा शिक्षा विभाग के आयुक्त इकबाल खान समिति के अध्यक्ष बनाए गए. समिति में कुल 6 सदस्य शामिल किए गए. मुकेश कुमार मीणा,चंदन सिंह मीणा,अजय कुमार माथुर को सदस्य बनाया. डॉ.आरके जैन और मुख्य अग्निशमन अधिकारी, नगर निगम जयपुर को भी सदस्य बनाया. समिति आग लगने के कारणों की विस्तृत जांच रिपोर्ट बनाएगी. राहत और बचाव कार्यों की व्यवस्था पर भी रिपोर्ट देगी.
SMS के ट्रॉमा सेंटर में आग लगने की घटना दुखद:
SMS के ट्रॉमा सेंटर में आग लगने की दुखद घटना सामने आई है. उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी ने घटना को लेकर गहरी संवेदना जताते हुए कहा कि मरीजों की जनहानि का समाचार अत्यंत दु:खद और पीड़ादायक है. हादसे की सूचना के बाद चित्तौड़गढ़, प्रतापगढ़ का दौरा स्थगित किया. ईश्वर से दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए की प्रार्थना की. शोक संतप्त परिजनों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की. वहीं हादसे में घायलों के शीघ्र ठीक होने की कामना की. आपको बता दें कि SMS अस्पताल भीषण अग्निकांड में जान गंवाने वालों की संख्या बढ़ गई है. ट्रोमा सेंटर के दर्दनाक हादसे में 6 मरीजों ने जान गंवाई है. अग्निकांड के मृतकों के नाम सामने आ गए हैं.
SMS मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल ने क्या बताया?
SMS मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. दीपक माहेश्वरी ने इस घटना को लेकर कहा कि घटना के वक्त वार्ड में 11 से 12 मरीज मौजूद थे. सभी मरीजों को वार्ड से शिफ्ट किया गया है. पहले फेज के 5-6 मरीजों को निकाला गया. 4-5 मरीजों को बर्न इंजरी हुई है.
SMS अस्पताल प्रशासन की बड़ी लापरवाही उजागर:
इस अग्निकांड में SMS अस्पताल प्रशासन की बड़ी लापरवाही उजागर हो गई है. ICU धुआं-धुआं होता रहा लेकिन जिम्मेदारों ने सुध नहीं ली. प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक करीब 11:20 बजे के आसपास ICU में धुआं दिखने लगा था. इस बारे में परिजनों ने मौजूद स्टाफ और चिकित्सकों को सूचना दी. लेकिन इसके बावजूद तत्काल कोई एक्शन नहीं लिया गया. और देखते ही देखते आधे घंटे के भीतर आग ने विकराल रूप ले लिया और 11 मरीज फंस गए. हालांकि इस दौरान 3 से 4 मरीजों को बाहर निकाला गया. लेकिन फिर भी 6 से 7 मरीज आग की लपट और धुआं में फंस गए. संभवतया अंत में बड़ी जद्दोजहद में निकाले 6 से 7 मरीजों में से ही 6 ने जान गंवाई. इससे पहले भी SMS अस्पताल में आग लगने की घटनाओं की बड़ी लापरवाही उजागर हो चुकी है.