जयपुरः रणथंभौर टाइगर रिजर्व में बाघों की सत्ता संघर्ष और क्षेत्र विस्तार की नई पटकथा लिखी जा रही है. वन विभाग ने हाल ही में टी 69, टी 135, टी 124 (रिद्धि), टी 84 (एरोहेड) और टी 107 (सुल्ताना) के 12 शावकों को दो वर्ष का होने पर आधिकारिक पहचान (RBT कोड) जारी की है, जो अब बाघों की दुनिया में अपनी स्वतंत्र पहचान के साथ स्थापित होने जा रहे हैं. यही 12 युवा बाघ रणथंभौर की नई ‘बाघ सत्ता’ के संभावित दावेदार बन चुके हैं.
शावकों को मिला RBT कोड – रणथंभौर की नई पीढ़ी की पहचान:
टी 69 की मादा शावक: RBT 2501
टी 135 के शावक: मादा - RBT 2502 | नर - RBT 2503
टी 124 रिद्धि के शावक: मादा - RBT 2504 | नर - RBT 2505, 2506
टी 84 एरोहेड के शावक: मादा - RBT 2507, 2508 | नर - RBT 2509
टी 107 सुल्ताना के शावक: मादा - RBT 2510 | नर - RBT 2511, 2512
इन सभी 12 युवाओं ने हाल ही में मां से अलग होने की प्रक्रिया में रणथंभौर की सीमाओं में गश्त बढ़ा दी है, जिससे टाइगर रिजर्व में हलचल तेज हो गई है. इनमें से RBT 2507 (कनकटी उर्फ अन्वी) और RBT 2509 (टी 84 का नर शावक) को बीड और करौली एन्क्लोजर में शिफ्ट किया जा चुका है. NTCA (राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण) से इनकी मुकुंदरा टाइगर रिजर्व में शिफ्टिंग की अनुमति भी प्राप्त हो चुकी है.
एरोहेड की दूसरी बेटी RBT 2508 को आज आमाघाटी क्षेत्र से ट्रेंकुलाइज कर रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व में शिफ्ट कर दिया गया. टी 84 एरोहेड की मादा शावक RBT 2508 बीते दो-तीन दिन से वन विभाग की पकड़ से बाहर थी. टीम उसे आमाघाटी क्षेत्र में ट्रैक करने का प्रयास कर रही थी. आज ट्रैकिंग होते ही उसे ट्रेंकुलाइजर कर रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व भेज दिया गया.
बढ़ती बाघ सक्रियता और मानव-वन्यजीव संघर्ष:
रणथंभौर में इन युवा बाघों की बढ़ती सक्रियता के बीच 16 अप्रैल, 11 मई और 9 जून को तीन अलग-अलग घटनाओं में बाघ हमलों से मानव मृत्यु की घटनाएं दर्ज की गईं हैं.
16 अप्रैल: अमराई में बाघ के हमले में 7 वर्षीय कार्तिक की मौत
11 मई: बाघिन के हमले में रेंजर देवेंद्र चौधरी की मौत
9 जून: बाघ के हमले में जैन मंदिर के चौकीदार राधेश्याम माली की मौत
13 जून कृषि पर्यवेक्षक और होमगार्ड बाघ के हमले में घायल
ये घटनाएं स्पष्ट संकेत देती हैं कि युवाओं के क्षेत्र विस्तार की प्रक्रिया अब मानव बस्तियों के नजदीक पहुंच रही है, जिससे वन विभाग की जिम्मेदारियां और चुनौतियां दोनों बढ़ गई हैं.
रणनीति और निगरानी का दौर:
वन विभाग फील्ड डायरेक्टर अनूप केआर ने बताया इन 12 युवाओं पर निगरानी के लिए ट्रैकिंग, ड्रोन और कैमरा ट्रैपिंग जैसे आधुनिक संसाधनों का प्रयोग कर रहा है. विभाग का कहना है कि इन्हें समय रहते नियंत्रित और सुरक्षित क्षेत्रों में ट्रांसफर कर ही मानव-वन्यजीव संघर्ष को रोका जा सकता है. रणथंभौर टाइगर रिजर्व में सत्ता संघर्ष के नए अध्याय की शुरुआत हो चुकी है. 12 युवा बाघों की पहचान और गतिविधियों ने न केवल वन प्रशासन को सक्रिय किया है, बल्कि आमजन के बीच भी बाघों के प्रति नई चेतना और सजगता लाई है. अब देखना यह होगा कि ये युवा किस क्षेत्र को अपनी सत्ता बनाते हैं और वन विभाग इस ‘टाइगर ट्रांजिशन’ को कितनी प्रभावी रणनीति से नियंत्रित करता है.