MNIT का 18वां दीक्षांत समारोह, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू बोली- इनोवेशन और रिसर्च में MNIT ने देश को आगे बढ़ाने का काम किया

जयपुरः MNIT का 18वां दीक्षांत समारोह आयोजित किया जा रहा है. कार्यक्रम MNIT कैंपस में आयोजित हो रहा है जहां राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संबोधित करते हुए कहा कि डिग्री और पदक पाने वाले सभी स्टूडेंट्स को बधाई देती हूं. गोल्ड मेडल पाने वाले स्टूडेंट्स में छात्राओं की संख्या ज्यादा है. जो की वाकई में काबिले तारीफ है. मैं फिर से बेटियों को बधाई देती हूं. मुझे पता चला कि सबसे ज्यादा राशि का प्लेसमेंट पानी वाली भी छात्रा है.  पिछले समय से अब छात्राओं के नामांकन में भी अच्छी बढ़ोतरी देखी गई. MNIT कई विदेशी संस्थाओं के साथ मिलकर काम कर रहा है. 

NIRF की रेटिंग में MNIT देश के सर्वश्रेष्ठ 50 संस्थानों में शामिल है. मुझे उम्मीद है कि आने वाले वक्त में आप टॉप 10 में आएंगे. इनोवेशन और रिसर्च में MNIT ने देश को आगे बढ़ाने का काम किया. मुझे पता चला कि यहां के स्टूडेंट्स की ओर से पौधारोपण भी किया गया. इन पौधों को चार साल तक देखभाल का जिम्मा भी उठाया है. पर्यावरण संरक्षण करने के लिए आगे आना चाहिए. भगवत गीता में एक श्लोक है. मुझे उम्मीद है आप अपना काम पूरी दक्षता और निष्पक्ष रूप से करेंगे. 
 
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मौजूदगी हमारे लिए गौरव की बात है. कुछ सालों में MNIT ने बेहतरीन शिक्षा देने का काम किया है. मैं डिग्री पाने वाले सभी स्टूडेंट्स को बधाई देता हूं. आपने जब उपाधि ली है जब दुनिया तेजी से बदल रही है. मुझे पूरी उम्मीद है कि आप देश के विकास में अपना योगदान देंगे. आप सभी सकारात्मक विचारों के साथ समाज में बदलाव का कार्य करेंगे. हम 5 साल में 4 लाख भर्ती करने जा रहे है. हमारी सरकार युवा नीति 2024 लेकर आ रही है. जिससे युवाओं का विकास किया जाएगा. 2 साल की अवधि में 1.5 लाख युवाओं को प्रशिक्षित किया जा रहा है. युवावस्था से उद्यमशीलता का विकास करने के लिए विद्यालय और महाविद्यालय में विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम चला रहे है. 

 

वहीं राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने कहा कि शिक्षा प्राप्त करने के बाद समाज में अपना योगदान दें. अपने अंदर नैतिक गुणों का विकास करे. पर्यावरण के प्रति संवेदनशील रहे. नई शिक्षा नीति के अनुरूप शिक्षा प्राप्त करें. रोजगार पाने वाले नहीं रोजगार देने वाले बने. भारत के विकास में युवाओं की भूमिका बेहद जरूरी है. युवा अपने नैतिक मूल्यों को अच्छे से पढ़े. जिससे सबका साथ सबका विकास हो सके. युवाओं को राष्ट्र के विकास में अपना योगदान दे. युवा शक्ति राष्ट्र की बौद्धिक संपदा है. हम सभी साथ मिलकर राष्ट्र को विकास की राह पर ले जाए. हम राष्ट्र आराधना, तन से मन से, धन से करे.