जयपुरः प्रदेश के मेडिकल कॉलेज एवं इनसे संबद्ध अस्पतालों का अब नियमित निरीक्षण होगा. निरीक्षण के दौरान पाई गई कमियों का निर्धारित अवधि में निस्तारण नहीं होने पर संबंधित अधिकारी के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी. पिछले दिनों अस्पतालों की व्यवस्थाओं का 150 से अधिक अधिकारियों की तरफ से करवाए गए विशेष स्कैन की समीक्षा करते हुए चिकित्सा मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर ने ये व्यवस्था सतत तौर पर जारी रखने के निर्देश दिए है. साथ ही कहा है कि साफ—सफाई, मरम्मत, जांच, दवा एवं उपचार की व्यवस्थाओं को सुदृढ़ करते हुए अस्पतालों को पेशेंट फ्रेण्डली बनाया जाएगा.
चिकित्सा मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर ने प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों एवं इनसे संबद्ध अस्पतालों का निरीक्षण कर लौटी टीमों से सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज के सभागार में विस्तार से चर्चा की. इस दौरान उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य का विषय बेहद संवेदनशील है, इसमें किसी भी स्तर पर कोताही बर्दाश्त नहीं की जा सकती. सभी अधिकारी अपने क्षेत्राधिकार से संबंधित अस्पतालों का नियमित निरीक्षण करें और निरीक्षण में पाई गई कमियों में तत्काल सुधार भी करें. खींवसर ने कहा कि विगत दिनों किए गए निरीक्षण में जो कमियां सामने आई हैं या जिन संसाधनों की आवश्यकता महसूस की गई है, उनकी विस्तृत रिपोर्ट के साथ शीघ्र चर्चा करें, ताकि इन कमियों को जल्द दूर किया जा सके. उन्होंने चिकित्सा शिक्षा विभाग की ओर से संचालिए किए गए इस निरीक्षण अभियान की सराहना की और ऐसे अभियान निरंतर चलाए जाने की आवश्यकता व्यक्त की.
परिवार के सदस्य की तरह रखें मरीजों का ख्याल !
चिकित्सा मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर ने की मेंटीनेंस कामकाज की समीक्षा
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य का विषय बेहद संवेदनशील है,
इसमें किसी भी स्तर पर कोताही बर्दाश्त नहीं की जा सकती
सभी अधिकारी अपने क्षेत्राधिकार से संबंधित अस्पतालों का नियमित निरीक्षण करें और
निरीक्षण में पाई गई कमियों में तत्काल सुधार भी करें
खींवसर ने कहा कि चिकित्सा अधिकारी अस्पताल को अपना घर और
रोगियों को परिवार का सदस्य मानते हुए मानवीय भाव के साथ सेवाएं दें
जिस प्रकार घर का रख—रखाव करते हैं और परिवार के सदस्यों की देखभाल करते हैं,
उसी तरह अस्पताल एवं रोगियों की सेवा करें, तो ये बड़ा पुण्य का काम होगा
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि विगत दिनों किए गए निरीक्षण में जो कमियां सामने आई हैं या
जिन संसाधनों की आवश्यकता महसूस की गई है,उनकी विस्तृत रिपोर्ट के साथ शीघ्र चर्चा करें
ताकि इन कमियों जल्द दूर किया जा सके और अस्पतालों में बेहतर सुविधाएं दी जा सके
33 टीमों ने किया निरीक्षण, अब रिपोर्ट के आधार पर होंगे सुधार कार्य
अस्पतालों की व्यवस्थाओं का 150 से अधिक अधिकारियों ने किया स्कैन
चिकित्सा शिक्षा सचिव अम्बरीष कुमार ने मेंटीनेंस निरीक्षण की दी जानकारी
उन्होंने कहा, अस्पतालों में 33 टीमों के रूप में करीब 150 अधिकारियों ने किया सघन निरीक्षण
निरीक्षणों के तहत अस्पतालों में साफ—सफाई, बिजली उपकरणों की स्थिति और
भवनों का गहन किया गया निरीक्षण, जिसकी रिपोर्ट तैयार की जा रही है
इस रिपोर्ट के आधार पर मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में शीघ्र सुधार करवाए जाएंगे
बैठक में चिकित्सा शिक्षा सचिव अम्बरीश कुमार ने बताया कि हाल ही में सार्वजनिक निर्माण विभाग से एक एमओयू किया गया है, जिसके तहत चिकित्सालयों के अनुरक्षण, मरम्मत के लिए सार्वजनिक निर्माण विभाग को अधिकृत किया है. सार्वजनिक निर्माण विभाग द्वारा प्रत्येक चिकित्सालय में मरम्मत चौकी स्थापित की जा रही है, जहां पर आकस्मिक मरम्मत कार्यों के लिए 24 घंटे विभिन्न कार्यों से संबंधित कार्मिक उपलब्ध रहेंगे. वहीं शौचालयों की देखभाल का जिम्मा सुलभ इन्टरनेशनल को दिया गया है ताकि शौचालयों को साफ सुथरा रखा जा सके. इसी प्रकार चिकित्सालयों की सुरक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने हेतु सुरक्षा जिम्मा सेंट्रल इंडस्ट्रियल सिक्यूरिटी फोर्स (CISF) को देने का कार्य भी किया जा रहा है. चिकित्सा शिक्षा आयुक्त इकबाल खान और अतिरिक्त निदेशक नरेश गोयल ने बताया कि सार्वजनिक निर्माण विभाग ने मरम्मत कार्यों के लिए करीब 84 करोड़ रूपए की आवश्यकता बताई थी, जिसके विरूद्ध अस्पतालों द्वारा करीब 44 करोड़ रूपए की प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति जारी की जा चुकी है.