वेडिंग ऑन व्हील्स: शाही ट्रेन पर डेस्टिनेशन वेडिंग की तैयारी, अगला सत्र 17 सितंबर से होगा शुरू, देखिए ये खास रिपोर्ट

जयपुर: शाही ट्रेन पैलेस ऑन व्हील्स पर डेस्टिनेशन वेडिंग को लेकर पर्यटन निगम ओ एंड एम ऑपरेटर की ओर से प्रयास शुरू कर दिए गए हैं. फिलहाल शाही ट्रेन रेलवे के अजमेर वर्कशॉप में वार्षिक रखरखाव के लिए गई है. वहां से आने के बाद इसके दोनों रेस्टोरेंट के अपग्रेडेशन के साथ ही डेस्टिनेशन वेडिंग को लेकर जयपुर में काम शुरू होगा. अनुबंध की शर्तों के मुताबिक पर्यटन निगम ने ओ&एम ऑपरेटर के सामने कुछ शर्तें रखी हैं. उम्मीद है सितंबर से शुरू हो रहे सत्र से पहले पर्यटन निगम और ओ एंड  एम ऑपरेटर के बीच सब कुछ ठीक हो जाएगा. 

कोरोना के दौर में शाही ट्रेन का संचालन बंद हुआ तो फिर इसे दोबारा शुरू करना एक चुनौती बन गया था.. लेकिन समन्वित प्रयासों से शाही ट्रेन का संचालन दोबारा शुरू हुआ. पिछले 42 साल से देश और दुनिया में भारत की सांस्कृतिक राजदूत के तौर पर पहचान रखने वाली और दुनिया की श्रेष्ठ दो लग्जरी टूरिस्ट ट्रेन में शुमार पैलेस ऑन व्हील्स को पहली बार निजी भागीदारी के साथ चलाने का निर्णय किया गया. क्यूब कंस्ट्रक्शन और ईजी टोल वे नाम की कंपनी को बतौर ओ एंड एम ऑपरेटर शाही ट्रेन के संचालन के 5 वर्ष के अधिकार दिए गए. पिछले सत्र में ऑपरेटर द्वारा 34 में से 22 फेरों पर शाही ट्रेन का संचालन किया गया, जिसमें करीब 790 पर्यटकों ने यात्रा की. 

अगले सत्र के लिए भी 500 से अधिक एडवांस बुकिंग शाही ट्रेन को मिल चुकी है. हालांकि ओ एंड एम ऑपरेटर ने सत्र के दौरान दो बार टैरिफ भी बढ़ाया.. लेकिन कई मामलों में ट्रैवल ब्लॉगर्स और कुछ सोशल मीडिया साइट्स पर शाही ट्रेन की सेवाओं और संचालन को लेकर विपरीत कमेंट भी देखने को मिले. इसके बाद पर्यटन निगम ने शाही ट्रेन के सीसीटीवी कैमरा का एक्सेस मांगा, साथ ही हर ट्रिप पर पर्यटन निगम की ओर से एक स्टाफ भेजने की बात हुई और पर्यटन निगम ने औचक निरीक्षण को लेकर भी ऑपरेटर को कहा है. पर्यटन निगम की प्रबंध निदेशक अनुपमा जोरवाल का कहना है कि शाही ट्रेन में अपग्रेडेशन के साथ-साथ डेस्टिनेशन वेडिंग को लेकर भी काफी कुछ प्लान किया गया है जिसे आचार संहिता के बाद आपसी सहमति से एग्जीक्यूट किया जाएगा.

दरअसल पैलेस ओं व्हील्स चार दशक से ज्यादा का अपना प्रभावशाली सफर पूरा कर चुकी है. ऐसे में इसकी पहचान दूसरे देशों में भारत के सांस्कृतिक राजदूत के तौर पर की जाती है. इसलिए पर्यटन निगम शाही ट्रेन की छवि, इसकी सुविधा और संचालन को लेकर कोई समझौता नहीं करना चाहता. ओ एंड एम ऑपरेटर के जरिए शाही ट्रेन को एक सत्र में चलाया जा चुका है और अब ऑपरेटर को साफ कहा गया है कि शाही ट्रेन की छवि और सुविधाओं को लेकर सुधार करें. इसके साथ ही मैरिज ऑन व्हील्स के कॉन्सेप्ट पर भी तेजी से काम किया जा रहा है. उम्मीद है शाही ट्रेन का अगला सत्र और बेहतर होगा.