KeyNote by Pawan Arora: SIR क्या है? राजस्थान में चल रही प्रक्रिया पर नवीन महाजन का SUPER EXCLUSIVE INTERVIEW

जयपुरः First India News के सीईओ और मैनेजिंग एडिटर पवन अरोड़ा ने राजस्थान के मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवीन महाजन का KeyNote by Pawan Arora कार्यक्रम में SUPER EXCLUSIVE INTERVIEW लिया. जिसमें सटीक सवालों का मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवीन महाजन ने जवाब दिया. 

राजस्थान में इस समय स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन यानी (SIR) को लेकर काफी चर्चा है. बिहार में जब SIR हुआ था तो उसके बाद कई तरह की भ्रांतियां सामने आई थीं. इसी संदर्भ में राजस्थान के मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवीन महाजन का एक विस्तृत इंटरव्यू सामने आया, जिसमें उन्होंने पूरी प्रक्रिया, चुनौतियों, पारदर्शिता, आपत्तियों और SIR के महत्व पर खुलकर बात की. 

SIR क्यों चलाया जा रहा है?
नवीन महाजन ने बताया कि SIR का मुख्य उद्देश्य मतदाता सूची की शुद्धिकरण प्रक्रिया है. समय के साथ कई गलतियां और गड़बड़ियां वोटर लिस्ट में जमा हो जाती हैं. जैसे:
-जिन लोगों की मृत्यु हो चुकी है, उनके नाम अभी भी लिस्ट में बने रहते हैं.
-नौकरी या अन्य कारणों से एक व्यक्ति एक शहर से दूसरे शहर जाता है, लेकिन अपनी पुरानी वोटर एंट्री हटवाता नहीं है.
-कुछ लोग दो जगहों पर वोटर बन जाते हैं, अपने मूल स्थान और वर्तमान निवास, दोनों जगह नाम जुड़वा लेते हैं.
-SIR इन सभी त्रुटियों को सुधारता है ताकि लिस्ट साफ और अपडेटेड रहे.
महाजन कहते हैं कि SIR किसी भी तरह से सिर्फ नाम हटाने की प्रक्रिया नहीं है. यह उतनी ही मात्रा में *नए पात्र वोटर्स* को जोड़ने की भी प्रक्रिया है. खासकर 18–19 वर्ष के युवाओं के नाम बड़ी संख्या में जोड़े जाते हैं.

क्या राजस्थान में भी बिहार जैसा बड़े पैमाने पर नाम हटेंगे?
महाजन ने साफ कहा कि यह एक मिथक है. SIR का उद्देश्य गलत नाम हटाना और सही नाम जोड़ना है. राजस्थान में फोकस यह है कि जो लोग पात्र नहीं हैं, केवल उनके नाम हटेंगे. जो लोग पात्र हैं लेकिन अब तक सूची में नहीं हैं, उन्हें शामिल किया जाएगा. शहरों में नौजवान और पलायन करने वाले कामगारों की पहचान कर उन्हें भी जोड़ने का प्रयास हो रहा है.

डुप्लीकेट वोटर्स की पहचान कैसे होती है? क्या कोई राष्ट्रीय पोर्टल है?
नवीन महाजन ने  बताया कि BLO घर-घर जाकर फिजिकल वेरिफिकेशन करता है. साथ ही ECI की वेबसाइट पर पूरे देश की वोटर लिस्ट उपलब्ध है. कोई भी नागरिक वहां चेक कर सकता है कि उसका नाम कहां-कहां दर्ज है. राजस्थान में *मैपिंग मॉडल* का बहुत विस्तृत और प्रभावी उपयोग किया गया है. 2002 में राज्य में पिछला SIR हुआ था. उस समय की सूची में मौजूद वोटर्स की तुलना मौजूदा रिकॉर्ड से की गई. इस मैपिंग ने यह सुनिश्चित किया कि जिनकी पहचान स्पष्ट हो चुकी है उनसे दस्तावेज नहीं मांगे गए.

नवीन महाजन के अनुसार:
-राजस्थान में 70 प्रतिशत वोटर्स की मैपिंग पहले ही हो चुकी है.
-ऐसे लोग सिर्फ एन्यूमरेशन फॉर्म और एक फोटो जमा कर रहे हैं.
-उन्हें किसी अतिरिक्त दस्तावेज की जरूरत नहीं है.

फॉर्म-6 की भूमिका
नवीन महाजन ने  बताया कि एन्यूमरेशन फॉर्म दिया जा रहा है, लेकिन अगर किसी नया नाम जुड़वाना है तो इसके लिए "फॉर्म-6" भरना होगा. यह फॉर्म BLO के पास उपलब्ध है. पहले चरण में फोकस था कि हर मतदाता तक एन्यूमरेशन फॉर्म पहुंच जाए, इसलिए फॉर्म-6 अगले चरण में अधिक प्रचारित किया जाएगा.

