जयपुर: राजस्थान की विधान सभा का भावी सत्र एक सितंबर से शुरु होगा. स्पीकर देवनानी ने तैयारियों के मद्देनजर बैठक ली और लंबित प्रश्नों को लेकर सरकार के आला अधिकारियों को दिशा निर्देश दिए. देवनानी के प्रयासों से विधानसभा पेपर लैस नजर आने लगी है. केवल विधायकों की टेबल पर आई पैड लगाना और कालीन बदलना ही नहीं बल्कि देवनानी के किए नवाचारों ने राजस्थान विधानसभा को देश में अलग उपलब्धि दिलाई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी देवनानी को सराहना मिली.
भारत में राजस्थान की विधानसभा अब नवाचारों के लिए चर्चा में है. ऑपरेशन सिंदूर के बाद सैनिकों के सम्मान में कारगिल शौर्य वाटिका का निर्माण करने वाली राजस्थान विधानसभा देश की पहली विधानसभा है. जब कुछ समय पहले स्पीकर देवनानी ने प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की थी उस समय देवनानी ने प्रधानमंत्री मोदी को विधानसभा में किए गए नवाचारों का फोल्डर भी भेंट किया था पीएम मोदी ने नवाचारों की सराहना की. अब आगामी विधानसभा सत्र में पेपर लेस विधानसभा कार्य करते हुए दिखेगी हालांकि इसकी शुरुआत बीते सत्र से हो चुकी थी.
-- एक नजर देवनानी के प्रमुख नवाचारों पर --
- पेपर लेस विधानसभा
- हर विधायक की टेबल पर आई पैड
- लंबित सवालों के रिकॉर्ड स्तर पर सरकार से जवाब दिलवाना
- विधानसभा की कमेटियों की मजबूती पर फोकस
- कमेटियों के प्रगति प्रतिवेदन पर गंभीरता
-समितियों की जवाबदेही पर फोकस
- सत्र से पहले सर्वदलीय बैठक की शुरुआत
- ध्यानाकर्षण प्रस्ताव को तार्किक बनाना
- डिजिटल विधान सभा
-विधान सभा का डिजिटलाइजेशन
-सभा का डिजिटलाइजेशन
- प्लास्टिक बैग के इस्तेमाल को हतोत्साहित करने की पहल
-राजस्थान विधान सभा का ई-बुलेटिन
-राजस्थान विधान सभा पुस्तकालय में नवाचार
- भारतीय नववर्ष के अनुसार दैनन्दिनी का प्रकाशन महापुरुषों के चित्रों से सुसज्जित
- राजस्थान विधान सभा कैलेण्डर
-पहली बार समाहित हुए वीर - वीरांगनाओं और महापुरूषों के चित्र
- बाल और युवा संसद के आयोजन
- सीपीए का 67वां वार्षिक सम्मेलन
- राजनैतिक आख्यान संग्रहालय और विधान सभा जन दर्शन को समर्पित
- राजनैतिक आख्यान संग्रहालय देश के पर्यटन नक्शे में अंकित
- संविधान दिवस पर संविधान दीर्घा का निर्माण
-मूल संविधान के बाईस भागों के आरम्भ में प्रदर्शित कला-कृतियों का दीर्घा में लगाया गया है
- रामायण से राम व माता सीता का चित्रण
- सदन में लंच ब्रेक
राजस्थान की विधानसभा का गौरवमयी इतिहास रहा है. दिल्ली में जैसे नई संसद का निर्माण किया गया. ठीक उसी तरह स्पीकर देवनानी ने राजस्थान की विधानसभा में भी नवाचार किए. नए संसद भवन में भारतीयता और राष्ट्रवाद की झलक है. अखंड भारत से आज के भारत को दिखाया गया. वेद, रामायण, महाभारत, बौद्ध काल और प्राचीन भारतीय कालखंड को दर्शाया गया जब देश बाली से लेकर कंबोज तक फैला हुआ था. राजस्थान की विधानसभा को नवाचारों के जरिए राजस्थानी संस्कृति से ओत प्रोत बताया गया जहां डिजिटल म्यूजियम राजे रजवाड़ों से प्रजातंत्र के इतिहास को बताता है. राजनेतिक इतिहास को भी सामने लाता है. देवनानी ने सांस्कृतिक राष्ट्रवाद को राज्य विधानसभा में अपनाया साथ ही राजस्थान के त्याग,शौर्य और अभिमान को बताया है.