अशोक गहलोत का बड़ा बयान, कहा-राम हमारे, कब्जा भाजपा ने कर लिया, हमारे लिए मर्यादा पुरुषोत्तम है राम 

जयपुर: पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जातिगत जनगणना और राम को लेकर भाजपा पर निशाना साधा है. गहलोत ने कहा है कि बिहार चुनाव बाद जातिगत जनगणना में अड़ंगा लगाने की आशंका है. उन्होंने कहा ज्यादातार ओबीसी जातियां धार्मिक होती हैं,  राम हमारे हैं, लेकिन भाजपा ने उस पर कब्जा कर लिया है. प्रदेश कांग्रेस ओबीसी प्रकोष्ठ द्वारा आयोजित मीटिंग को संबोधित करते हुए गहलोत ने नया नारा दिया - अभी नहीं तो कभी नहीं.  ओबीसी में शामिल तमाम जातियों को एक मंच पर लाने के लिए कांग्रेस ने अब इस वर्ग को साधने की तैयारी कर ली है. कांग्रेस द्वारा 25 जुलाई को नई दिल्ली में ओबीसी महासम्मेलन होगा, जिसकी तैयारी के लिए बैठकों को सिलसिला शुरू हो चुका है. 

शनिवार को जयपुर में प्रदेश कांग्रेस दफ्तर में कांग्रेस ओबीसी प्रकोष्ठ की बैठक हुई. बैठक को पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व ओबीसी प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय प्रमुख अनिल जयहिंद ने संबोधित किया. गहलोत ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि बीजेपी वाले ऐसे माहौल बनाते हैं, जैसे वे ही हिंदू हो, क्या हम हिंदू नहीं है. गहलोत ने कहा कि हमारे तो अधिकांश नेताओं के नाम में ही राम लगा हुआ है. भाजपा के किस नेता के नाम में राम है. गहलोत यहीं नहीं रुके और कहा कि राम तो हमारे है, भाजपा ने सड़कों पर उतर कर, आग लगा कर, दंगे भड़का कर राम पर कब्जा कर रखा है. पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा के लिए राम तो वो है. हमारे लिए तो राम मर्यादा पुरुषोत्तम है.

वहीं राहुल गांधी के लिए गहलोत ने कहा कि राहुल गांधी ने सामाजिक न्याय के लिए जातिगत जनगणना की मुहिम चलाई. लोगों को आशंका है कि मोदी ने बिहार चुनाव के कारण कैबिनेट से जातिगत जनगणना की घोषणा करवा दी. हो सकता है, जैसे ही बिहार चुनाव खत्म हो. इसके बाद कोई अड़ंगा लगा दें. चुनाव निपटते ही कहीं कोर्ट से स्टे करवा दें. बीजेपी और केंद्र सरकार की कोई साख नहीं रही है, इसलिए लोग शक कर रहे हैं. गहलोत ने कहा कि मैं राहुल गांधी को सुधारक के तौर पर देखता हूं. आज के मंच से गहलोत ने अभी नहीं तो कभी नहीं का नारा दिया. 

वहीं कांग्रेस ओबीसी प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय प्रमुख अनिल जयहिंद ने कहा कि कांग्रेस ने पहले अंग्रेजों के खिलाफ देश को राजनीतिक आजादी दिलाई थी. अब कांग्रेस ने समाज के वंचितों को सामाजिक व आर्थिक आजादी दिलाने का बीड़ा उठाया है. बैठक में तय किया गया कि दिल्ली के महासम्मेलन में ओबीसी वर्ग के चुनिंदा व प्रतिष्ठित प्रतिनिधियों को लेकर चलना ताकि वे सम्मेलन के बाद समाज में जागरुकता फैलाए. क्योंकि अभी तक ओबीसी के लोगों को पता ही नहीं है कि राहुल गांधी उनके हक की लड़ाई लड़ रहे हैं. ओबीसी के नेताओं को ही सिर्फ इसकी जानकारी है.