राष्ट्र नायकों के शौर्य को नमन शौर्य नमन फाउंडेशन

राष्ट्र नायकों के शौर्य को नमन शौर्य नमन फाउंडेशन

इंदौर: शौर्य नमन यह नाम परिभाषा बन चुका है – शहीदों के सम्मान का , शहीदों के परिवारों की सेवा का और सभी  सैनिकों का संबल इस बात का कि मेरे परिवार की सेवा के लिए मेरे कुछ भाई मेरे माता पिता का ख्याल रखने के लिए हैं. शहीदों  के माता-पिता व उनके परिवार की सेवा और सुरक्षा सुनिश्चित करना, शौर्य वधू के जीवकोपार्जन और अच्छे जीवन के लिए कार्य करना, शहीदों के स्मारकों का निर्माण व रखरखाव का कार्य करना, बच्चों के शिक्षा के क्षेत्र में भी काम करना, तीर्थ दर्शन के साथ में उन शहीदों के नाम से वृक्षारोपण कर पर्यावरण के लिए कार्य करना उनके निवास ग्रामीण क्षेत्रों में जलाशयों को शहीदों के नाम पर पुनः जीवित करना, स्वास्थ्य सेवा , शौर्य गाथा का आयोजन व समाज के अन्य कई सामाजिक मुद्दों और सेवाओं  के उद्देश्य से इसकी स्थापना की गई-इस भावना ,इस भरोसे के बनने की शुरुवात वर्ष 2019 में हुए पुलवामा हमले से द्रवित कुछ युवाओं के मन से होती है.

शौर्य नमन समिति की स्थापना रमेश चन्द्र शर्मा (दादा) के द्वारा इंदौर मध्य प्रदेश से वर्ष 2019 में की गयी . इस समिति के संस्थापक अध्यक्ष :–रमेश चन्द्र शर्मा ,उपाध्यक्ष :- नरेन्द्र कुशवाहा , सचिव :- कविता शर्मा , सहसचिव :- शिवेंद्र रावत , कोषाध्यक्ष :- विनय दीक्षित , सदस्य :- दिनेश पाटीदार , सदस्य :- महेंद्र कोगे हैं. एक वर्ष में ही संस्था के सहयोगियों द्वारा मध्य प्रदेश से बाहर के शहीदों की सेवा का कार्य भी शुरू करना हुआ और संस्था को रमेश चन्द्र शर्मा व् कविता शर्मा द्वारा  “शौर्य नमन फाउंडेशन” (राष्ट्रीय )  के रूप में वर्ष 2020 में  रजिस्टर्ड करवाया गया.

शौर्य तीर्थ (वन)-संस्था का उद्देश्य शहीदों के परिवारों की सेवा के साथ शौर्य तीर्थ स्थलों का निमार्ण कार्य करना भी है जो पूरी तरह से पर्यावरण संरक्षण और जल संरक्षण को समर्पित होगा. इस वन में  देश के सभी  राज्यों  में, उस  प्रदेश के अमर बलिदानियों  के नाम से एक वृक्ष और उस के चबूतरे पर शहीद की पूरी  जानकारी रहेगी.यहां महानविभूतियों के गाथा को वर्णित करने का भी लक्ष्य है.

शौर्य तीर्थ दर्शन(श्रवण कुमार)- रमेश चंद्र शर्मा का मानना है कि शहीद का परिवार हमारा परिवार है इस भाव का ही प्रमाण  शौर्य तीर्थ दर्शन यात्रा है . इसमें शहीद के माता पिता, पत्नी, बच्चे को तीर्थ दर्शन करवाने का पुनीत कार्य पुत्र धर्म के निर्वहन का प्रमाण है. अब तक शौर्य नमन फाउंडेशन द्वारा ४ स्मारक निर्माण एवं १० स्मारकों का पुनर्निर्माण किया गया है मध्य प्रदेश , उत्तरप्रदेश , बिहार के राजधानियों में  शहीदों के सम्मान समारोह का आयोजन किया जा चुका है. शौर्य नमन के आईटी विंग द्वारा सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर प्रतिदिन शहीदों की गाथा पोस्ट की जाती है ताकि लोगों के पास शहीदों की सही गाथा पहुँच सके.

आप को यह जानना भी जरूरी है कि इस पुनीत कार्य को कर रहे सभी युवा कोई ना कोई नौकरी, पढाई या फिर अपने स्वयं के कार्य करता है और प्रतिदिन संभव समय निकाल कर संस्था को अपना समय इस लिए देता है कि एक दिन सम्पूर्ण देश के शहीदों के परिवारों तक शौर्य नमन परिवार पहुँच सकेगा और हम इन परिवारों की सेवा कर नए युवाओं को इस बात का संबल दे सकें की एक बेटा जो सीमा पर या सेना में जा देश की सेवा का कार्य करेगा तो हजारों भाई  हमारे परिवार की सेवा के  लिए घर पर हैं.आप भी इन युवाओं के साथी सहयोगी बन अपना पुत्र धर्म निभा सकते हैं.