VIDEO: सीजनल डिजीज के आंकड़ों पर "झूठ" का पर्दा ! जयपुर समेत प्रदेशभर में स्क्रब टाइफस के एकाएक बढ़े केस, देखिए ये खास रिपोर्ट

जयपुर : प्रदेश में मौसमी बीमारियों के आंकड़ों के "मैनेजमेंट" में  चिकित्सा विभाग फेल साबित हो रहा है. चौंकिए मत, ये कोई हमारा आरोप नहीं, बल्कि चिकित्सा विभाग के मुख्यालय और राजधानी के दूसरे सरकारी अस्पतालों में सामने आ रहे मरीजों की मॉनिटरिंग की बानगी है. चिकित्सा विभाग के मुताबिक राजस्थान में इस साल अब तक स्क्रब टाइफस से एक भी मौत नहीं हुई है, जबकि सच्चाई ये है कि अकेले एसएमएस में ही पिछले दस दिनों में तीन मौतें रजिस्टर्ड है. आखिर राजस्थान में क्या है मौसमी बीमारियों की स्थिति और सरकारी सिस्टम की खामियां.

प्रदेश में अब बरसात के सीजन के साथ ही मौसमी बीमारियों का दौर शुरू हो गया है. प्रदेश के लगभग सभी अस्पतालों में डेंगू,मलेरिया,चिकनगुनिया,स्क्रब टाइफस के मरीजों की संख्या एकाएक बढी है. लेकिन डेंगू,मलेरिया और चिकनगुनिया की तुलना में स्क्रब टाइफस की संख्या ज्यादा है. प्रदेश के सबसे बड़े एसएमएस अस्पताल की बात की जाए तो पिछले दस दिनों में स्क्रब टाइफस ने मौत रूपी दस्तक दी है. एसएमएस अस्पताल के आंकडों के अनुसार एक सितंबर से लेकर आज तक एसएमएस में कुल 133 स्क्रब टाइफस के मरीज रिपोर्ट किए गए हैं. इनमें 3 लोगों की स्क्रब टाइफस से मौत भी हो गई है. इस साल की बात करें तो एसएमएस अस्पताल में स्क्रब टाइफस से कुल 6 मौतें दर्ज की गई है. एसएमएस अस्पताल में मेडिसिन विभाग के एचओडी डॉ.सुधीर मेहता ने बताया कि स्क्रब टाइफस के लिए ये मौसम फेवरेबल है. इस मौसम में स्क्रब टाइफस के मरीज बुखार,उल्टी,निमोनिया की शिकायत को लेकर पहुंच रहे हैं. इनमें ज्यादातर मरीज मॉल्ड सिम्पट्म्स के साथ आ रहे हैं,लेकिन लापरवाही बरतने वाले मरीज सीवियर सिम्पटप्स के साथ पहुंच रहे हैं. इनमें ब्रेन इफेक्ट,लंग इफेक्ट, बुखार, प्लेटलेट्स की कमी जैसी शिकायतें हो सकती है, जिसके चलते मरीज को जान भी गंवानी पड़ रही है.

प्रदेश में बढ़ता स्क्रब टाइफस का प्रकोप !
एसएमएस अस्पताल में रोजाना आ रहे गंभीर श्रेणी के केस
अस्पताल में पिछले 10 दिनों में स्क्रब टाइफस के आए 133 केसेज
जबकी 10 दिनों में स्क्रब टाइफस से 3 लोगों की मौत
SMS में स्क्रब टाइफस से इस साल कुल 6 लोगों की मौत
प्रदेशभर में अब तक आ चुके हैं 1045 पॉजिटिव केस

एसएमएस में एकाएक यूं बढ़े स्क्रब के केस
एक सितम्बर  - 11 केस  
दो सितम्बर -  शून्य
तीन सितम्बर - 32 केस
चार सितम्बर - 12 केस
पांच सितम्बर - 08 केस
छह सितम्बर - 14 केस, एक मौत
सात सितम्बर -  15 केस, एक मौत
आठ सितम्बर -  20 केस, एक मौत
नौ सितम्बर - शून्य
दस सितम्बर - 21 केस

चिकित्सा विभाग की रिपोर्ट के अनुसार इस बार प्रदेश में 9 सितंबर तक कुल 1045 स्क्रब टाइफस के केस रिपोर्ट हुए हैं. जबकी स्क्रब टाइफस से एक भी मौत का जिक्र नहीं है. ऐसे में सवाल खडा हो रहा है कि आखिर मौसमी बीमारियों की मॉनिटरिंग में कितनी गंभीरता बरती जा रही है. क्योंकि एसएमएस अस्पताल में स्क्रब टाइफस से इस साल 6 लोगों की मौत रिपोर्ट की जा चुकी है. इनमें से 3 लोगों की मौत तो पिछले 10 दिनों में ही हुई है. स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के अनुसार जयपुर में इस साल कुल 163 केसेज आए हैं,लेकिन पिछले 10 दिनों में ही एसएमएस अस्पताल में 133 केस और इस साल जनवरी से अगस्त तक 216 केस आ चुके हैं. 

स्क्रब टाइफस के ये लक्षण : सर्दी लगकर अचानक बुखार आना, सिर में दर्द, शरीर के ऊपर दाने, आंखों में जलन, मांसपेशियों में दर्द, सूखी खासी,  
स्क्रब टाइफस से बचाव : यह बीमारी माइट या पिस्सू के काटने से फैलती है. ऐसे में जरूरी है कि खेतों में काम करते वक्त पूरी बाहों के कपड़े पहने, कीटों से बचाने वाली क्रीम त्वचा पर लगाए. घर या घर के आसपास चूहे ना होने दें. क्योंकि, चूहों के शरीर पर वे कीट रहते है, जिनसे स्क्रब टाइफस बैक्टीरिया फैलते है.

प्रदेश में बरसात के दौर के साथ ही मौसमी बीमारियों की दस्तक ने सभी की चिंता बढ़ा दी है. चिकित्सा विभाग पुख्ता इंतजाम के दावे तो कर रहा है, लेकिन आंकड़ों की मॉनिटरिंग में ही बड़ी चूक सामने आई है. मौसमी बीमारियों के पॉजिटीव केसेज और मौतों के आंकडों की मॉनिटरिंग इसलिए आवश्यक है क्योंकि समय रहते एहतियातन कदम उठाए जा सकें. ऐसे में उम्मीद है कि इस रिपोर्ट के बाद जिम्मेदार अधिकारी आपस में समन्वय करेंगे और मुख्यालय स्तर पर सटिक आंकड़ों के साथ मौसमी बीमारियों की समीक्षा होगी. ताकि किसी भी बीमारी के ब्रेकआउट को रोका जा सके.