चित्तौड़गढ़ {पीके अग्रवाल}: चित्तौड़गढ़ की ऐतिहासिक वीर भूमि पर स्वदेशी के संकल्प ने एक बार फिर राष्ट्रवाद की चेतना को नई ऊर्जा दी है. राष्ट्रीय स्वदेशी महोत्सव के माध्यम से देशभर के कारीगरों, किसानों और उद्यमियों को एक साझा मंच मिला है. महामहिम राज्यपाल हरिभाऊ किसनराव बागड़े की उपस्थिति में शुरू हुए इस महोत्सव में स्वदेशी केवल उत्पाद नहीं, बल्कि आत्मनिर्भर भारत की मजबूत आधारशिला बनकर उभरा है. यह आयोजन न केवल आर्थिक सशक्तिकरण का प्रतीक है, बल्कि सांस्कृतिक और वैचारिक चेतना का भी संगम है.
चित्तौड़गढ़ में आयोजित राष्ट्रीय स्वदेशी महोत्सव अपने आप में ऐतिहासिक बन गया है. देश के विभिन्न राज्यों से आए कारीगरों, उद्यमियों और कलाकारों ने स्वदेशी उत्पादों के माध्यम से भारत की आत्मनिर्भरता को सशक्त रूप में प्रस्तुत किया. विशाल पंडाल में सजे स्टॉल, सांस्कृतिक कार्यक्रम और लोक कलाओं ने महोत्सव को राष्ट्रीय स्वरूप दिया. महामहिम राज्यपाल ने इसे चित्तौड़गढ़ के लिए गौरव का क्षण बताया और स्वदेशी को राष्ट्रहित से जोड़ा.
राज्यपाल हरिभाऊ किसनराव बागड़े ने स्वदेशी को भारत की आर्थिक शक्ति का आधार बताया. उन्होंने कहा कि स्वदेशी उत्पादों से रोजगार, बैंकिंग, कर व्यवस्था और श्रम सभी देश के भीतर सशक्त होते हैं. पतंजलि योगपीठ के सहसंस्थापक आचार्य बालकृष्ण ने भी स्वदेशी को जन-जागरण का माध्यम बताते हुए इसे संस्कृति, पर्यावरण और रोजगार से जोड़ा. दोनों नेताओं ने विदेशी निर्भरता घटाकर स्वदेशी को अपनाने का आह्वान किया.
सांसद सीपी जोशी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से चित्तौड़गढ़ में यह भव्य स्वदेशी महोत्सव आयोजित हो रहा है. उन्होंने बताया कि पांच दिनों तक चलने वाले इस आयोजन में सांस्कृतिक प्रस्तुतियां, विशाल घूमर, खेलकूद प्रतियोगिताएं और देशभर के कलाकारों की भागीदारी होगी. सहकारिता मंत्री गौतम दक ने कहा कि विकसित भारत 2047 के लक्ष्य को स्वदेशी अपनाकर ही प्राप्त किया जा सकता है.
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की प्रदर्शनी इस महोत्सव का प्रमुख आकर्षण बनी हुई है. प्रदर्शनी के माध्यम से केंद्र सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी आमजन और विद्यार्थियों तक पहुंचाई जा रही है. स्वास्थ्य, महिला, युवा और किसान योजनाओं को सरल तरीके से प्रस्तुत किया गया. अधिकारियों ने इसे जागरूकता का सशक्त माध्यम बताया.
राष्ट्रीय स्वदेशी महोत्सव केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि आत्मनिर्भर भारत के संकल्प की जीवंत तस्वीर है. स्वदेशी उत्पादों की गुणवत्ता, विविधता और सांस्कृतिक समृद्धि ने यह संदेश दिया कि भारत अपनी जरूरतों को स्वयं पूरा करने में सक्षम है. चित्तौड़गढ़ की धरती से उठा यह स्वदेशी संदेश प्रदेश ही नहीं, देशभर को प्रेरणा दे रहा है.
चित्तौड़गढ़ में राष्ट्रीय स्वदेशी महोत्सव का भव्य आयोजन
महामहिम राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े ने किया उद्घाटन
देशभर से स्वदेशी उत्पादों और कलाकारों की भागीदारी
पतंजलि और जिला प्रशासन की सक्रिय भूमिका
सूचना प्रसारण मंत्रालय की योजनाओं की प्रदर्शनी
सांस्कृतिक कार्यक्रम, घूमर और खेलकूद प्रतियोगिताएं
आत्मनिर्भर भारत और विकसित भारत 2047 का संकल्प
चित्तौड़गढ़ की वीर भूमि पर राष्ट्रीय स्वदेशी महोत्सव का भव्य शुभारंभ
राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े ने स्वदेशी को राष्ट्र की आर्थिक शक्ति बताया
देशभर से आए कारीगरों और उद्यमियों ने स्वदेशी उत्पादों का प्रदर्शन किया
आचार्य बालकृष्ण ने स्वदेशी को रोजगार और राष्ट्रवाद का आधार बताया
सांसद सीपी जोशी ने महोत्सव को ऐतिहासिक और प्रेरणादायक आयोजन कहा
सहकारिता मंत्री गौतम दक ने विकसित भारत 2047 से स्वदेशी को जोड़ा
सूचना प्रसारण मंत्रालय की प्रदर्शनी बनी जन जागरूकता का माध्यम
विद्यार्थियों और आमजन को योजनाओं की मिली सीधी जानकारी
स्वदेशी महोत्सव से आत्मनिर्भर भारत का मजबूत संदेश पूरे प्रदेश में गूंजा