SMS अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में भीषण आग, 4 पुरुष और 2 महिलाओं समेत 6 मरीजों ने गंवाई जान

SMS अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में भीषण आग, 4 पुरुष और 2 महिलाओं समेत 6 मरीजों ने गंवाई जान

जयपुर : सवाई मानसिंह अस्पताल (SMS) के ट्रॉमा सेंटर में रविवार देर रात भीषण आग लग गई. ट्रोमा सेंटर के दर्दनाक हादसे में 4 पुरुष और 2 महिलाओं समेत 6 मरीजों ने जान गंवाई. अग्निकांड के मृतकों के नाम सामने आ गए हैं.

अग्निकांड में भरतपुर के श्रीनाथ, रुकमणि और खुसमा की मौत हुई है. वहीं सांगानेर के बहादुर, सीकर के पिंटू और आंधी के दिलीप की अग्निकांड में मौत हुई है. घायल 5 मरीजों की हालत फिलहाल चिंताजनक बनी हुई है. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा भी घायलों का हालचाल जान कुछ देर पहले ही अस्पताल से निकले हैं.

अग्निकांड में SMS अस्पताल प्रशासन की बड़ी लापरवाही उजागर:
इस अग्निकांड में SMS अस्पताल प्रशासन की बड़ी लापरवाही उजागर हो गई है. ICU धुआं-धुआं होता रहा लेकिन जिम्मेदारों ने सुध नहीं ली. प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक करीब 11:20 बजे के आसपास ICU में धुआं दिखने लगा था. इस बारे में परिजनों ने मौजूद स्टाफ और चिकित्सकों को सूचना दी. लेकिन इसके बावजूद तत्काल कोई एक्शन नहीं लिया गया. और देखते ही देखते आधे घंटे के भीतर आग ने विकराल रूप ले लिया और 11 मरीज फंस गए.  

हालांकि इस दौरान 3 से 4 मरीजों को बाहर निकाला गया. लेकिन फिर भी 6 से 7 मरीज आग की लपट और धुआं में फंस गए. संभवतया अंत में बड़ी जद्दोजहद में निकाले 6 से 7 मरीजों में से ही 6 ने जान गंवाई. इससे पहले भी SMS अस्पताल में  आग लगने की घटनाओं की बड़ी लापरवाही उजागर हो चुकी है.

ऐसे में पूरा अस्पताल प्रशासन सवालों के घेरे में है. सबसे बड़ा सवाल ये कि ICU जैसी संवेदनशील जगह पर आग की जानकारी क्यों नहीं लग पाई? परिजनों के मुताबिक जब सूचना दे दी गई थी तो तत्काल कदम क्यों नहीं उठाए गए ?फिलहाल आग लगने के कारणों का भी खुलासा नहीं हो पाया है.