राजस्थान कोचिंग सेंटर नियंत्रण और विनियमन विधेयक 2025 पर विधानसभा में चर्चा, जानिए किसने क्या कहा?

राजस्थान कोचिंग सेंटर नियंत्रण और विनियमन विधेयक 2025 पर विधानसभा में चर्चा, जानिए किसने क्या कहा?

जयपुर: राजस्थान विधानसभा का बजट सत्र में राजस्थान कोचिंग सेंटर नियंत्रण और विनियमन विधेयक 2025 पर चर्चा हो रही है. बजट सत्र में कोचिंग सेंटरों और उनकी फीस को लेकर गहन चर्चा हुई. विभिन्न सदस्यों ने बच्चों और उनके अभिभावकों पर बढ़ते मानसिक दबाव और फीस की समस्या पर चिंता जताई. नरेंद्र बुढ़ानिया ने सदन में कहा कि आजकल कोचिंग सेंटरों में बच्चों से सबसे अधिक फीस ली जा रही है, जो सबसे बड़ी और मूलभूत समस्या बन चुकी है. 

प्राधिकरण के पास फीस पर नियंत्रण का अधिकार नहीं है, और कोचिंग सेंटरों को युक्ति संगत फीस लेने का अधिकार दिया गया है, जो अनुचित है. सरकार को इस पर नियंत्रण लगाना चाहिए, क्योंकि कोचिंग सेंटर बच्चों से लूट रहे हैं और मानसिक दबाव भी बना रहे हैं. इसके कारण आम आदमी कर्ज ले रहा है और अपनी ज़मीन गिरवी रख रहा है.हरिमोहन शर्मा ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि इस विधेयक के आने से बच्चों की आत्महत्याएं रुक पाएंगी. बच्चों पर पेरेंट्स का मानसिक दबाव बहुत अधिक होता है. कई बार बच्चों की क्षमता और इच्छा के बावजूद, माता-पिता उन पर दबाव डालते हैं. हमें बच्चों की ग्रुपिंग पर ध्यान देना चाहिए. 

अनिता भदेल ने कहा कि कोचिंग सेंटरों में बच्चों का IQ लेवल अच्छा हो जाता है, यही सोच कर अभिभावक उन्हें वहां भेजते हैं, लेकिन इससे बच्चों पर मानसिक दबाव बढ़ जाता है. मेरा मानना है कि अभिभावकों के लिए काउंसलिंग की व्यवस्था होनी चाहिए ताकि आत्महत्याओं को रोका जा सके. इस विधेयक में अभिभावकों का जिक्र नहीं है, जो होना चाहिए था. रामस्वरूप लाम्बा ने कहा कि होनहार विद्यार्थी विज्ञापनों के फेर में फंस जाते हैं और उन्हें वह परिणाम नहीं मिल पाता, जिसकी वे उम्मीद करते हैं. यह भी आत्महत्या के कारणों में शामिल है.

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