जालोर-सिरोही लोकसभा सीट का दिलचस्‍प चुनावी रण : किसान और पूर्व CM के बेटे में कड़ी टक्कर, जानिए दोनों प्रत्याशीयों के कमजोर एवं मजबूत पक्ष

जालोर-सिरोही लोकसभा सीट का दिलचस्‍प चुनावी रण : किसान और पूर्व CM के बेटे में कड़ी टक्कर, जानिए दोनों प्रत्याशीयों के कमजोर एवं मजबूत पक्ष

जालोर: जालोर लोकसभा सीट पर वैभव गहलोत अपना भाग्य आज़मा रहे हैं वही सामने भाजपा ने साधारण कार्यकर्ता लुंबाराम चौधरी को टिकट देकर चुनावी मैदान में उतारा हैं.

जालोर-सिरोही लोकसभा सीट पर भाजपा ने इस बार नया प्रयोग करते हुये साधारण कार्यकर्ता रहे सिरोही के रहने वाले लुंबाराम चौधरी को टिकट देकर चुनावी मैदान में उतारा हैं. टिकट घोषणा के दौरान लुंबाराम चौधरी के नाम की घोषणा सुनकर एक बार के लिये हर कोई हैरान हो गया था. लुंबाराम चौधरी सिरोही में भाजपा के दो बार ज़िलाध्यक्ष रहने के साथ ही पंचायत समिति के प्रधान व जिला परिषद के सदस्य रहे हैं. 

जालोर लोकसभा सीट से तीन बार लगातार जीत हासिल करने वाले देवजी पटेल की इस बार टिकट काटकर लुंबाराम चौधरी को टिकट देकर चुनावी मैदान में उतारा गया. लुंबाराम चौधरी किसान परिवार से आने के साथ ही लम्बे समय से भाजपा से जुड़कर स्थानीय स्तर की राजनीति कर रहे हैं. भाजपा प्रत्याशी लुंबाराम चौधरी के सामने कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत को टिकट देकर चुनावी मैदान में उतारा हैं. 

वैभव गहलोत ने पिछली बार जोधपुर लोकसभा सीट से गजेंद्रसिंह शेखावत के सामने चुनाव लड़ा था लेकिन हार गए इस बार वैभव गहलोत जालोर लोकसभा सीट से चुनाव लड़कर अपना भाग्य आज़मा रहे हैं. मोदी लहर के बीच में मज़बूती से मुक़ाबला करना और जीत हासिल करने में वैभव गहलोत के सामने अभी तक कोई चुनौतियां हैं. 

संसदीय क्षेत्र में चुनावी मुद्दे 
जालोर संसदीय क्षेत्र में इस बार लोकसभा के चुनावों में कई मुद्दे हावी हैं जिसमें संसदीय क्षेत्र में माही का पानी किसानों के लिये सिंचाई के लिये लाने और किसानों के हित के मुद्दों को केन्द्र सरकार में प्रमुखता से उठाने के साथ किसानों को उचित समय में मुआवज़ा मिले जिसके मुद्दे हावी हैं. वही संसदीय क्षेत्र में अभी तक विकास के कई नये प्रोजेक्टों की ज़रूरत हैं. रेलवे के विस्तार से लेकर रेलवे सुविधा से वंचित सांचौर को ट्रेन सुविधा से जोड़ने का भी मुद्दा महत्वपूर्ण हैं. नेहड़ क्षेत्र में सुखा बंदरगाह बनाने की क़वायद शुरू ज़रूर हुई थी लेकिन फिर कुछ समय में ही ठंडे बस्ते में डाल दी गई, जिसको लेकर भी इस बार जीतने वाले जालोर सांसद से लोगों को यह भी एक आस हैं. 

