देश का नया पावर सेंटर अब कर्तव्य भवन; पीएम मोदी बोले- यह नाम हमारे लोकतंत्र की हमारे संविधान की मूल भावना का उद्घोष है

देश का नया पावर सेंटर अब कर्तव्य भवन; पीएम मोदी बोले- यह नाम हमारे लोकतंत्र की हमारे संविधान की मूल भावना का उद्घोष है

नई दिल्ली : देश का नया पावर सेंटर अब कर्तव्य भवन होगा. पीएम मोदी ने अपने ड्रीम प्रोजेक्ट सेंट्रल विस्टा का उद्घाटन किया. गृह व विदेश मंत्रालय सहित कुल सात विभाग कर्तव्य भवन-3 में शिफ्ट होंगे. पीएम मोदी ने कर्तव्य पथ पर एक सार्वजनिक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि यह सामान्य भवन नहीं है.

'"कर्तव्य भवन" यह नाम हमारे लोकतंत्र की हमारे संविधान की मूल भावना का उद्घोष है. गीता में भगवान श्री कृष्ण ने कहा है हमें क्या प्राप्त करन है, क्या प्राप्त नहीं करना है. इस सोच से ऊपर उठकर हमें कर्तव्य भाव से कर्म करना चाहिए.

कर्तव्य भारतीय संस्कृति में यह शब्द केवल दायित्व या रिस्पांसिबिलिटी तक सीमित नहीं है. 100 की सीमा से परे सर्वस्व को स्वीकार करने की विराट दृष्टि यही कर्तव्य की वास्तविक परिभाषा है. कर्तव्य भवन यह सिर्फ इमारत का नाम भर नहीं है.

यह करोड़ों देशवासियों के सपनों को साकार करने की तपोभूमि है. कर्तव्य ही आरंभ है कर्तव्य ही प्रारंभ है, कर्तव्य भक्ति भाव से किया हर कार्य है. 'कर्तव्य परिश्रम की पराकाष्ठा है, कर्तव्य हर जीवन में ज्योत जला दे वही इच्छा शक्ति है.

अब तक देश की एडमिनिस्ट्रेटिव मशीनरी को उन बिल्डिंगों से चलाया जा रहा है. जो ब्रिटिश शासन काल में बनी थी. होम मिनिस्ट्री जैसी महत्वपूर्ण मिनिस्ट्री करीब 100 साल से एक ही बिल्डिंग में अपर्याप्त साधनों के साथ चल रही थी.

इतना ही नहीं भारत सरकार के अलग-अलग मंत्रालय दिल्ली के 50 अलग-अलग जगह से चल रहे हैं. इनमें से बहुत सारे मंत्रालय तो किराए की बिल्डिंग में चल रहे है. इनके किराए पर जितने रुपए खर्च हो रहे थे वह अपने आप में बहुत बड़ा आंकड़ा है.

अगर मोटा-मोटा हिसाब लगे तो डेढ़ हजार करोड़ रु.प्रतिवर्ष इन भवनों के किराए पर खर्च हो जाता है. साथियों 21वीं सदी के भारत को 21वीं सदी की आधुनिक व्यवस्थाएं चाहिए. इमारतें भी चाहिए, ऐसी इमारतें जो टेक्नोलॉजी सुरक्षा और सुविधा के लिहाज से बेहतरीन हो. जहां कर्मचारी सहज और फैसला तेज हो.