जयपुरः परिवहन विभाग के अब तक के सबसे बड़े घोटालों में से एक माने जा रहे थ्री डिजिट वीआईपी नंबर घोटाले पर आखिरकार सख्त कार्रवाई की शुरुआत हो गई है. आरटीओ प्रथम से मिली जानकारी के अनुसार जयपुर में पंजीकृत 2000 से अधिक वीआईपी थ्री डिजिट वाहन नंबरों की 360 डिग्री ऑडिट और जांच प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. इस कार्रवाई के तहत 2 हजार से अधिक वाहन स्वामियों को नोटिस जारी करने की तैयारी कर ली गई है.
जयपुर आरटीओ प्रथम कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार अब हर वाहन के पंजीयन नंबर, स्वामित्व विवरण और आवंटन प्रक्रिया की गहन जांच की जाएगी. जांच में यदि किसी भी स्तर पर अनियमितता या नियमों का उल्लंघन पाया गया, तो ऐसे वाहनों के थ्री डिजिट नंबर तत्काल प्रभाव से निरस्त किए जाएंगे. साथ ही फर्जी या मिथ्या दस्तावेज तैयार करने वाले आरोपियों के खिलाफ आपराधिक मुकदमे दर्ज किए जाएंगे.परिवहन विभाग ने साफ किया है कि यह कार्रवाई केवल वाहन स्वामियों तक सीमित नहीं रहेगी. जांच के दायरे में दोषी कार्मिक, दलाल और अन्य संलिप्त व्यक्ति भी शामिल होंगे. जयपुर में पंजीकृत सभी थ्री डिजिट वाहनों की विशेष ऑडिट कराई जा रही है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि किन मामलों में नियमों को दरकिनार कर वीआईपी नंबर आवंटित किए गए.विभागीय सूत्रों के अनुसार पूरे राजस्थान में इस घोटाले से जुड़े 400 से अधिक कार्मिकों की भूमिका संदिग्ध मानी जा रही है, जबकि केवल जयपुर में 30 से ज्यादा कार्मिक जांच के घेरे में हैं. यह तथ्य सामने आने के बाद परिवहन विभाग ने कार्रवाई की समय-सीमा भी तय कर दी है.
परिवहन मुख्यालय के निर्देशों के अनुसार 20 दिसंबर तक विस्तृत चार्जशीट तैयार कर परिवहन मुख्यालय को भेजना अनिवार्य किया गया है. वहीं 30 दिसंबर तक दोषियों के खिलाफ आपराधिक मुकदमे दर्ज कराने की डेडलाइन तय की गई है. विभाग ने स्पष्ट संकेत दिए हैं कि तय समय-सीमा में कार्रवाई नहीं होने पर जिम्मेदार अधिकारियों पर भी अनुशासनात्मक कदम उठाए जा सकते हैं.परिवहन विभाग का मानना है कि यह घोटाला न केवल राजस्व को नुकसान पहुंचाने वाला है, बल्कि व्यवस्था की पारदर्शिता पर भी गंभीर सवाल खड़े करता है. इसी कारण इस बार किसी भी स्तर पर ढिलाई न बरतने के निर्देश दिए गए हैं. विभागीय अधिकारियों का कहना है कि यह कार्रवाई आगे पूरे प्रदेश में वीआईपी नंबर आवंटन प्रणाली को पारदर्शी और नियमसम्मत बनाने की दिशा में बड़ा कदम साबित होगी.थ्री डिजिट नंबर घोटाले पर शुरू हुई यह सख्त कार्रवाई अब परिवहन विभाग के भीतर और बाहर दोनों जगह हलचल मचा रही है, और आने वाले दिनों में कई बड़े नामों के बेनकाब होने की संभावना जताई जा रही है.