बीते पांच सालों में मौजूदा सांसद देवजी पटेल के कार्यकाल में सिरोही में मेडिकल कॉलेज सहित केन्द्र सरकार की कई योजनाएं लाई गई, वही कई विकास के कार्य हुये लेकिन कई विकास के बड़े प्रोजेक्ट के आज भी अधूरे पड़े हैं, जिससे इस बार जीतने वाले सांसद से केन्द्र सरकार से बड़े प्रोजेक्ट संसदीय क्षेत्र में लाने की आस हैं . 

जालोर-सिरोही लोकसभा क्षेत्र में 22 लाख 84 हजार से अधिक मतदाता पंजीकृत हैं, जिसमें लोकसभा क्षेत्र में 2125 मतदान केन्द्रों व 38 सहायक मतदान केन्द्रों पर मतदान होगा जिसको लेकर जिला प्रशासन की ओर से पूरी तैयारी की जा रही हैं. जालोर व सांचौर जिले में 1375 मतदान केन्द्र व 28 सहायक मतदान केन्द्र और सिरोही जिले में 750 मतदान केन्द्र एवं 10 सहायक मतदान केन्द्र हैं जिस पर मतदान होगा. पीछली बार 2019 में लोकसभा चुनाव में 65.75 प्रतिशत मतदान हुआ था.
--- भाजपा व कांग्रेस प्रत्याशी का कमजोर एवं मजबूत पक्ष---

कांग्रेस प्रत्याशी वैभव गहलोत का कमजोर पक्ष 
1. बाहरी प्रत्याशी होना कमजोर पक्ष हैं. 
2. संसदीय क्षेत्र में अपनी खुद की पकड़ नहीं होना 
3. बीते पांच सालों में जनता के बीच सक्रिय नहीं होकर अभी चुनाव में ही सक्रिय होना. 
कांग्रेस प्रत्याशी वैभव गहलोत का मज़बूत पक्ष 
1. अशोक गहलोत राजनीति के चाणक्य हैं, प्रदेश के हर इलाक़े की उन्हें बेहतरीन जानकारी हैं. 
2. अशोक गहलोत खुद कमान संभाले हुए हैं. 
3. वैभव गहलोत के आने से संसदीय क्षेत्र के कांग्रेस के नेताओं में एकता नज़र आने लगी. 
02 Jun 1980 को वैभव गहलोत का जन्म हुआ, अब वो 44 साल के हैं. 

भाजपा प्रत्याशी लुंबाराम चौधरी का कमजोर पक्ष 
1.भाजपा प्रत्याशी लुंबाराम चौधरी पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़ रहे हैं ऐसे में लोकसभा चुनाव को लेकर दोनों ज़िले में इतनी पकड़ नहीं हैं. 
2. फ़ाइनेंशियल वैभव गहलोत की तरह मज़बूत नहीं हैं. 
3. युवा से अधिक उम्र होने 

भाजपा प्रत्याशी लुंबाराम चौधरी का मज़बूत पक्ष 
1.देश में मोदी लहर का असर जो जालोर संसदीय क्षेत्र में भी ज़बरदस्त हैं. 
2. लुंबाराम चौधरी कलबी जाति से आते हैं, कलबी जाति संसदीय क्षेत्र में बाहुल्य हैं, जिससे जातिगत समीकरण पक्ष में हैं. 
3. संसदीय क्षेत्र में लुंबाराम चौधरी ज़मीनी कार्यकर्ता होने से इनका कोई विरोध नहीं हैं. 
शिक्षा 
10वीं तक पढ़ाई करने वाले लुंबाराम चौधरी 1982 में राजनीति में सक्रिय हुए

कांग्रेस प्रत्याशी वैभव गहलोत व भाजपा प्रत्याशी लुंबाराम चौधरी की लोकसभा चुनाव में सीधी टक्कर हैं, दोनों ही प्रत्याशी चुनाव प्रचार व जनसम्पर्क में जूटे हुये हैं, वैभव गहलोत को लेकर अशोक गहलोत इस बार पूरा दम लगा रहे हैं, इस बार वैभव गहलोत के आगे के भविष्य को देखते हुये पूरा दमख़म लगाया जा रहा हैं.