छत्तीसगढ़: संत शिरोमणि जैन आचार्य श्री विद्यासागर जी का देवलोकगमन हो गया. डोंगरगढ़ के चन्द्रगिरि तीर्थ में 3 दिन उपवास के बाद शरीर त्याग दिया. देर रात 2:35 बजे आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज ने अपना शरीर त्याग दिया. पूर्ण जागृतावस्था में उन्होंने आचार्य पद का त्याग करते हुए 3 दिन का उपवास लिया था और अखंड मौन धारण कर लिया था, जिसके बाद उन्होंने प्राण त्याग दिए. आचार्य श्री के शरीर त्यागने की खबर से सकल जैन समाज में शोक की लहर है. जैन समाज के लोगों का छत्तीसगढ़ के डोंगरगढ़ के चन्द्रगिरि तीर्थ पर जुटना शुरू हुआ. आज दोपहर 1 बजे होगी आचार्य श्री की अंतिम संस्कार विधि होगी. पिछले साल आचार्य श्री से मिलने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहुंचे थे. 77 साल की उम्र में देर रात 2:30 बजे समतापूर्वक समाधि ली. 3 दिन पहले जैन परंपरानुसार समाधि मरण की प्रक्रिया शुरू की थी. अन्न जल का त्याग कर अखंड मौन व्रत भी धारण कर लिया था. आचार्य विद्यासागर महाराज का कर्नाटक के सदलगा गांव में 10 अक्टूबर 1946 को शरद पूर्णिमा दिन के जन्म हुआ था. आचार्य विद्यासागर महाराज को जैन समाज में वर्तमान के वर्धमान कहा जाता था. आचार्यश्री के देहत्याग की खबर मिलते ही चन्द्रागिरि तीर्थ पर लोगों का जुटना शुरू हो गया.
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने दी भावपूर्ण विनयांजली:
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आचार्य श्री की समाधि पर भावपूर्ण विनयांजली दी. मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अपनी X पोस्ट में लिखा- विश्ववंदनीय संत आचार्य गुरुवर श्री 108 विद्यासागर जी महाराज का समाधिस्थ होना सम्पूर्ण जगत के लिए अपूरणीय क्षति है. परमपूज्य गुरुवर की शिक्षाएं सर्वदा मानवता के कल्याण और जीवों की सेवा के लिए प्रेरित करती रहेंगी. पूज्य संत श्री की पवित्र जीवन यात्रा को शत-शत नमन.
छत्तीसगढ़ सीएम विष्णु देव साय ने दी भावपूर्ण विनयांजली:
छत्तीसगढ़ सीएम विष्णु देव साय ने आचार्य श्री की समाधि पर भावपूर्ण विनयांजली दी. छत्तीसगढ़ सीएम विष्णु देव ने अपनी X पोस्ट में लिखा- विश्व वंदनीय, राष्ट्र संत आचार्य श्री विद्यासागर महामुनिराज जी के डोंगरगढ़ स्थित चंद्रगिरी तीर्थ में सल्लेखना पूर्वक समाधि का समाचार प्राप्त हुआ. छत्तीसगढ़ सहित देश-दुनिया को अपने ओजस्वी ज्ञान से पल्लवित करने वाले आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज को देश व समाज के लिए उल्लेखनीय कार्य किए गए. उनके त्याग और तपस्या के लिए युगों-युगों तक स्मरण किया जाएगा. आध्यात्मिक चेतना के पुंज आचार्य श्री विद्यासागर जी के श्रीचरणों में कोटि-कोटि नमन.
शिवराज सिंह चौहान ने दी भावपूर्ण विनयांजली:
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आचार्य श्री की समाधि पर भावपूर्ण विनयांजली दी. शिवराज सिंह चौहान ने अपनी X पोस्ट में लिखा- राष्ट्र संत आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज का समाधिपूर्वक निधन का समाचार सम्पूर्ण जगत को स्तब्ध और निशब्द करने वाला है. मेरे जीवन में आचार्य श्री का गहरा प्रभाव रहा. उनके जीवन का अधिकतर समय मध्यप्रदेश की भूमि में गुजरा और उनका मुझे भरपूर आशीर्वाद मिला. आचार्य श्री के सामने आते ही हृदय प्रेरणा से भर उठता था. उनका आशीर्वाद असीम शांति और अनंत ऊर्जा प्रदान करता था. उनका जीवन त्याग और प्रेम का उदाहरण है आचार्य श्री जीते जागते परमात्मा थे. उनका भौतिक शरीर हमारे बीच ना हो लेकिन गुरु के रूप में उनकी दिव्य उपस्थिति सदैव आस पास रहेगी. आचार्य श्री शीघ्र ही परमपद सिद्धत्व को प्राप्त हों. गुरुवर के चरणों मे शत शत नमन , नमोस्तु भगवन !
कमलनाथ ने दी भावपूर्ण विनयांजली:
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आचार्य श्री की समाधि पर भावपूर्ण विनयांजली दी. कमलनाथ ने अपनी X पोस्ट में लिखा- पूज्य संत शिरोमणि आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के संल्लेखना पूर्वक समाधि लेने की खबर न सिर्फ जैन समाज के लिए बल्कि समूचे भारत और विश्व के लिए अपूरणीय क्षति है. ब्रह्मलीन आचार्य श्री विद्याधर जी महाराज ज्ञान, त्याग, तपस्या और तपोबल का सागर रहे हैं. भारत भूमि ऐसे अलौकिक संत के दर्शन, प्रेरणा, आशीष, स्पर्श और करूणा से धन्य हुई है. मैं आचार्य श्री विद्यासागर जी को भावपूर्ण प्रणाम करता हूं, शत् शत् नमन करता हूं. आचार्य श्री हमेशा हमारे हृदय में, हमारी चेतनाओं में, हमारी आस्थाओं में और हमारे जीवनपथ पर शाश्वत रहेंगे. जय जय गुरुदेव.