जयपुर: कथित वोट चोरी और एसआईआर को लेकर कांग्रेस अब दिल्ली में 14 दिसंबर को बड़ी रैली करेगी. रैली में देशभर से कांग्रेस ने भीड़ जुटाने का लक्ष्य रखा है. राजस्थान को भी करीब 25 से 30 हजार लोगों की भीड़ दिल्ली लाने का टार्गेट दिया गया है. राजस्थान कांग्रेस ने हाईकमान के निर्देशों के बाद रैली की तैयारियां शुरु कर दी है.
भले ही कांग्रेस बिहार में चुनाव हार गई हो. लेकिन उसके बावजूद हाईकमान अभी भी वोट चोरी और एसआईआर जैसे मसलों पर टिका हुआ है. इन दोनों मुद्दों को लेकर कांग्रेस अब दिल्ली में हल्ला बोलेगी. यानी कांग्रेस सदन से लेकर सड़क तक फिलहाल इनको लेकर अपनी लड़ाई जारी रखेगी. संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान कांग्रेस एक और जहां सदन में इस मुद्दे को उठाएगी तो वहीं बाहर सड़क पर रामलीला मैदान में एक विशाल रैली का आय़ोजन करेगी. रैली में देशभर से भीड़ जुटाकर कांग्रेस अपनी ताकत का एहसास कराएगी और इन मुद्दों को नहीं छोड़ने का मैसेज देगी.
-कांग्रेस का अब दिल्ली में हल्ला बोल
-वोट चोरी और SIR को खिलाफ कांग्रेस करेगी प्रदर्शन
-14 दिसंबर को दिल्ली के रामलीला मैदान में होगी रैली
-देशभर से भीड़ जुटाने की कांग्रेस ने बनाई रणनीति
-दिल्ली के आसपास राज्यों से ज्यादा भीड़ जुटाने का लक्ष्य
-राजस्थान कांग्रेस को हाईकमान ने दिया 25 से 30 हजार भीड़ लाने का टार्गेट
-दिल्ली के पास वाले जिलों से भीड़ ले जाने की कांग्रेस की रणनीति
-अलवर,खैरथल,कोटपूतली,सीकर,झुंझुनूं, जयपुर और दौसा पर खास फोकस
-नए जिला अध्यक्षों को भी दिया जाएगा भीड़ दिल्ली ले जाने का लक्ष्य
-विधायकों औऱ सांसदों की भी होगी जिम्मेदारी तय
-भीड़ जुटाने की रणनीति को लेकर 29 नवंबर को अहम बैठक
पिछले दिनों दिल्ली में राजस्थान कांग्रेस पीसीसी चीफ,प्रभारी औऱ नेता प्रतिपक्ष के साथ वेणुगोपाल ने भीड़ लाने को लेकर मंत्रणा की थी. उसके बाद गोविंद सिंह डोटासरा इस टास्क में जुट गए हैं. अब 29 नवंबर को पीसीसी में इसको लेकर दिग्गज नेताओं,पीसीसी पदाधिकारी,जिला अध्यक्ष, विधायकों औऱ सांसदों की एक बड़ी बैठक रखी गई है. बैठक में किन वाहनों और किन जिलों से कितनी भीड़ ले जानी है इस रणनीति को अंतिम रुप दिया जाएगा.
रैली को राहुल गांधी और अध्यक्ष खड़गे सहित कई नेता संबोधित करेंगे. कांग्रेस के जानकारों की माने तो राहुल गांधी इन मुद्दों को लेकर रैली में आंदोलन की नई रणनीति का खुलासा कर सकते है. साथ ही भीड़ जुटाकर हताश कार्यकर्ताओं में नई जान फूंकने का भी प्रयास करेंगे. अब देखना है कि इन दोनों मुद्दों को कांग्रेस आगे कितना और खिंचती है और क्या फिर इससे हासिल होगा.