68वां राष्ट्रमंडल संसदीय सम्मेलन, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला होंगे शामिल, देखिए खास रिपोर्ट

जयपुरः दुनिया में लोकतंत्र और संसदीय व्यवस्थाओं की मजबूती को लेकर 68वें राष्ट्रमंडल संसदीय सम्मेलन कैरिबियन देश बारबाडोस में होगा. ये सम्मेलन 5 से 12 अक्टूबर तक चलेगा. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला इसमें भाग लेने के लिए ब्रिजटाउन, बारबाडोस जाएंगे. राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी भी होंगे शामिल. भारत में चल रही एक राष्ट्र एक चुनाव की परिकल्पना यहां भी सामने आ सकती है. 

कैरिबियन देश बारबाडोस वैसे तो जयपुर से भी कम जनसंख्या वाला देश है महत्व इतना है कि यहां 68वें राष्ट्रमंडल संसदीय सम्मेलन आयोजित किया जा रहा. 5 से 12 अक्टूबर तक चलेगा. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी के साथ ही राज्यसभा के उपसभापति, 29 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के विधानमंडलों के पीठासीन अधिकारी और सचिव भी सम्मेलन में भाग लेंगे. बिरला इस सम्मेलन की आम सभा को 'राष्ट्रमंडल: ग्लोबल पार्टनर ' विषय पर संबोधित करेंगे. राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी 3 अक्टूबर को भारत से रवाना होंगे पहले यूके जाएंगे इसके बाद 6अक्टूबर को पहुंच जाएंगे बारबाडोस की राजधानी ब्रिजटाउन. इंडियन पार्लियामेंट्री डेलिगेशन के सदस्य इस सम्मेलन में आयोजित की जा रही सात कार्यशालाओं मे भाग लेंगे. 

-- 68वें राष्ट्रमंडल संसदीय सम्मेलन बारबाडोस का एजेंडा--
 लोकतंत्र के समर्थन के लिए अपनी संस्थाओं को सुदृढ़ करना
 डिजिटल परिवर्तन के माध्यम से लोकतंत्र का संवर्धन करना और डिजिटल विभाजन का सामना करना
 महिलाओं और सुलभता की दृष्टि सेमानवीय पहलू का समर्थन करना
जलवायु परिवर्तन और वैश्विक स्वास्थ्य पर इसका खतरा - स्थायी समाधान खोजना
 लोकतंत्र में विश्वास बढ़ाना और पारदर्शिता लाना : चुनावों में वित्तीय पारदर्शिता
राष्ट्रीय संसद बनाम प्रांतीय, प्रादेशिक और हस्तांतरित विधानमण्डल : शक्तियों के पृथक्करण की रक्षा और संरक्षण
सुशासन, बहुपक्षवाद और अंतर्राष्ट्रीय संबंधो में राष्ट्रमंडल की भूमिका

भारत में इस समय एक राष्ट्र एक चुनाव की बात हो रही है लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी इस पर भी प्रकाश डाल सकते है. संसदीय सम्मेलन मेंआम सभा और कार्यशालाओं के अलावा एक युवा गोलमेज सम्मेलन भी होगा जिसका विषय है " सुरक्षित और स्वतंत्र रहकर उन्नति करना. गैंग वॉयलेन्स से लेकर साइबर-बुलिंग तक की आधुनिक चुनौतियो पर विजय पाने के लिए युवाओं को सशक्त बनाना.