चिकित्सा मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर ने कैंसर मौतों पर जताई चिंता,कहा-गांव-कस्बों में जागरूकता के अभाव में समय पर नहीं होती स्क्रीनिंग

चिकित्सा मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर ने कैंसर मौतों पर जताई चिंता,कहा-गांव-कस्बों में जागरूकता के अभाव में समय पर नहीं होती स्क्रीनिंग

जयपुर: चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने स्वास्थ्य भवन में चिकित्सा विभाग की समीक्षा बैठक ली. इस मौके पर  प्रमुख चिकित्सा सचिव गायत्री राठौड़, चिकित्सा शिक्षा सचिव अंबरीश कुमार, RMSCL की MD नेहा गिरी, मिशन निदेशक NHM भारती दीक्षित, RSHAA सीईओ प्रियंका गोस्वामी, निदेशक जनस्वास्थ्य डॉ.रवि प्रकाश शर्मा मौजूद रहे. विभागीय योजनाओं का जिलेवार रिव्यू किया गया. सीजनल डिजीज की रोकथाम पर भी चर्चा हुई.

जहां दुर्घटनाएं अधिक, वहां प्राथमिकता से रखे एम्बुलेंस:
चिकित्सा मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर ने दुर्घटना में होने वाली मौतों पर चिंता जताई. उन्होंने कहा कि समय पर उपचार देकर इन मौतों को कम किया जा सकता है.उन्होंने निर्देश दिए कि परिवहन एवं अन्य संबंधित विभागों के साथ समन्वय हो. अधिक दुर्घटना वाले स्थानों को चिन्हित करते हुए एम्बुलेंस की व्यवस्था सुनिश्चित करें. ताकि घायलों को जल्द से जल्द उपचार मिल सके. उन्होंने डार्क जोन में आवश्यकतानुसार एम्बुलेंस उपलब्ध करवाने पर विशेष जोर दिया.बैठक में विभागीय योजनाओं एवं गतिविधियों की समीक्षा की. इस दौरान खींवसर ने कहा कि आगामी गर्मी को देखते हुए तैयारियां पूरी रखे. प्रदेश के चिकित्सा संस्थानों में जांच, दवा एवं उपचार के पुख्ता प्रबंध किए जाएं. अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि सभी जिलों में गर्मी के दृष्टिगत समुचित व्यवस्थाएं हो. सब सेंटर से लेकर जिला अस्पताल तक एवं मेडिकल कॉलेजों से जुड़े अस्पतालों में दवाओं और उपचार की व्यवस्थाओं में कोई कमी नहीं रहे.

गर्मी के मौसम को देखते हुए रहे अलर्ट:
बैठक में विभागीय गतिविधियों, योजनाओं एवं कार्यक्रमों की समीक्षा की. इस दौरान उन्होंने कहा कि गर्मी के मौसम को देखते हुए अलर्ट रहे. मौसमी बीमारियों से बचाव के लिए समय रहते आवश्यक कदम उठाए जाएं. सभी अस्पतालों में वाटर कूलर, एसी, पंखे आदि की पर्याप्त उपलब्धता हो. जहां आवश्यकता हो, वहां इनके मेंटीनेंस का कार्य जल्द करवाया जाए.

मा योजना में इंटर स्टेट पोर्टेबिलिटी जल्द से जल्द हो लागू:
चिकित्सा मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर ने समीक्षा बैठक में निर्देश देते हुए कहा कि मा योजना गरीब एवं जरूरतमंद वर्गों के लिए जीवनदायी है. राज्य सरकार इस योजना का दायरा लगातार बढ़ा रही है. विभागीय अधिकारी सुनिश्चित करें कि राजकीय अस्पतालों के साथ ही,निजी अस्पतालों में योजना के तहत आमजन को सुगमता से उपचार मिले. 
उन्होंने योजना में इंटर स्टेट पोर्टेबिलिटी जल्द से जल्द लागू किए जाने एवं नए पैकेज भी शीघ्र शामिल करने के अधिकारियों को निर्देश दिए.चिकित्सा मंत्री ने स्वास्थ्य सेवाओं के समय-समय पर निरीक्षण की जरूरत जताई. इसके लिए अधिकारियों को चाहिए कि वे नियमित रूप से फील्ड विजिट करें. उन्होंने निर्देश दिए कि राज्य स्तर के साथ ही संभाग एवं जिला स्तर के अधिकारी नियमित रूप से फील्ड विजिट के लिए जाएं. चिकित्सा संस्थानों का निरीक्षण कर रिपोर्ट भिजवाएं, ताकि चिकित्सा सेवाओं को और सुदृढ़ करने के लिए जरूरी कदम उठाए जा सकें.

गांव-गांव तक हो कैंसर स्क्रीनिंग:
चिकित्सा मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर ने कैंसर मौतों पर चिंता जताई. उन्होंने कहा कि गांव-कस्बों में जागरूकता के अभाव में समय पर स्क्रीनिंग नहीं होती. ऐसे में महिलाओं की ओरल, ब्रेस्ट एवं सर्वाइकल कैंसर से मौत हो जाती है. कैंसर से होने वाली मौतों पर प्रभावी रोकथाम के लिए विभाग स्क्रीनिंग का दायरा निरंतर बढ़ाए. मोबाइल कैंसर वैन एवं शिविरों के माध्यम से गांव-गांव तक कैंसर की स्क्रीनिंग की जाए. संभावित रोगियों की जांच कर उन्हें समय पर उपचार उपलब्ध करवाया जाए.

बड़े अस्पतालों में जल्द लागू करें क्यू मैनेजमेंट सिस्टम:
स्वास्थ्य भवन में चिकित्सा मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर ने कहा कि बड़े अस्पतालों में जल्द क्यू मैनेजमेंट सिस्टम लागू करें.बैठक में उन्होंने कांवटिया अस्पताल में शुरू किए गए क्यू मैनेजमेंट सिस्टम की सराहना की. साथ ही कहा-'इसे अन्य बड़े अस्पतालों में भी जल्द शुरू किया जाए.आमजन को शुद्ध आहार उपलब्ध करवाने की दृष्टि से नियमित निरीक्षण करे. साथ ही आमजन को भी मिलावट के संबंध में जागरूक किया जाए.

अस्पतालों में मानव संसाधन की कमी को दूर करना पहली प्राथमिकता: 
चिकित्सा मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर ने ने कहा कि मानव संसाधन का आकलन कर भर्ती के लिए जरूरी कदम उठाएं. खींवसर ने कहा कि अस्पतालों में मानव संसाधन की कमी को दूर करना पहली प्राथमिकता है. इसके लिए विभाग में मिशन मोड में काम किया जा रहा है. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जनसंख्या एवं अन्य मापदण्डों के अनुसार आंकलन करें. संबंधित चिकित्सा संस्थानों में मानव संसाधन का आकलन किया जाए और भर्ती के लिए जरूरी कदम उठाए जाएं. विशेष रूप से पिछड़े क्षेत्रों में रिक्त पदों को भरने के लिए प्रयास सुनिश्चित किए जाएं.

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