आधार और मोबाइल नंबर को लेकर चिंता
लोगों की यह चिंता है कि आधार नंबर लिया जा रहा है और यह सुरक्षा जोखिम बन सकता है.
महाजन ने स्पष्ट कहा कि आधार देना वैकल्पिक है. मोबाइल नंबर इसलिए लिया जा रहा है ताकि ड्राफ्ट रोल या किसी बदलाव की सूचना सीधे मतदाता तक पहुंच सके. ECI डेटा प्राइवेसी नियमों के तहत सख्त सुरक्षा उपाय अपनाती है. राजस्थान में एक लाख से अधिक लोग ऑनलाइन SIR फॉर्म भर चुके हैं.

माइग्रेंट लेबर और घुमंतू जातियों तक पहुंच
महाजन कहते हैं कि राजस्थान प्रशासन पहले से ही इस तरह के समुदायों को लेकर संवेदनशील है. फील्ड टीमें इन समुदायों तक जाकर फॉर्म-6 भरवा रही हैं ताकि वे वोटर लिस्ट से बाहर न रहें.

BLO की ट्रेनिंग
राजस्थान में 52 हजार से ज्यादा BLO तैनात हैं, और यह संख्या बढ़कर 62 हजार तक पहुंच जाएगी. नए पोलिंग स्टेशन बनाए जा रहे हैं ताकि किसी भी बूथ पर मतदाताओं की संख्या 1200 से ज्यादा न रहे. BLO की ट्रेनिंग पर भी विशेष ध्यान दिया गया
-विस्तृत ओरिएंटेशन
-रिटन टेस्ट
-रिफ्रेशर कोर्स
-मैपिंग और दस्तावेजी प्रक्रियाओं का पूरा प्रशिक्षण
इससे BLO मतदाताओं के सवाल आत्मविश्वास के साथ हल कर पा रहे हैं.

विपक्षी दलों की आपत्तियां क्या हैं?
इस पर महाजन ने कहा कि पूरी प्रक्रिया पारदर्शी है. हर पार्टी ने बूथ लेवल एजेंट तैनात किए हैं. सोशल मीडिया, प्रिंट और टीवी पर किसी भी समस्या पर तुरंत प्रतिक्रिया मिल जाती है. अब तक किसी गंभीर शिकायत का आधार सामने नहीं आया है.

नए पोलिंग स्टेशन और वोटर लिस्ट का कैलेंडर
राजस्थान में करीब 9 हजार नए मतदान केंद्र बनाए जा रहे हैं.
SIR की समयसीमा:
-4 नवंबर से 4 दिसंबर: फॉर्म भरवाना और अपलोड करना
-9 दिसंबर: ड्राफ्ट वोटर लिस्ट प्रकाशित
-9 दिसंबर से 1 माह: दावे और आपत्तियां
-7 फरवरी: फाइनल वोटर लिस्ट
इसके बाद चुनाव का निर्णय राज्य निर्वाचन आयोग का होगा.

दावे और आपत्तियां कैसे दर्ज होंगी?
नवीन महाजन ने  बताया कि आपत्ति ERO के पास दर्ज की जा सकती है.
-BLO के माध्यम से
-मतदान केंद्र पर
-या ऑनलाइन
 ERO जरूरत पड़ने पर BLO, सुपरवाइजर या वरिष्ठ अधिकारी द्वारा जांच करवा सकता है. नाखुश होने पर अपील कलेक्टर के पास, फिर CEO के पास की जा सकती है.

राजस्थान SIR में सबसे आगे क्यों है?
महाजन बताते हैं कि राजस्थान की टीम शुरू से ही व्यवस्थित तरीके से काम कर रही है. कलेक्टर और SDM सक्रिय भूमिका में हैं. 100 प्रतिशत फॉर्म वितरण बहुत कम दिनों में पूरा हो गया. 10–11 दिनों में 15 प्रतिशत फॉर्म डिजिटलाइज़ भी कर दिए गए.देशभर में जितने फॉर्म अपलोड हुए, उनमें से 55 प्रतिशत अकेले राजस्थान के हैं.

नवीन महाजन का निजी जीवन
महाजन बताते हैं कि उनका झुकाव इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर की ओर है. वे रीको, RUIDP, वाटर सेक्टर और PWD जैसी जिम्मेदार भूमिकाओं में काम कर चुके हैं.

स्पोर्ट्स और फिटनेस
वे 20–25 साल से रोज सुबह टेनिस खेलते हैं. यह उनकी ऊर्जा और संतुलन का मुख्य स्रोत है. वे मानते हैं कि खेल व्यक्ति को संतुलित, केंद्रित और अनुशासित बनाता है, जो SIR जैसी बड़ी जिम्मेदारियों को संभालने में मदद करता है.

परिवार
उनकी पत्नी डॉक्टर और अंतरराष्ट्रीय स्तर की पेंटर हैं.
इन दिनों उनका आर्ट एग्जिबिशन पेरिस में चल रहा है.
महाजन कहते हैं कि किसी भी क्रिएटिव पार्टनर को सपोर्ट करना जरूरी है, और यदि SIR न चलता तो वे खुद भी उनके साथ होते.