जयपुरः मकराना के रेवत डूंगरी क्षेत्र में अवैध मार्बल खनन का मामला गरमा गया है. बिना एनवायरमेंट क्लीयरेंस के खनन करने और पिछला एक करोड़ से अधिक की जुर्माना राशि जमा किए बिना खनन लाइसेंस दिए जाने और खदान का आकार बढ़ाने में करोड़ों रुपए की मिलीभगत के आरोप हैं. पूरे मामले में परिवादी शेर सिंह ने मुख्यमंत्री को शिकायत भेज कर खदान का लाइसेंस निरस्त करने की मांग की है. एक रिपोर्ट:
दरअसल मकराना के रेवंत डूंगरी खनन क्षेत्र में स्थित खदान संख्या 22 वर्ष 2016 से ही पर्यावरण मंजूरी न होने और नियमन न होने के कारण बंद पड़ी है. पिछले दिनों खान विभाग के अधिकारियों की कारस्तानी से इस खदान के एक हिस्से की चौड़ाई बढ़ाकर 22 डी नाम से नई खदान का लाइसेंस जारी कर दिया गया. इसके बाद से पूरा मामला सामने आया. दरअसल एक खान की पर्यावरणीय स्वीकृति नहीं होने के बावजूद उसमें अवैध खनन किए जाने के मामला तूल पकड़ता जा रहा है. इस बारे में परिवादी शेर सिंह ने मुख्यमंत्री और जिला कलेक्टर डीडवाना कुचामन को शिकायत की है. शिकायत में बताया गया है कि बापी खान संख्या 22 कई सालों से नियमन और पर्यावरण स्वीकृति के अभाव में बंद पड़ी है. खान के एक हिस्से का हाल ही में चौड़ाई बढ़ाकर उसका नया लाइसेंस खान 22/डी बनाया गया है और इसकी चौड़ाई मुख्य सड़क की तरफ बढ़ा दी है. खान की ईसी भी नहीं बनी है तथा बगैर ईसी के ही खनन हो रहा हैं. खनि अभियंता ने लाइसेंसी शेख खुर्शीद अहमद को 4 मई 2023 को अवैध खनन रोकने के लिए नोटिस दिया. इसके बावजूद खान संख्या 22 के हिस्से में ही नया लाइसेंस 22/डी जारी कर दिया. उन्होंने बताया कि खान मकराना के बोरावड़ रेलवे फाटक से जाखली की ओर जाने वाले मुख्य मार्ग पर मौजूद है. खान का क्षेत्रफल 73 गुणा 67 फीट था. जिसका लाइसेंस बनाने के साथ उसकी चौड़ाई सड़क की तरफ बढ़ाकर 73 गुणा 142 फीट कर दिया. खान सड़क की तरफ 75 फीट बढ़ाकर आम रास्ते को कवर कर लिया है. तत्कालीन खनि अभियंता महेश प्रकाश पुरोहित ने पत्र क्रमांक 1672 19 मई 2023 के माध्यम से अधीक्षण खनि अभियंता अजमेर को पत्र भेजकर अवैध खनन के एवज में जुर्माना पंचनामा ऑनलाइन करवा खान संख्या 22 पर 1,15,67,500 रुपए की शास्ति अध्यारोपित की. ज्ञापन में बताया कि खान विभाग के अधिकारियों ने पूरी शास्ति वसूले बिना ही बापी खान संख्या 22 के हिस्से में ही नया लाइसेंस 22/डी जारी कर दिया. खान की अगुवाड़ भी फटी हुई है जिससे जान-माल के नुकसान की आशंका है. पूरे मामले में कलेक्टर बालमुकंद असावा ने खनिज अभियंता को जांच को कहा है. लेकिन बड़ा सवाल यह है कि पूर्व का जुर्माना किस आधार पर माफ किया और एक ही खदान के हिस्से को दूसरी खदान बनाकर लाइसेंस किस आधार पर जारी किया गया ?