जयपुर: धौलपुर में परिवहन निरीक्षकों की अवैध हिरासत का विवाद और गहराया गया है. इस घटना के विरोध में परिवहन निरीक्षक संघ ने सोमवार रात 12 बजे से हड़ताल पर जाने का ऐलान किया है. धौलपुर में पुलिस की ओर से 2 परिवहन निरीक्षकों को अवैध हिरासत में रखने का विवाद अब बढ़ गया है. प्रदेश के सभी परिवहन निरीक्षक सोमवार रात 12 बजे से हड़ताल पर चले गए. परिवहन निरीक्षक संघ ने विभाग के उच्चाधिकारियों को ज्ञापन दे कर धौलपुर SP पर कार्रवाई करने की मांग की थी.
इसके विरोध में सोमवार को सभी निरीक्षकों ने काली पट्टी बांध कर काम किया.परिवहन निरीक्षक संघ के अध्यक्ष राजेश चौधरी ने बताया कि हड़ताल का निर्णय धौलपुर जिले में पुलिस अधीक्षक द्वारा अवैध रूप से 2 परिवहन निरीक्षकों को 2 फरवरी की रात को हिरासत किए जाने और वर्दी में निरीक्षकों के साथ दुर्व्यवहार किए जाने के खिलाफ लिया गया है. यह घटना परिवहन विभाग के कार्यों में बाधा उत्पन्न करने की तथा निरीक्षकों को भयाक्रांत किए जाने सोची-समझी साजिश है.राजेश चौधरी का कहना है कि जब तक उनकी मांग नहीं मानी जाएगी तब तक परिवहन निरीक्षकों की हड़ताल जारी रहेगी.
अवैध हिरासत के विरोध में कार्य बहिष्कार का असर :
-परिवहन एवं सड़क सुरक्षा विभाग राजस्थान का वार्षिक राजस्व लक्ष्य ₹8000 करोड़ है, जिसमें पिछले वर्ष की उपलब्धि ₹7000 करोड़ रही
-यदि निरीक्षक कार्य नहीं करेंगे, तो प्रतिदिन अनुमानित ₹ 5-10 करोड़ का राजस्व नुकसान होगा. परिवहन एवं सड़क सुरक्षा विभाग को एक बड़े वित्तीय घाटे का सामना करना पड़ेगा
-विभाग में 171 फ्लाइंग स्क्वॉड कार्यरत हैं, जो यातायात नियमों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करते हैं
-निरीक्षकों के कार्य बहिष्कार से प्रदेश में सड़क हादसे भी बढ़ सकते हैं
इस पूरे घटनाक्रम को लेकर परिवहन निरीक्षक संघ के पदाधिकारी डिप्टी CM प्रेमचंद बैरवा से मुलाक़ात कर अपनी नाराज़गी व्यक्त करेंगे. डिप्टी CM से मुलाक़ात के लिए आस पास के जिलों से परिवहन निरीक्षकों को जयपुर बुलाया गया है.
परिवहन निरीक्षक संघ ने हड़ताल को लेकर जारी किए निर्देश:
-सभी निरीक्षक अपने फ्लाइंग स्क्वॉड वाहनों को कार्यालयों में खड़ा करें
-विभिन्न क्षेत्रों में अलग-अलग टीमें बनाई जाएं ताकि सरकार और जनता को इस कार्य बहिष्कार का प्रभाव स्पष्ट रूप से दिखाई दे.
-हड़ताल के दौरान कोई भी निरीक्षक अपने नियमित कार्यों का निष्पादन नहीं करेगा
राजस्व से जुड़े परिवहन विभाग में परिवहन निरीक्षकों की हड़ताल ने विभाग के अधिकारियों की टेंशन बढ़ा दी है.वित्तीय वर्ष खत्म होने से पहले अगर यह हड़ताल जल्दी खत्म नहीं हुई तो विभाग को राजस्व का बड़ा नुकसान उठाना पड़ेगा.