काम में लापरवाही तो खिलाफ होगी कार्यवाही ! प्रोबेशनर अधिकारी-कर्मचारी को लेकर दिशा-निर्देश, देखिए खास रिपोर्ट

जयपुरः प्रोबेशनर अधिकारी,कर्मचारी के खिलाफ सेवा समाप्ति तक की कार्यवाही हो सकती है. कार्मिक विभाग ने प्रोबेशनर कर्मचारी का काम संतोषजनक नहीं पाए जाने पर अनुशासनात्मक कार्यवाही को लेकर विस्तृत दिशानिर्देश जारी किए गए हैं. 

सरकारी कर्मचारी के प्रोबेशनर अवधि के दौरान असंतोषजनक प्रगति को लेकर क्या क्या कार्यवाही की जा सकती है,इसे लेकर कार्मिक सचिव डॉ.के.के.पाठक ने दिशानिर्देश जारी किए हैं-

ये हैं दिशानिर्देश 
नियुक्त अधिकारी को प्रोबेशन की अवधि में प्रोबेशनर की सेवाएं संतोषप्रद नहीं हैं तो नियुक्ति अधिकारी उसे उस पद पर भेज सकेगा जिसमें उसकी नियुक्ति के ठीक पूर्व नियमित रूप से चयनित किया गया हो या अन्य मामलों में उसे सेवामुक्त कर सकेगा या उसकी सेवा समाप्त कर सकेगा. 

नियुक्ति अधिकारी किसी भी मामले या मामलों के किसी वर्ग में यदि उचित समझे तो किसी प्रोबेशनर की प्रोबेशन अवधि को 1 साल तक बढ़ा सकेगा. 

यह बताई गई है प्रक्रिया
अनुशासनात्मक कार्यवाही के तहत संबंधित कर्मचारी के खिलाफ कारण बताओ नोटिस या आरोप पत्र देना जरूरी होगा. 

नोटिस के तहत अधिसूचना संख्या का स्पष्ट जिक्र करना जरूरी है. 

संतोषप्रद प्रत्युत्तर न देने या उत्तर न देने पर यह हो सकती है कार्यवाही

प्रोबेशनर को कार्य को बेहतर करने का मौका देकर उसकी प्रोबेशन अवधि बढ़ाई जा सकती है या प्रोबेशनर के किए गए काम को देखते हुए उसकी सेवा समाप्ति की जा सकती है. 

अगर प्रोबेशन के समय 30 दिन से ज्यादा असाधारण अवकाश लिया तो उतने ही दिनों की प्रोबेशन अवधि में बढ़ोतरी करनी चाहिए. 

नियोक्ता अधिकारी और अनुशासनात्मक कार्यवाही वाले अधिकारी अलग हो सकते हैं. ऐसे में कर्मी की सेवा समाप्ति के प्रस्ताव पर कार्यवाही के लिए नियोक्ता अधिकारी को सारे तथ्यों के साथ भेजना चाहिए. 

नियोक्ता अधिकारी की ओर से विचार करते हुए अंतिम आदेश जारी किया जाएगा. 

प्रोबेशनर पूर्व में किसी सेवा में था और नई सेवा में आया है तो असंतोषजनक सेवा होने पर उसे पूर्व की नियमित सेवा /पद पर भेजा जा सकेगा.  

प्रोबेशनर की सेवाएं संतोषप्रद नहीं पाए जाने पर एचओडी या कलेक्टर की ओर से शुरू करके जांच अनुरूप अपनी अभिशंसा से नियुक्ति अधिकारी को बताएगा जिसके बाद प्रोबेशनर को सुनवाई का समुचित अवसर देते हुए नियुक्ति प्राधिकारी अंतिम आदेश जारी करेगा.