आज से बीआरटीएस कॉरिडोर हटाने की होगी शुरूआत, सबसे पहले सीकर रोड से की जाएगी कॉरिडोर हटाने की शुरूआत

जयपुर: राजस्थान की राजधानी जयपुर में बने बस रेपिड ट्रांजिट सिस्टम (बीआरटीएस) कॉरिडोर को हटाने का काम 19 अप्रैल से शुरू कर दिया जाएगा. बीआरटीएस कोरिडोर हटाने की सबसे पहले शुरूआत सीकर रोड से की जाएगी. केंद्र में यूपीए सरकार के समय जवाहरलाल नेहरू नेशनल अरबन रिन्यूअल मिशन (जेएनएनयूआरएम) के तहत 170 करोड़ रुपए की लागत से सीकर रोड और न्यू सांगानेर रोड पर बीआरटीएस कॉरिडोर का निर्माण किया गया था. हांलाकि जेएनएनयूआरएम के तहत राजधानी में बीआरटीएस कोरिडोर के लिए 479.55 करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत हुई थी लेकिन इस राशि से अजमेर रोड और टोंक रोड पर दुर्गापुरा में एलिवेटेड रोड का भी निर्माण किया गया था. वर्ष 2010 में सीकर रोड पर और वर्ष 2015 में अजमेर रोड पर जितना कोरिडोर बना था, उस पर बसों का संचालन शुरू किया गया, लेकिन प्रभावी मॉनिटरिंग के अभाव में इस कॉरिडोर में शहरी परिवहन की बसों के साथ अन्य वाहन भी चलने लग गए. वहीं स्थानीय जन संगठन लम्बे समय से इस कॉरिडोर का हटाने की मांग कर रहे हैं. 

बीआरटीएस कॉरिडोर की पूरी जानकारी:
-बीआरटीएस का उद्देश्य शहरी सार्वजनिक परिवहन की बसों के लिए अलग कॉरिडोर उपलब्ध कराना था
-ताकि इसमें सफर करने वाले लोग अन्य वाहनों की अपेक्षा अधिक तीव्र गति और कम समय में गंतव्य तक पहुंच सके
-इस योजना का पीछे अहम उद्देश्य सार्वजनिक परिवहन को सुदृढ़ करते हुए सड़क पर यातायात का भार कम करना था
-7.1 किलोमीटर लम्बाई में सीकर रोड पर एक्सप्रेस-वे से अम्बाबाड़ी तक और
-9 किलोमीटर लम्बाई में अजमेर रोड से किसान धर्म कांटा होते हुए न्यू सांगानेर रोड बी-2 बायपास तिराहा तक कोरिडोर बनाया गया
-इसके साथ ही दो सौ फीट बायपास से लेकर अजमेर रोड एलिवेटेड तक दो किलोमीटर की लंबाई में यह कोरिडोर बनाया गया
-जयपुर सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड की ओर से इस कोरिडोर पर पर्याप्त संख्या में बसें नहीं चलाई गई
-वाकई एक बीआरटीएस व्यवस्था में यात्रियों को जो सुविधाएं मिलनी चाहिए
-मसलन पैदल चलने वालों की सुविधा,यात्रियों के लिए ऑफ बोर्ड टिकटिंग की सुविधा,इंटेलिजेंट ट्रैफिक मैनजेमेंट सिस्टम
-और पूरे सिस्टम के लिए कंट्रोल रूम आदि जेसीटीएसएल की ओर से विकसित नहीं किए गए
-सड़क की जगह घिरने और अन्य वाहन के लिए कम स्थान उपलब्ध होने के चलते इस सिस्टम की आलोचना होने लगी
-20 अगस्त 2009 को राज्य सरकार ने फैसला किया कि 45 मीटर से अधिक चौड़ी सड़क पर ही बीआरटीएस कोरिडोर बनाया जाएगा
-मौजूदा सरकार में केन्द्रीय सड़क अनुसंधान संगठन (सीआरआरआई) से बीआरटीएस को लेकर स्टडी कराई गई
-सीआरआरआई ने स्टडी रिपोर्ट जेडीए को सौंप दी है
-इस रिपोर्ट के आधार पर ही फैसला किया जाना था कि बीआरटीएस कोरिडोर हटाया जाए या नहीं
-सीआरआरआई की रिपोर्ट में स्पष्ट कहा गया था कि या तो मौजूदा कोरिडोर को हटा दिया जाए
-या फिर इस सिस्टम को पूरी तरह से लागू किया जाए

जेडीए आयुक्त आनंदी की अध्यक्षता में जेडीए की कार्यकारी समिति की इस वर्ष 7 जनवरी को बैठक हुई.बैठक में बीआरटीएस कोरिडोर हटाने या नहीं हटाने को लेकर विचार विमर्श किया गया। इसके बाद जाकर इस कोरिडोर को हटाने का फैसला किया गया है. कार्यकारी समिति के इस फैसले को स्वीकृति के लिए राज्य सरकार को भेजा गया. राज्य सरकार ने बीआरटीएस कोरिडोर हटाने की जेडीए को स्वीकृति दे दी है. आपको बताते हैं कि बीआरटीएस का सफल संचालन नहीं होने के साथ ही जेडीए की कार्यकारी समिति में और किन बिंदुओं के आधार पर यह कोरिडोर हटाने का फैसला किया गया और इसे हटाने के लिए किस तरह प्रक्रिया शुरू की गई है.

कोरिडोर हटाने का फैसला:
-एनएचएआई की ओर से जयपुर-अजमेर दिशा में 200 फीट बायपास जंक्शन पर अंडरपास बनाया जाना प्रस्तावित है
-इससे अजमेर रोड पर स्थित लगभग 1 किलोमीटर में कॉरिडोर खत्म हो जाएगा
-झोटवाड़ा आरओबी के निर्माण के परिणामस्वरूप पानीपेच से राव शेखा सर्किल तक का कॉरिडोर समाप्त हो गया है
-एनएचएआई की ओर से सीकर रोड पर सी जोन बाईपास के जंक्शन पर भी अंडरपास का प्रस्ताव है
-इसके परिणामस्वरूप सीकर रोड पर 1.2 किलोमीटर लंबाई में कॉरिडोर को खत्म करना पड़ेगा
-जयपुर मेट्रो के दूसरे चरण में सीकर रोड पर टोड़ी मोड़ तक मेट्रो चलाया जाना प्रस्तावित है
-उक्त समस्त परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए बीआरटीएस कॉरिडोर को हटाने का जेडीए ने फैसला लिया
-राज्य सरकार से स्वीकृति मिलने के बाद जेडीए ने बीआरटीएस कोरिडोर हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है
-इसकी शुरूआत सबसे पहले सीकर रोड पर 19 अप्रेल से होगी
-अजमेर रोड स्थित कोरिडोर को हटाने के लिए जेडीए ने निविदा जारी कर दी है
-न्यू सांगानेर रोड स्थित कोरिडोर हटाने के लिए जल्द ही जेडीए निविदा जारी करेगा